अलीगढ़ः उत्तराखंड के जोशीमठ में ड्यूटी के दौरान शहीद हुए जसवीर सिंह यादव का शव (shahid Jasveer Singh Yadav) अलीगढ़ पहुंचने पर गांव के लोगों ने तिरंगा यात्रा के साथ श्रद्धांजलि दी. अलीगढ़ के अकराबाद के गांव इरखिनी के रहने वाले जसवीर सिंह जोशीमठ के नरेंद्र नगर में मिलिट्री आर्टिलरी कोर में हवलदार पद पर तैनात थे. जसवीर ट्रेनिंग से एयरलेस विद गन गाड़ी द्वारा वापस कैंप की ओर जा रहे थे. इसी बीच पहाड़ी पर चढ़ाई के दौरान गाड़ी का अचानक संतुलन बिगड़ गया और करीब एक हजार फीट की ऊंचाई से गाड़ी सहित नीचे खाई में गिर गए. इस हादसे में 42 वर्षीय सैनिक जसवीर सिंह यादव की मौके पर मौत हो गई. वहीं, गाड़ी के चालक को मौके पर पहुंचे मिलिट्री के अधिकारियों ने देहरादून मिलिट्री अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया.
गुरुवार को आर्मी की गाड़ी द्वारा जसवीर के शव को अकराबाद स्थित घर लाया गया. इस दौरान शहीद जसवीर सिंह यादव के सम्मान में तिरंगा यात्रा निकाली गई. इलाके के लोगों ने शव यात्रा के साथ तिरंगे झंडे लेकर श्रंद्धांजलि दी गई. इस दौरान ग्रामीणों ने शहीद सैनिक के प्रति भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगाये. मृतक सैनिक जसवीर सिंह चार बच्चे संगम, कान्हा, वर्षा और रितिक के साथ पत्नी सीमा का भी रो-रो कर बुरा हाल है. वहीं, परिवार के लोगों के इलाके की सड़क को दुरुस्त कर शहीद सैनिक के नाम पर रखने की मांग की है. शहीद जसवीर सिंह के नाम पर गांव में द्वार और पार्क बनाने की मांग परिजनों ने की है.
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शहीद जसवीर सिंह 19 फरवरी 2001 को सेना में बतौर सिपाही भर्ती हुए थे. जसवीर सिंह की मौत की पर परिवार में कोहराम मचा हुआ है. तो वहीं इलाके में मातम पसरा है. परिवार के ही विजेंद्र सिंह यादव ने जानकारी देते हुए बताया है कि उनकी मिलिट्री के अधिकारियों से बात हुई. जसवीर सिंह यादव के शव का देहरादून में पोस्टमार्टम के बाद अलीगढ़ लाया गया है. मौसम खराब होने के चलते शव आने में देरी हुई. गांव में जसवीर सिंह के शव का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान प्रशासनिक अधिकारी और विधायक मौजूद रहे.
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