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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के आरोपों पर एएमयू कोआर्डिनेशन कमेटी ने दी सफाई - amu coordination committee

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (Aligarh Muslim University) प्रबंधन ने एएमयू कोआर्डिनेशन कमेटी के नाम को लेकर आपत्ति जतायी और कहा कि इस कमेटी का अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से संबंध नहीं है.

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एएमयू कोआर्डिनेशन कमेटी
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Published : Mar 22, 2022, 8:02 PM IST

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (Aligarh Muslim University) प्रबंधन ने एएमयू कोआर्डिनेशन कमेटी की गतिविधियों को लेकर चिंता व्यक्त की. वैसे तो यह कमेटी 2019 में छात्रों के हितों के लिए बनाई गई थी. AMU प्रबंधन ने कहा कि ये कमेटी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से संबंधित नहीं है. विश्वविद्यालय ने कभी भी किसी को अपने नाम और लोगो का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी है.

जानकारी देते एएमयू के छात्र


इस मामले में एएमयू कोआर्डिनेशन कमेटी के सदस्यों ने कहा कि 15 दिसंबर 2019 को जब यूनिवर्सिटी कैंपस में घुसकर छात्रों के साथ बर्बरता हुई थी. छात्र संघ न होने के कारण कानूनी और राजनीतिक लड़ाई के लिए छात्रों और पूर्व छात्रों ने मिलकर एएमयू कोआर्डिनेशन कमेटी का गठन किया था. कमेटी से जुड़ा हर शख्स AMU प्रबंधन की आंखों में खटकता है. कमेटी ने यूनिवर्सिटी के लोगो कभी इस्तेमाल नहीं किया.

ये भी पढ़ें-RTI कानून का माखौल उड़ा रहे 200 अधिकारी, राज्य सूचना आयुक्त भी परेशान

उन्होंने कहा कि कमेटी का अपना लोगो है. अगर कुलपति लोकतांत्रिक व्यवस्था और छात्र संघ के संविधान का सम्मान करते, तो 15 दिसंबर 2019 को छात्रसंघ होता. तब छात्रों को किसी दूसरी कमेटी बनाने की जरूरत ही नहीं पड़ती. जब छात्रसंघ की बहाली हो जाएगी, तो छात्र अपनी सारी गतिविधियां छात्र संघ के बैनर तले कर पाएंगे. एएमयू कोआर्डिनेशन कमेटी छात्रों, पूर्व छात्रों, शिक्षकों, पूर्व शिक्षकों और कर्मचारियों चला रहे हैं.

एएमयू कोआर्डिनेशन कमेटी के सदस्य यासिर खान ने कहा कि एएमयू पीआरओ की तरफ से नोटिस जारी किया गया कि एएमयू का लोगो कमेटी इस्तेमाल कर रही हैं. ये बात पूरी तरह गलत है. एएमयू कार्डिनेशन कमेटी का अपना लोगो है. छात्र नेता आमिर मिंटो ने कहा कि विश्वविद्यालय में छात्रसंघ नहीं है. इसलिए एएमयू कार्डिनेशन कमेटी बनाई गई. छात्रों के पास कोई अपनी रिप्रजेंटेटिव बाडी नहीं थी. इस वजह से छात्रों के लिए एक प्लेटफार्म बनाया गया था.
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अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (Aligarh Muslim University) प्रबंधन ने एएमयू कोआर्डिनेशन कमेटी की गतिविधियों को लेकर चिंता व्यक्त की. वैसे तो यह कमेटी 2019 में छात्रों के हितों के लिए बनाई गई थी. AMU प्रबंधन ने कहा कि ये कमेटी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से संबंधित नहीं है. विश्वविद्यालय ने कभी भी किसी को अपने नाम और लोगो का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी है.

जानकारी देते एएमयू के छात्र


इस मामले में एएमयू कोआर्डिनेशन कमेटी के सदस्यों ने कहा कि 15 दिसंबर 2019 को जब यूनिवर्सिटी कैंपस में घुसकर छात्रों के साथ बर्बरता हुई थी. छात्र संघ न होने के कारण कानूनी और राजनीतिक लड़ाई के लिए छात्रों और पूर्व छात्रों ने मिलकर एएमयू कोआर्डिनेशन कमेटी का गठन किया था. कमेटी से जुड़ा हर शख्स AMU प्रबंधन की आंखों में खटकता है. कमेटी ने यूनिवर्सिटी के लोगो कभी इस्तेमाल नहीं किया.

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उन्होंने कहा कि कमेटी का अपना लोगो है. अगर कुलपति लोकतांत्रिक व्यवस्था और छात्र संघ के संविधान का सम्मान करते, तो 15 दिसंबर 2019 को छात्रसंघ होता. तब छात्रों को किसी दूसरी कमेटी बनाने की जरूरत ही नहीं पड़ती. जब छात्रसंघ की बहाली हो जाएगी, तो छात्र अपनी सारी गतिविधियां छात्र संघ के बैनर तले कर पाएंगे. एएमयू कोआर्डिनेशन कमेटी छात्रों, पूर्व छात्रों, शिक्षकों, पूर्व शिक्षकों और कर्मचारियों चला रहे हैं.

एएमयू कोआर्डिनेशन कमेटी के सदस्य यासिर खान ने कहा कि एएमयू पीआरओ की तरफ से नोटिस जारी किया गया कि एएमयू का लोगो कमेटी इस्तेमाल कर रही हैं. ये बात पूरी तरह गलत है. एएमयू कार्डिनेशन कमेटी का अपना लोगो है. छात्र नेता आमिर मिंटो ने कहा कि विश्वविद्यालय में छात्रसंघ नहीं है. इसलिए एएमयू कार्डिनेशन कमेटी बनाई गई. छात्रों के पास कोई अपनी रिप्रजेंटेटिव बाडी नहीं थी. इस वजह से छात्रों के लिए एक प्लेटफार्म बनाया गया था.
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