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निकाय कर्मचारियों को GPF योजना के लाभ देने का मामला, इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई 3 जनवरी को

निकाय कर्मचारियों को GPF योजना के लाभ देने के मामले की इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई अब 3 जनवरी को होगी. बुधवार को कोर्ट ने कहा कि सभी याचिकाओं में जवाब आये बिना सुनवाई की जा सकती है.

allahabad high court order
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Published : Dec 29, 2021, 8:21 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट प्रदेश के नगर निगमों व स्थानीय निकायों में कार्यरत कर्मचारियों को GPF योजना का लाभ योजना का लाभ देने के मामले की सुनवाई 3 जनवरी को करेगी.

अदालत ने कहा कि जिनमें जवाब नहीं दाखिल किया गया है, पक्षकार अपना जवाब दाखिल कर दें. तीन जनवरी को सुनवाई स्थगित नहीं होगी. फैसला कर दिया जायेगा. निकाय कर्मचारियों को GPF योजना का लाभ देने के लिए केंद्र सरकार ने दस साल पहले अधिसूचना जारी की थी.

निकायों की ओर से केंद्र सरकार की अधिसूचना को इस आधार पर चुनौती दी गई है कि स्थानीय निकायों की अपनी कर्मचारी भविष्य निधि की योजनाएं हैं. इसलिए केंद्र सरकार की अधिसूचना लागू न की जाए. कोर्ट ने अंतरिम राहत भी दी है.


नगर पालिका परिषद ककराला बदायूं की एक ऐसी ही याचिका पर सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र और न्यायमूर्ति विक्रम डी चौहान की खंडपीठ ने याची द्वारा सुनवाई स्थगित करने की मांग पर यह आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि दस साल पहले केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी की थी, जिसे लागू नहीं किया गया.

ये भी पढ़ें- प्रियंका गांधी के काफिले की गाड़ी से महिला कार्यकर्ता हुई घायल

‌इसे यह कहते हुए चुनौती दी गई कि निकायों के पास कर्मचारी भविष्य नि‌धि की अपनी योजनाएं हैं. याची का कहना था कि तमाम याचिकाओं में उत्तर, प्रति उत्तर शपथपत्र का आदान-प्रदान नहीं किया गया है. कुछ याचिकाओं में ही जवाब आया है.

कोर्ट ने कहा कि चूंकि सभी याचिकाओं में एक ही अधिसूचना को चुनौती दी गई है. इसलिए सभी याचिकाओं में जवाब आये बिना सुनवाई की जा सकती है.

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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट प्रदेश के नगर निगमों व स्थानीय निकायों में कार्यरत कर्मचारियों को GPF योजना का लाभ योजना का लाभ देने के मामले की सुनवाई 3 जनवरी को करेगी.

अदालत ने कहा कि जिनमें जवाब नहीं दाखिल किया गया है, पक्षकार अपना जवाब दाखिल कर दें. तीन जनवरी को सुनवाई स्थगित नहीं होगी. फैसला कर दिया जायेगा. निकाय कर्मचारियों को GPF योजना का लाभ देने के लिए केंद्र सरकार ने दस साल पहले अधिसूचना जारी की थी.

निकायों की ओर से केंद्र सरकार की अधिसूचना को इस आधार पर चुनौती दी गई है कि स्थानीय निकायों की अपनी कर्मचारी भविष्य निधि की योजनाएं हैं. इसलिए केंद्र सरकार की अधिसूचना लागू न की जाए. कोर्ट ने अंतरिम राहत भी दी है.


नगर पालिका परिषद ककराला बदायूं की एक ऐसी ही याचिका पर सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र और न्यायमूर्ति विक्रम डी चौहान की खंडपीठ ने याची द्वारा सुनवाई स्थगित करने की मांग पर यह आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि दस साल पहले केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी की थी, जिसे लागू नहीं किया गया.

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‌इसे यह कहते हुए चुनौती दी गई कि निकायों के पास कर्मचारी भविष्य नि‌धि की अपनी योजनाएं हैं. याची का कहना था कि तमाम याचिकाओं में उत्तर, प्रति उत्तर शपथपत्र का आदान-प्रदान नहीं किया गया है. कुछ याचिकाओं में ही जवाब आया है.

कोर्ट ने कहा कि चूंकि सभी याचिकाओं में एक ही अधिसूचना को चुनौती दी गई है. इसलिए सभी याचिकाओं में जवाब आये बिना सुनवाई की जा सकती है.

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