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हाथ नहीं है तो क्या, हौसले बुलंद, पैरों से साकार करेंगे सपने - हाईस्कूल और इंटर

जिले के जामों विकास खंड क्षेत्र के अचलपुर में दीपिका (19) का जन्म हुआ था. दीपिका की प्रारंभिक शिक्षा प्राथमिक विद्यालय अचलपुर से हुई. उसके बाद उच्च प्राथमिक विद्यालय में जूनियर स्तर की शिक्षा ग्रहण की. छात्रा गांव में ही डिग्री काॅलेज में बीए की पढ़ाई कर रही है.

छात्रा दीपिका
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Published : Aug 3, 2022, 10:42 PM IST

अमेठी : 'तूफानों से आंख मिलाओ, सैलाबों पर वार करो. मल्लाहों का चक्कर छोड़ो, तैर के दरिया पार करो'. मशहूर शायर राहत इंदौरी की ये लाइनें अमेठी की रहने वाली दीपिका पर सटीक बैठती हैं. दीपिका जन्म से दिव्यांग है. दोनों हाथ नहीं हैं, लेकिन हौसले बुलंद हैं. छात्रा बीए की पढ़ाई कर रही है. सारा काम दोनों पैरों से करती है. परिजनों ने सरकार से सहयोग की मांग की है.

जिले के जामों विकास खंड क्षेत्र के अचलपुर में दीपिका (19) का जन्म हुआ था. दीपिका की प्रारंभिक शिक्षा प्राथमिक विद्यालय अचलपुर से हुई. उसके बाद उच्च प्राथमिक विद्यालय में जूनियर स्तर की शिक्षा ग्रहण की. छात्रा गांव में ही डिग्री काॅलेज में बीए की पढ़ाई कर रही है. दोनों हाथ न होने के चलते दीपिका पैरों से ही सारा काम करती है. छात्रा व परिजनों को शासन स्तर से कोई मदद न मिलने का मलाल जरूर है. समाज कल्याण विभाग में लगभग 31 स्वयंसेवी संस्थाओं ने दिव्यांगों और समाज के जरूरतमंदों की सहायता के लिये रजिस्ट्रेशन करा रखा है, बावजूद इसके अभी तक किसी योजना का लाभ दिव्यांग छात्रा को नहीं मिल सका है.

छात्रा दीपिका

छात्रा दीपिका ने बताया कि पैरों से लिखकर हाईस्कूल और इंटर पास किया है. पढ़लिख कर अपने पैरों पे खड़ी होना चाहती हूं. अपने देश का नाम रोशन करना चाहती हूं. कुछ बन कर दिखाना चाहती हूं. बताया कि पैसे की प्रॉब्लम है. मेरे पापा पढ़ाई का पूरा खर्च उठाते हैं. शासन प्रशासन से किसी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. मेरी पढ़ाई अच्छी हो सके इसके लिये सरकार से मदद चाहते हैं.

छात्रा दीपिका
छात्रा दीपिका


छात्रा के पिता समर बहादुर बताते हैं कि अभी तक किसी योजना का लाभ नहीं मिला है. कृषि का कार्य करते हैं. मेरे पास कोई रोजगार भी नहीं है. खेती से ही बेटी की पढ़ाई का खर्च उठाते हैं. सरकार से हम चाहते हैं कि बेटी को अच्छी सुविधा मिले ताकि वो अच्छे से पढ़ाई कर सके. अपने पैरों पर खड़ी होकर कुछ बन सके.

छात्रा दीपिका
छात्रा दीपिका


इसे भी पढ़ें : यूपी में प्राइवेट पब्लिकेशंस की 300 करोड़ की किताबें बेचने में लगा शिक्षा विभाग, खरीदने का बना रहे दबाव
जिला समाज कल्याण अधिकारी राजेश कुमार शर्मा ने बताया कि पात्रता के आधार पर आवेदन करने पर स्कॉलरशिप मिलती है. पूरा सहयोग किया जाएगा. उन्होंने बताया कि देखना होगा कि किस तरीके से प्रार्थना पत्र दिया है. स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा मदद ना किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि निश्चित ही यह बहुत निराशाजनक है. हम स्वयंसेवी संस्थाओं से अपील करते हैं कि एंसे बच्चों की सहायता के लिए आगे आएं. इसके साथ ही मेरी तरफ से जो भी मदद होगी हम करवाएंगे.
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अमेठी : 'तूफानों से आंख मिलाओ, सैलाबों पर वार करो. मल्लाहों का चक्कर छोड़ो, तैर के दरिया पार करो'. मशहूर शायर राहत इंदौरी की ये लाइनें अमेठी की रहने वाली दीपिका पर सटीक बैठती हैं. दीपिका जन्म से दिव्यांग है. दोनों हाथ नहीं हैं, लेकिन हौसले बुलंद हैं. छात्रा बीए की पढ़ाई कर रही है. सारा काम दोनों पैरों से करती है. परिजनों ने सरकार से सहयोग की मांग की है.

जिले के जामों विकास खंड क्षेत्र के अचलपुर में दीपिका (19) का जन्म हुआ था. दीपिका की प्रारंभिक शिक्षा प्राथमिक विद्यालय अचलपुर से हुई. उसके बाद उच्च प्राथमिक विद्यालय में जूनियर स्तर की शिक्षा ग्रहण की. छात्रा गांव में ही डिग्री काॅलेज में बीए की पढ़ाई कर रही है. दोनों हाथ न होने के चलते दीपिका पैरों से ही सारा काम करती है. छात्रा व परिजनों को शासन स्तर से कोई मदद न मिलने का मलाल जरूर है. समाज कल्याण विभाग में लगभग 31 स्वयंसेवी संस्थाओं ने दिव्यांगों और समाज के जरूरतमंदों की सहायता के लिये रजिस्ट्रेशन करा रखा है, बावजूद इसके अभी तक किसी योजना का लाभ दिव्यांग छात्रा को नहीं मिल सका है.

छात्रा दीपिका

छात्रा दीपिका ने बताया कि पैरों से लिखकर हाईस्कूल और इंटर पास किया है. पढ़लिख कर अपने पैरों पे खड़ी होना चाहती हूं. अपने देश का नाम रोशन करना चाहती हूं. कुछ बन कर दिखाना चाहती हूं. बताया कि पैसे की प्रॉब्लम है. मेरे पापा पढ़ाई का पूरा खर्च उठाते हैं. शासन प्रशासन से किसी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. मेरी पढ़ाई अच्छी हो सके इसके लिये सरकार से मदद चाहते हैं.

छात्रा दीपिका
छात्रा दीपिका


छात्रा के पिता समर बहादुर बताते हैं कि अभी तक किसी योजना का लाभ नहीं मिला है. कृषि का कार्य करते हैं. मेरे पास कोई रोजगार भी नहीं है. खेती से ही बेटी की पढ़ाई का खर्च उठाते हैं. सरकार से हम चाहते हैं कि बेटी को अच्छी सुविधा मिले ताकि वो अच्छे से पढ़ाई कर सके. अपने पैरों पर खड़ी होकर कुछ बन सके.

छात्रा दीपिका
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जिला समाज कल्याण अधिकारी राजेश कुमार शर्मा ने बताया कि पात्रता के आधार पर आवेदन करने पर स्कॉलरशिप मिलती है. पूरा सहयोग किया जाएगा. उन्होंने बताया कि देखना होगा कि किस तरीके से प्रार्थना पत्र दिया है. स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा मदद ना किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि निश्चित ही यह बहुत निराशाजनक है. हम स्वयंसेवी संस्थाओं से अपील करते हैं कि एंसे बच्चों की सहायता के लिए आगे आएं. इसके साथ ही मेरी तरफ से जो भी मदद होगी हम करवाएंगे.
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