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सेना की शारीरिक परीक्षा में छात्र हुआ पास, AMU बोर्ड की मार्कशीट देखकर नौकरी देने से किया गया इंकार

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र ने राजस्थान आर्मी क्लर्क पद के लिए शारीरिक परीक्षा में कामयाबी हासिल की. उसको दस्तावेज सत्यापन के दौरान इसलिए रिजेक्ट कर दिया गया क्योंकि उसके पास अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय बोर्ड के प्रमाण पत्र थे.

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Published : Aug 11, 2021, 7:07 PM IST

अलीगढ़: एएमयू एक विश्व प्रसिद्ध केन्द्रीय विश्वविद्यालय है. यहां पर पूरी दुनिया के छात्र-छात्राएं पढ़ाई करने के लिए आते हैं. इस यूनिवर्सिटी के बोर्ड की मार्कशीट की मान्यता पूरी दुनिया में है ,लेकिन यहां के एक छात्र को सेना में क्लर्क की नौकरी देने से केवल इसलिए मना कर दिया गया क्योंकि उसके पास अलीगढ़ मुस्लिम बोर्ड की मार्कशीट थी. केन्द्रीय यूनिवर्सिटी होने के बावजूद सेना के अधिकारियों ने छात्र को यह कहते हुए नौकरी देने से मना कर दिया कि उनके पास जो लिस्ट में उसमें AMU बोर्ड का नाम नहीं है.

जानकारी देते एएमयू छात्र मुस्लिम खान
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र मुस्लिम खान ने 2019 में 12वीं की परीक्षा पास की थी और अब वह एएमयू से बीकॉम कर रहा है. मुस्लिम खान राजस्थान में आर्मी में लिपिक पद के लिए हुई शारीरिक परीक्षा में पास हो गया. लेकिन इसके बाद जब वो दस्तावेजों के वेरिफिकेशन के लिए अधिकारियों के पास पहुंचा तो उन्होंने मुस्लिम खान को रिजेक्ट कर दिया. आर्मी के अधिकारी का कहना था कि उनके पास जो यूनिवर्सिटी बोर्ड की लिस्ट है, उसमें एएमयू बोर्ड का नाम नहीं है.

ये भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव से पहले योगी सरकार का मास्टर स्ट्रोक, 39 जातियों को OBC में शामिल करने की तैयारी


इसके बाद छात्र मुस्लिम खान राजस्थान से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी पहुंचा. जहां पर उसने इस मामले को लेकर अपने प्रिंसिपल से मुलाकात की और स्कूल के डायरेक्टर से भी बात की. मुलाकात के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मुस्लिम खान को एक लेटर दिया है. उनका कहना है कि इस लेटर के जरिए छात्र को नौकरी मिल जाएगी.

पीड़ित छात्र मुस्लिम खान
पीड़ित छात्र मुस्लिम खान

मुस्लिम खान ने बताया कि अजमेर में एआरओ कोटा के जरिए आर्मी क्लर्क के लिए भर्ती हो रही थी. जिसमें अपनी मेहनत से उसने फिजिकल फिटनेस टेस्ट में कामयाबी हासिल की थी. अब यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने जो लेटर दिया है. उनको उम्मीद है कि इस पत्र से उनको आर्मी में क्लर्क की पोस्ट पर भर्ती होने में सामने आ रही अड़चन दूर हो जाएगी.

ये भी पढ़ें- 1 सितंबर से शुरू हो सकती है स्कूलों में पढ़ाई, साप्ताहिक लॉकडाउन सिर्फ रविवार को

इस मामले में यूनिवर्सिटी प्रॉक्टर प्रोफेसर मोहम्मद वसीम अली ने बताया कि छात्र हमारे पास आया था. एएमयू प्रशासन ने उसको पत्र दे दिया है. उम्मीद की जा रही है कि अब उसके दस्तावेजों का सत्यापन हो जाएगा. अगर फिर भी नहीं होता है तो आगे देखेंगे कि छात्र की कैसे मदद कर सकते हैं.

अलीगढ़: एएमयू एक विश्व प्रसिद्ध केन्द्रीय विश्वविद्यालय है. यहां पर पूरी दुनिया के छात्र-छात्राएं पढ़ाई करने के लिए आते हैं. इस यूनिवर्सिटी के बोर्ड की मार्कशीट की मान्यता पूरी दुनिया में है ,लेकिन यहां के एक छात्र को सेना में क्लर्क की नौकरी देने से केवल इसलिए मना कर दिया गया क्योंकि उसके पास अलीगढ़ मुस्लिम बोर्ड की मार्कशीट थी. केन्द्रीय यूनिवर्सिटी होने के बावजूद सेना के अधिकारियों ने छात्र को यह कहते हुए नौकरी देने से मना कर दिया कि उनके पास जो लिस्ट में उसमें AMU बोर्ड का नाम नहीं है.

जानकारी देते एएमयू छात्र मुस्लिम खान
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र मुस्लिम खान ने 2019 में 12वीं की परीक्षा पास की थी और अब वह एएमयू से बीकॉम कर रहा है. मुस्लिम खान राजस्थान में आर्मी में लिपिक पद के लिए हुई शारीरिक परीक्षा में पास हो गया. लेकिन इसके बाद जब वो दस्तावेजों के वेरिफिकेशन के लिए अधिकारियों के पास पहुंचा तो उन्होंने मुस्लिम खान को रिजेक्ट कर दिया. आर्मी के अधिकारी का कहना था कि उनके पास जो यूनिवर्सिटी बोर्ड की लिस्ट है, उसमें एएमयू बोर्ड का नाम नहीं है.

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इसके बाद छात्र मुस्लिम खान राजस्थान से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी पहुंचा. जहां पर उसने इस मामले को लेकर अपने प्रिंसिपल से मुलाकात की और स्कूल के डायरेक्टर से भी बात की. मुलाकात के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मुस्लिम खान को एक लेटर दिया है. उनका कहना है कि इस लेटर के जरिए छात्र को नौकरी मिल जाएगी.

पीड़ित छात्र मुस्लिम खान
पीड़ित छात्र मुस्लिम खान

मुस्लिम खान ने बताया कि अजमेर में एआरओ कोटा के जरिए आर्मी क्लर्क के लिए भर्ती हो रही थी. जिसमें अपनी मेहनत से उसने फिजिकल फिटनेस टेस्ट में कामयाबी हासिल की थी. अब यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने जो लेटर दिया है. उनको उम्मीद है कि इस पत्र से उनको आर्मी में क्लर्क की पोस्ट पर भर्ती होने में सामने आ रही अड़चन दूर हो जाएगी.

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इस मामले में यूनिवर्सिटी प्रॉक्टर प्रोफेसर मोहम्मद वसीम अली ने बताया कि छात्र हमारे पास आया था. एएमयू प्रशासन ने उसको पत्र दे दिया है. उम्मीद की जा रही है कि अब उसके दस्तावेजों का सत्यापन हो जाएगा. अगर फिर भी नहीं होता है तो आगे देखेंगे कि छात्र की कैसे मदद कर सकते हैं.

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