प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने पीसीएस प्री 2021 का परिणाम रद्द करने के खिलाफ दाखिल विशेष अपील के औचित्य पर सवाल उठाया है. न्यायामूर्ति अंजनी कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली पीठ ने मौखिक रूप से टिप्पणी करते हुए कहा कि आयोग को नियम व कानून का पालन करना चाहिए. हालांकि कोर्ट ने मामले को नियमित खंडपीठ के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश देते हुए सुनवाई के लिए 23 अगस्त की तारीख लगा दी.
एकल न्यायपीठ ने भूतपूर्व सैनिकों को आरक्षण नहीं देने पर गत दिनों पीसीएस प्री 2021 का परिणाम रद्द कर दिया था. इसके खिलाफ लोक सेवा आयोग ने विशेष अपील दाखिल की है. मंगलवार को नियमित खंडपीठ के ना बैठने से अपील को सुनवाई के लिए इस खंडपीठ के समक्ष भेजा गया था. खंडपीठ ने लंच के पूर्व सुनवाई शुरू की. आयोग की ओर से कहा गया कि एकल पीठ के आदेश के विरुद्ध 75 आधार बनाए गए हैं. लंच के बाद दोबारा सुनवाई के दौरान आयोग के अधिवक्ता ने कहा कि एकल पीठ ने तथ्यों को पूरी तरह से नहीं देखा और एकपक्षीय आदेश कर दिया. कोर्ट ने मामले में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की विशेष अपील के औचित्य पर सवाल उठाते हुए कहा कि उसे नियमों और कानून का पालन करना चाहिए. साथ ही 23 अगस्त की तारीख लगाते हुए कहा कि मामले को नियमित खंडपीठ के समक्ष ही प्रस्तुत किया जाए. याची के अधिवक्ता एबीएन त्रिपाठी ने अपील पर जवाबी हलफनामा प्रस्तुत किया गया, जिसे कोर्ट ने फाइल में शामिल कर लिया.
एकल पीठ ने भर्ती प्रक्रिया में पूर्व सैनिकों का पांच फीसदी आरक्षण न देने पर पीसीएस प्री 2021 के प्रारंभिक परीक्षा को रद्द कर दिया था. एकल पीठ ने आयोग को पूर्व सैनिकों को पांच फीसदी का आरक्षण देते हुए नए सिरे से प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम जारी करने का निर्देश दिया है. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने विशेष अपील में एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी है.
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