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अलीगढ़ में ईको वैन से साइलेंसर चुराने वाले गिरोह के 3 आरोपी गिरफ्तार, साइलेंसर से निकालते थे सोने जैसी कीमती धातु

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Published : Aug 20, 2022, 12:42 PM IST

Updated : Aug 20, 2022, 10:47 PM IST

अलीगढ़ में ईको वैन से साइलेंसर चुराने वाले गिरोह के 3 आरोपीयों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी साइलेंसर चोरी करने के बाद इसमें मौजूद मेटल डस्ट को गुजरात के अहमदाबाद और हरियाणा के सोनीपत और सूरत की फैक्ट्रियों में बेचते थे.

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ईको वैन से साइलेंसर चुराने वाला गिरोह गिरफ्तार

अलीगढ़: जिले में पुलिस ने फोर व्हीलर गाड़ियों से साइलेंसर चोरी करने वाले गिरोह के 3 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. खास बात यह है कि, यह गिरोह इको वैन गाड़ी के साइलेंसर की चोरी करने का काम करता था. चोरी किया हुआ साइलेंसर तालानगरी की एक फैक्ट्री में बेचते थे. फैक्ट्री संचालक साइलेंसर से मेटल डस्ट निकालकर दूसरे राज्यों में सप्लाई करता है. थाना मडराक पुलिस ने मामले में तीन आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद अब ताला नगरी में फैक्ट्री संचालक की गिरफ्तारी के लिए प्रयास शुरु किए हैं.

दरअसल, इको वैन के साइलेंसर चोरी करने के बाद इसमें मौजूद मेटल डस्ट को फैक्ट्री संचालक दूसरे राज्यों में बेचता था. यह मैटल डस्ट सोने से भी ज्यादा कीमती है. पकड़े गए तीन आरोपियों से 11 साइलेंसर बरामद किये गए हैं. पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया है कि, यह गाड़ियों से साइलेंसर चोरी कर ताला नगरी की एक फैक्ट्री में बेचते थे. वहीं, फैक्ट्री संचालक साइलेंसर से मैटल डस्ट निकाल कर दूसरे प्रांतों में बेचता है.

इस मामले में इग्लास के क्षेत्राधिकारी राघवेंद्र सिंह ने बताया कि, इको वैन से साइलेंसर चोरी करने वाले गिरोह के विषय में सूचना मिली थी. इसमें बदायूं का रहने वाला मुशाहिद अली, थाना पाली मुकीमपुर क्षेत्र का रहने वाला नासिर अली और मानिकचंद को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने इन्हें मनोहरपुर कायस्थ मोड़ से गिरफ्तार किया है. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि, ताला नगरी में मोहम्मद उमर की फैक्ट्री में साइलेंसर को बेचते थे. मोहम्मद उमर ही साइलेंसर से मेटल डस्ट निकाल कर बाहर के राज्यों में बेचता था. पकड़े गए आरोपियों पर पहले से ही चोरी के कई मुकदमे दर्ज है.

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क्षेत्राधिकारी इग्लास राघवेन्द्र सिंह ने बताया कि, मोहम्मद उमर को मुकदमें में आरोपी बनाया गया है. उसकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं. वहीं, इस गिरोह से जुड़ी अन्य कड़ियों की भी जांच की जा रही है. इको वैन की गाड़ियों में लगा साइलेंसर खास माना जाता है.तकनीकी जानकारी के अनुसार, इको वैन के साइलेंसर में कैटेलिक कन्वर्टर होता है. यह प्लैटिनम ग्रुप ऑफ मेटल्स (पीएमजी) से बनता है. गाड़ी चलते चलते इसके अंदर विशेष मैटल डस्ट एकत्र होती है. जो कि भारत के बाजार में तीन हजार से छह हजार प्रति 10 ग्राम और विदेशी बाजार में 10 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम बिकती है.

इस मैटल डस्ट को गुजरात के अहमदाबाद, हरियाणा के सोनीपत और सूरत की फैक्ट्रियों में प्रयोग होता है. यही इसकी सप्लाई होती है. इको वैन के साइलेंसर की कीमत करीब 60 हजार रुपये तक होती है. साइलेंसर में कैटालिटिक कन्वर्टर लगा होता है. जो प्लैटिनम पैलेडियम रोडियम जैसे मेटल्स इसमें एकत्र होते हैं. इनका प्रयोग मेडिकल, ज्वेलरी और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में होता है.

यह भी पढ़े-खेरागढ़ में सरेंधी सिद्ध बाबा मंदिर से दान पेटिका को उठा ले गया चोर, सीसीटीवी में कैद हुई चोरी की घटना

अलीगढ़: जिले में पुलिस ने फोर व्हीलर गाड़ियों से साइलेंसर चोरी करने वाले गिरोह के 3 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. खास बात यह है कि, यह गिरोह इको वैन गाड़ी के साइलेंसर की चोरी करने का काम करता था. चोरी किया हुआ साइलेंसर तालानगरी की एक फैक्ट्री में बेचते थे. फैक्ट्री संचालक साइलेंसर से मेटल डस्ट निकालकर दूसरे राज्यों में सप्लाई करता है. थाना मडराक पुलिस ने मामले में तीन आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद अब ताला नगरी में फैक्ट्री संचालक की गिरफ्तारी के लिए प्रयास शुरु किए हैं.

दरअसल, इको वैन के साइलेंसर चोरी करने के बाद इसमें मौजूद मेटल डस्ट को फैक्ट्री संचालक दूसरे राज्यों में बेचता था. यह मैटल डस्ट सोने से भी ज्यादा कीमती है. पकड़े गए तीन आरोपियों से 11 साइलेंसर बरामद किये गए हैं. पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया है कि, यह गाड़ियों से साइलेंसर चोरी कर ताला नगरी की एक फैक्ट्री में बेचते थे. वहीं, फैक्ट्री संचालक साइलेंसर से मैटल डस्ट निकाल कर दूसरे प्रांतों में बेचता है.

इस मामले में इग्लास के क्षेत्राधिकारी राघवेंद्र सिंह ने बताया कि, इको वैन से साइलेंसर चोरी करने वाले गिरोह के विषय में सूचना मिली थी. इसमें बदायूं का रहने वाला मुशाहिद अली, थाना पाली मुकीमपुर क्षेत्र का रहने वाला नासिर अली और मानिकचंद को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने इन्हें मनोहरपुर कायस्थ मोड़ से गिरफ्तार किया है. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि, ताला नगरी में मोहम्मद उमर की फैक्ट्री में साइलेंसर को बेचते थे. मोहम्मद उमर ही साइलेंसर से मेटल डस्ट निकाल कर बाहर के राज्यों में बेचता था. पकड़े गए आरोपियों पर पहले से ही चोरी के कई मुकदमे दर्ज है.

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क्षेत्राधिकारी इग्लास राघवेन्द्र सिंह ने बताया कि, मोहम्मद उमर को मुकदमें में आरोपी बनाया गया है. उसकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं. वहीं, इस गिरोह से जुड़ी अन्य कड़ियों की भी जांच की जा रही है. इको वैन की गाड़ियों में लगा साइलेंसर खास माना जाता है.तकनीकी जानकारी के अनुसार, इको वैन के साइलेंसर में कैटेलिक कन्वर्टर होता है. यह प्लैटिनम ग्रुप ऑफ मेटल्स (पीएमजी) से बनता है. गाड़ी चलते चलते इसके अंदर विशेष मैटल डस्ट एकत्र होती है. जो कि भारत के बाजार में तीन हजार से छह हजार प्रति 10 ग्राम और विदेशी बाजार में 10 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम बिकती है.

इस मैटल डस्ट को गुजरात के अहमदाबाद, हरियाणा के सोनीपत और सूरत की फैक्ट्रियों में प्रयोग होता है. यही इसकी सप्लाई होती है. इको वैन के साइलेंसर की कीमत करीब 60 हजार रुपये तक होती है. साइलेंसर में कैटालिटिक कन्वर्टर लगा होता है. जो प्लैटिनम पैलेडियम रोडियम जैसे मेटल्स इसमें एकत्र होते हैं. इनका प्रयोग मेडिकल, ज्वेलरी और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में होता है.

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Last Updated : Aug 20, 2022, 10:47 PM IST
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