अलीगढ़: जेएन मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टरों ने विभिन्न मांगों को लेकर पिछले 10 दिनों से काम बंद कर रखा है. जूनियर डॉक्टर केंद्र सरकार से नीट पीजी की काउंसलिंग जल्द कराने की मांग कर रहे हैं. पहले जूनियर डॉक्टरों ने रूटीन सर्विस बंद की थी और सरकार को अल्टीमेटम दिया था. मंगलवार को जूनियर डॉक्टरों ने इमरजेंसी सेवा के साथ ही मरीजों को भर्ती करना भी बंद कर दिया.
अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं. इस हड़ताल की वजह से गरीब मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मरीजों को मेडिकल कॉलेज से वापस लौटना पड़ रहा है. तीमारदार इलाज के लिए मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में ले जाने को मजबूर हैं. जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल अनिश्चितकालीन है. नीट पीजी काउंसलिंग (NEET PG Counselling) पर फैसला केंद्र सरकार को करना है.
कोरोना का नया वेरिएंट भी आम लोगों की मुश्किलें बढ़ा रहा है. ओमीक्रॉन (Omikron Virus) के आने से सरकार चिंतित है. वहीं जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने से स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा सकती है. जेएन मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से मरीजों की परेशानी बढ़ गयी हैं.
मथुरा, बुलंदशहर, एटा और कासगंज से आने वाले मरीजों को वापस किया जा रहा है. मथुरा के बजाना इलाके से पत्नी का इलाज कराने आये मोहम्मद शारिक ने बताया कि डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से इलाज नहीं हुआ. उनको मेडिकल कॉलेज से वापस लौटा दिया गया. बुलंदशहर के डिबाई से आये बृज किशोर ने बताया कि इमरजेंसी में इलाज के लिए कोई डॉक्टर नहीं है और इसीलिए वो घर वापस जा रहे हैं.
रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के सेक्रेटरी मोहम्मद आदिल ने कहा कि सरकार जल्द से जल्द नीट पीजी काउंसलिंग नहीं कराती है, तो स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होंगी. हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने जूनियर डॉक्टरों को आश्वस्त किया है कि जल्द से जल्द नीट पीजी की काउंसलिंग होगी.
मोहम्मद आदिल ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में सीनियर कंसलटेंट और सीनियर रेजिडेंट मरीजों के इलाज के लिए मौजूद है. केवल जूनियर डॉक्टर ही हड़ताल पर गए हैं. यहां जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल (Junior doctors strike in Aligarh) पर चले जाने से मरीजों को इलाज नहीं मिल रहा है और स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं.
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