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चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की बर्खास्तगी रद्द, बकाया सहित वेतन भुगतान का आदेश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बर्खास्त किए गए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को राहत देते हुए बकाया सहित नियमित वेतन भुगतान करने का निर्देश दिया है.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Jul 15, 2022, 11:02 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बर्खास्त किए गए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को बड़ी राहत दी है. न्यायालय ने याची को बहाल करते हुए बकाया सहित नियमित वेतन भुगतान करने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने इंटर कॉलेज खालिसपुर, गाजीपुर के कर्मचारी जितेंद्र यादव की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है.


याची को वर्ष 2008 में नियुक्त किया गया था. नियुक्ति के समय याची ने 2002 में जारी हाईस्कूल मार्कशीट प्रस्तुत की थी. इसमें उसकी जन्मतिथि 10 जुलाई 1986 दर्ज थी. किंतु 2009 में जितेंद्र बहादुर सिंह ने शिकायत की कि जितेंद्र यादव इससे पहले भी 1997 में हाईस्कूल पास कर चुका है. उन अभिलेखों के अनुसार जन्मतिथि 14 जनवरी 1981 है. प्रधानाचार्य ने शिकायत के आधार पर याची को बर्खास्त कर दिया था.

यह भी पढ़ें:योग्य सरकारी वकीलों की नियुक्ति करेगी यूपी सरकार, सरकारी महाधिवक्ता ने दिया कोर्ट को अश्वाशन


याची ने सेवा समाप्ति आदेश को कोर्ट में चुनौती दी थी. कोर्ट ने याचिका निस्तारित करते हुए डीआईओएस को गुणदोष के आधार पर निर्णय लेने का आदेश दिया. कहा कि याची को 7 प्रतिशत ब्याज के साथ बर्खास्तगी अवधि का वेतन भुगतान किया जाय. कोर्ट ने कहा कि आठ सप्ताह में एरियर भुगतान न होने की दशा में याची 12 फीसदी ब्याज के साथ भुगतान पाने का हकदार होगा.

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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बर्खास्त किए गए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को बड़ी राहत दी है. न्यायालय ने याची को बहाल करते हुए बकाया सहित नियमित वेतन भुगतान करने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने इंटर कॉलेज खालिसपुर, गाजीपुर के कर्मचारी जितेंद्र यादव की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है.


याची को वर्ष 2008 में नियुक्त किया गया था. नियुक्ति के समय याची ने 2002 में जारी हाईस्कूल मार्कशीट प्रस्तुत की थी. इसमें उसकी जन्मतिथि 10 जुलाई 1986 दर्ज थी. किंतु 2009 में जितेंद्र बहादुर सिंह ने शिकायत की कि जितेंद्र यादव इससे पहले भी 1997 में हाईस्कूल पास कर चुका है. उन अभिलेखों के अनुसार जन्मतिथि 14 जनवरी 1981 है. प्रधानाचार्य ने शिकायत के आधार पर याची को बर्खास्त कर दिया था.

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याची ने सेवा समाप्ति आदेश को कोर्ट में चुनौती दी थी. कोर्ट ने याचिका निस्तारित करते हुए डीआईओएस को गुणदोष के आधार पर निर्णय लेने का आदेश दिया. कहा कि याची को 7 प्रतिशत ब्याज के साथ बर्खास्तगी अवधि का वेतन भुगतान किया जाय. कोर्ट ने कहा कि आठ सप्ताह में एरियर भुगतान न होने की दशा में याची 12 फीसदी ब्याज के साथ भुगतान पाने का हकदार होगा.

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