अलीगढ़: यहां खैर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आशा कार्यकर्ता सुनीता देवी ने पुरुषों को जागरूक व प्रेरित करते हुए एक ही दिन में आठ पुरुष नसबंदी का रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज कर लिया. आठ पुरुषों की नसबंदी बुधवार को अलीगढ़ के खैर ब्लॉक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर हुई. दरअसल बहुत कम पुरुष नसबंदी कराते हैं. महिला आशा कार्यकर्ताओं के लिए गांव में पुरुषों को जागरूक करना कठिन काम माना जाता है.
खैर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर नसबंदी करवाने वाले आठ पुरुष सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खैर में नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया था. इसमें गांव शिवाला कला की आशा कार्यकत्री सुनीता देवी ने पुरुष नसबंदी के लिए घर-घर जाकर पुरुषों को जागरूक किया. उनके इस प्रयास से एक ही दिन में आठ पुरुष नसबंदी कराने के लिए राजी हो गए. उन्होंने बुधवार को नसबंदी करायी. इसके पहले भी सुनीता ने अपने गांव के दो पुरुषों को प्रेरित कर उनकी नसबंदी करा चुकी हैं. खैर ब्लॉक के शिवाला कला गांव की सुनीता देवी को वर्ष 2006 में आशा कार्यकर्ता के रूप में चयन हुआ था. उनके बेहतर कार्यो को देखते हुए 2017 और 2018 में आशा सम्मेलन में सम्मानित किया जा चुका है. वह अपने क्षेत्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व आशा संगिनी को भी उनके काम में सहयोग प्रदान करने के साथ ही परामर्श भी देती हैं. उनके दस्तावेजीकरण कार्य में उन्हें सहयोग भी प्रदान करती हैं.सुनीता देवी का कहना है कि ग्रामीण परिवेश में नसबंदी के बारे में बात करना बहुत मुश्किल काम होता है. पुरुषों से परिवार नियोजन की बात करने पर कम सहयोग मिलता था. हमने पहले लोगों को छोटे परिवार की खूबियां बतानी शुरू की. सभी योग्य महिलाओं और पुरुषों की काउंसिलिग की. उसका नतीजा रहा कि 15 साल में अब तक उन्होंने 26 पुरुष को नसबंदी के लिए राजी किया और जिले पर अस्पताल ले जाकर 22 पुरुषों की नसबंदी भी कराई. शुरू में थोड़ी समस्या थी, लेकिन जागरूकता बढ़ने के साथ ही लोग परिवार नियोजन में ज्यादा सहयोग कर रहे हैं. आशा कार्यकर्ता के सहयोग से समुदाय व जिला स्तर पर 122 महिलाओं ने भी नसबंदी करवायी है. विभागीय कार्यक्रमों व बैठकों में अधिकारी अब सुनीता के काम को मिसाल के रूप में पेश करते हैं.
समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खैर के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ राहुल शर्मा का कहना है कि सुनीता अपना कार्य पूरी लगन के साथ करती हैं. वो पुरुषों को नसबंदी के लिए जागरूक करती हैं और छोटे परिवार के बड़े फायदे बताती हैं. बुधवार को इन्होंने खैर ब्लॉक में आठ पुरुषों की नसबंदी कराकर मिसाल पेश की.
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परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी और अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसपी सिंह ने कहा परिवार नियोजन का मुख्य उद्देश्य मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाना है. इसके अलावा जनसंख्या स्थिरता से ही सीमित साधनों का समुचित उपयोग कर सभी को बेहतर जीवन प्रदान किया जा सकता है. उन्होंने पुरुष व महिलाओं से अपील की है कि वह अपने और बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए दो बच्चों के जन्म में तीन साल का अंतर जरूर रखें और परिवार जब पूर्ण हो जाए तो नसबंदी की सेवा का लाभ जरूर उठाएं. उन्होंने बताया कि सुनीता देवी के अच्छे कार्य को देखते हुए इस वर्ष भी उनको जिला स्तर पर सम्मानित किया जाएगा.