ETV Bharat / city

शिक्षक का सेवानिवृत्ति विकल्प न भरना, ग्रेट्युटी न देने का आधार नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट

author img

By

Published : Jun 30, 2022, 7:00 AM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि सहायक अध्यापक की 60 साल से पहले मृत्यु होने पर  ग्रेच्युटी का भुगतान इस आधार पर  नहीं रोका जा सकता कि उसने  सेवानिवृत्त होने की आयु का विकल्प नहीं दिया था.

etv bharat
allahabad high court on gratuity

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि सहायक अध्यापक की 60 साल से पहले मृत्यु होने पर ग्रेच्युटी का भुगतान इस आधार पर नहीं रोका जा सकता कि उसने सेवानिवृत्त होने की आयु का विकल्प नहीं दिया था. कोर्ट ने 28 याचिकाओं की एक साथ सुनवाई करते हुए सभी याचियों को 6 सप्ताह के भीतर आठ फीसदी दर से ग्रेच्युटी भुगतान का आदेश दिया.

यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने शिखा शर्मा, मंजू कुमारी सहित 28 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया. याची के पति की मृत्यु सेवानिवृत्त होने से पहले ही हो गई थी. उन्होंने सेवा के दौरान विकल्प का चयन नहीं किया था. इस आधार पर डीआईओएस ने ग्रेच्युटी का भुगतान करने से इंकार कर दिया था. इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई.

ये भी पढ़ें- बसपा काल में करोड़ों की लागत से बने स्मारकों पर पर्यटकों का टोटा, योगी सरकार नहीं दे रही ध्यान

हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसी बहुत सी याचिकाएं हैं, जिसमें सहायक अध्यापकों ने विकल्प नहीं भरा और सेवाकाल में मृत्यु हो गई. कोर्ट ने कहा कि सेवानिवृत्ति आयु विकल्प का चयन न करना ग्रेच्युटी के भुगतान को रोकने का आधार नहीं हो सकता है. याचियों को ग्रेच्युटी का भुगतान किया जाए. कोर्ट ने डीआईओएस के आदेश को भी रद्द कर दिया और कहा कि शिक्षकों का ग्रेच्युटी का भुगतान 6 सप्ताह के भीतर किया जाए.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि सहायक अध्यापक की 60 साल से पहले मृत्यु होने पर ग्रेच्युटी का भुगतान इस आधार पर नहीं रोका जा सकता कि उसने सेवानिवृत्त होने की आयु का विकल्प नहीं दिया था. कोर्ट ने 28 याचिकाओं की एक साथ सुनवाई करते हुए सभी याचियों को 6 सप्ताह के भीतर आठ फीसदी दर से ग्रेच्युटी भुगतान का आदेश दिया.

यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने शिखा शर्मा, मंजू कुमारी सहित 28 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया. याची के पति की मृत्यु सेवानिवृत्त होने से पहले ही हो गई थी. उन्होंने सेवा के दौरान विकल्प का चयन नहीं किया था. इस आधार पर डीआईओएस ने ग्रेच्युटी का भुगतान करने से इंकार कर दिया था. इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई.

ये भी पढ़ें- बसपा काल में करोड़ों की लागत से बने स्मारकों पर पर्यटकों का टोटा, योगी सरकार नहीं दे रही ध्यान

हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसी बहुत सी याचिकाएं हैं, जिसमें सहायक अध्यापकों ने विकल्प नहीं भरा और सेवाकाल में मृत्यु हो गई. कोर्ट ने कहा कि सेवानिवृत्ति आयु विकल्प का चयन न करना ग्रेच्युटी के भुगतान को रोकने का आधार नहीं हो सकता है. याचियों को ग्रेच्युटी का भुगतान किया जाए. कोर्ट ने डीआईओएस के आदेश को भी रद्द कर दिया और कहा कि शिक्षकों का ग्रेच्युटी का भुगतान 6 सप्ताह के भीतर किया जाए.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.