अलीगढ़: AMU (Aligarh Muslim University) को शिक्षा के लिए जमीन दान देने वाले राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर अलीगढ़ में राजकीय विश्वविद्यालय का शिलान्यास होने जा रहा है. 14 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्वविद्यालय का शिलान्यास करने के लिए अलीगढ़ आएंगे. हालांकि इसकी घोषणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2019 के लोकसभा चुनाव में ही कर दी थी.
अंग्रेजी हुकूमत के दौर में कांग्रेसी नेताओं की हिम्मत नहीं थी कि पूर्ण स्वराज की मांग करें. लेकिन राजा महेंद्र प्रताप ने वह हिम्मत दिखाई. जिस साल महात्मा गांधी साउथ अफ्रीका से भारत वापस लौटे थे और प्रथम विश्वयुद्ध के लिए भारतीयों को ब्रिटिश सेना में भर्ती करवा रहे थे. उस समय राजा महेंद्र प्रताप ने अफगानिस्तान जाकर पहली निर्वाचित सरकार बनाई थी. राजा महेंद्र प्रताप अंग्रेजों से देश को आजाद कराने के लिए जर्मनी, स्विट्जरलैंड, हंगरी, बुल्गारिया, टर्की, इजिप्ट के शासकों से समर्थन मांगा. वे रुस में ब्लादिमिर लेनिन (Vladimir Lenin) से भी मिले. महज 28 साल की उम्र में वे दुनिया के कई देशों के राजाओं से मिलकर भारत की आजादी के लिए प्रयास कर रहे थे. 32 सालों तक विदेशों में रहकर भारतीयों की गुलामी की जंजीरों को तोड़ने में लगे रहे.
राजा महेंद्र प्रताप आम शाही युवकों की तरह नहीं थे. उनके पास मौका था कि वह राजाओं के बने संघ में शामिल होकर अंग्रेजों से अपने लिए बेहतर सुविधाएं मांग सकते थे और जीवन भर खुश रहते. लेकिन राजा महेंद्र प्रताप उनमें से नहीं थे. उनकी शुरुआती पढ़ाई मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज (Muhammadan Anglo-Oriental College) अलीगढ़ में हुई. जो आज अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के तौर पर जाना जाता है. इसी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को खोलने के लिए राजा महेंद्र प्रताप ने अपनी जमीन दान में दी थी. लेकिन विश्वविद्यालय ने उनके योगदान को कहीं अंकित नहीं किया.
राजा महेंद्र प्रताप के जन्मदिवस को व्यापक रूप से मनाने के लिए अलीगढ़ सांसद सतीश गौतम ने आवाज उठाई और एएमयू (Aligarh Muslim University) कैंपस में उनको तरजीह दिए जाने को लेकर AMU कुलपति को भी पत्र लिखा. वही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2019 के लोकसभा चुनाव में अलीगढ़ आकर राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर राजकीय विश्वविद्यालय बनाने का भरोसा दिया था. अब यह विश्वविद्यालय लोधा के गांव मूसेपुर में प्रस्तावित है. जिला प्रशासन ने करीब 34 हेक्टेयर से अधिक सरकारी भूमि देने का निर्णय किया है. इसके लिए जमीन अधिग्रहित की गई है.
राजा महेंद्र प्रताप सिंह को लेकर अलीगढ़ में ही नहीं, हरियाणा में भी जाट नेताओं ने सन 2018 में आवाज उठाई थी. तब अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का नाम राजा महेंद्र प्रताप के नाम पर रखने की बात कही थी. हालांकि अब 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले इस विश्वविद्यालय के निर्माण में तेजी लाई जा रही है.