अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (Aligarh Muslim University) में छात्रों ने मॉब लिंचिंग के विरोध में मार्च निकाला. छात्रों ने सीएम योगी और पीएम मोदी के खिलाफ नारेबाजी की और सबका साथ, सबका विकास के नारे को झूठा करार दिया. छात्रों ने आरोप लगाया कि भाजपा की सरकार में अल्पसंख्यक और दलित उत्पीड़न के मामले बढ़ गये हैं. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों ने फॉरेन लैंग्वेज डिपार्टमेंट से बाबे सैयद गेट तक मार्च निकाला.
छात्रों ने कहा कि मथुरा में आमिर नामक युवक के साथ संदेह होने पर मारपीट की गई. बिहार के अररिया के मुस्तकीम की गाजियाबाद में हिंदूवादी लोगों ने पीट कर हत्या कर दी. कौशांबी के मीरापुर में नूर आलम के साथ मॉब लिंचिंग हुई. राजस्थान के भरतपुर में योगेश नाम के दलित युवक की हत्या की गई. छात्रों ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एसीएम को सौंपा.
छात्रों ने कहा कि मॉब लिंचिंग के मामलों की निष्पक्ष जांच की जाए. दोषियों को सख्त सजा दी जाए. वहीं पीड़ित परिवार को सरकारी नौकरी और आर्थिक सहायता दी जाए. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र जानिब हसन ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी सबका साथ, सबका विकास और सबके विश्वास की बात करती है. वास्तव में इस नारे के उलट काम किया जा रहा है. मॉब लिंचिंग की घटनाएं देश में बढ़ रही हैं. कर्नाटक में भी बाजारों में मुसलमान लोगों को मेले में दुकान नहीं लगाने दी गयी.
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छात्र नेता जानिब हसन ने कहा कि देश में अल्पसंख्यकों और दलितों पर अत्याचार बढ़ गया है. जनता ने उत्तर प्रदेश में भाजपा को बहुमत की सरकार दी है. मॉब लिंचिंग के मामले बढ़ रहे हैं, जो यूपी के हालात बयां कर रहे हैं. यहां देश के संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही है. लोकतांत्रिक ढांचे की बुनियाद को कमजोर किया जा रहा है.
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