आगरा: जिले की दीवानी में पुलिस अभिरक्षा से गैंगस्टर को उसके साथी बाइक से भगा ले गए. गैंगस्टर को पेशी पर लाए हेड कांस्टेबल अनुज प्रताप सिंह और कांस्टेबल अनुराग की मिलीभगत से अपराधियों ने दुस्साहसिक वारदात को अंजाम दिया. इससे दीवानी की सुरक्षा पर सवाल खडे हुए हैं. etv bharat की टीम ने पुलिस अभिरक्षा से गैंगस्टर और उसके साथियों के भागने के बाद दीवानी की सुरक्षा व्यवस्था का रियलटी चैक किया.
जिसमें दीवानी के चारों गेट पर पुलिसकर्मी मुस्तैद मिले. दीवानी में प्रवेश के लिए हर व्यक्ति को मेटल डिटेक्टर से जाना पड़ रहा है. इसके साथ ही उनके बैग और अन्य सामान की जांच लगेज स्कैनर से की जा रही है. इसके साथ ही बंदी हवालात में पुलिस के अलावा अन्य की एंट्री बंद है.
दीवानी की सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद गौरतलब है कि, दीवानी की सुरक्षा को लेकर यहां पर पुलिस चौकी के साथ ही यहां पर सुरक्षा प्रभारी भी तैनात किया गया है. इसके साथ ही पुरुष और महिला पुलिसकर्मी की तैनाती की जाती है. मगर, वारदात के बाद कुछ दिन तक दीवानी की सुरक्षा में सभी मुस्तैदी दिखाते हैं. इसके बाद सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी खुद में व्यस्त हो जाते हैं. बिना रोक-टोक और जांच के लोग दीवानी में प्रवेश करते हैं. इससे ही अपराधी प्रवृत्ति के लोग वारदात को अंजाम देते हैं. पहले भी दीवानी में पुलिस अभिरक्षा से अपराधी फरार हुए हैं.
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कुछ दिन मोबाइल पर व्यस्त हो जाएंगे पुलिसकर्मी
आगरा एडवोकेट्स एसोसिएशन (Agra Advocates Association) के प्रवक्ता अधिवक्ता अजय चाहर ने बताया कि दीवानी परिसर की हर समय चाक चौबंद व्यवस्था रहनी चाहिए. उच्च न्यायालय ने भी सुरक्षा व्यवस्था के निर्देश दिए हैं. यहां पर तैनात पुलिसकर्मी और सुरक्षा प्रभारी मोबाइल पर व्यस्त रहते हैं. अभी घटना हुई है तो यहां पर सुरक्षा व्यवस्था चुस्त की गई है. कुछ दिन बाद फिर पुराने जैसे हालात हो जाएंगे. हमारी मांग यही है कि, यहां पर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होनी चाहिए. जिससे कोई भी असमाजिक तत्व यहां पर नहीं आ पाए.
आगरा एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता केसी शर्मा ने बताया कि, हम लोग चाहते हैं कि यहां पर बिना जांच किए किसी को एंट्री न मिले. यहां पर सैकडों लोग यूं ही घुस आते हैं. जो न अधिवक्ता और न ही उनका दीवानी में कोई काम है. इस बारे में हम जिला जज से भी अपील करते हैं कि, बिना डिग्री वाले और अपराधी व्यक्तियों को दीवानी में प्रवेश से रोक जाए. यहां पर हर दिन सुरक्षा बेहतर होनी चाहिए. यहां पर पार्किंग की व्यवस्था भी अभी ठीक नहीं हैं. वाहन भी यूं ही पार्क किए जा रहे हैं. जिससे भी अधिवक्ता और यहां आने वाले लोगों को परेशानी होती है.
दीवानी का गेट नंबर-एक: एक सब इंस्पेक्टर, छह से अधिक से पुलिसकर्मी तैनात किए हैं. लगेज स्कैनर और मेटल डिटेक्टर रूम में दो महिला पुलिस कर्मी मुस्तैद की गई हैं. जो हर व्यक्ति की चेकिंग और बैग को स्कैन कर रही हैं.
दीवानी की सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद दीवानी का गेट नंबर-चार: एक सब इंस्पेक्टर, छह से अधिक से पुलिसकर्मी तैनात हैं. लगेज स्कैनर और मेटल डिटेक्टर रूम में एक महिला पुलिसकर्मी मुस्तैद मिली. जो हर व्यक्ति की चेकिंग और बैग को स्कैन करने लगी है.
दीवानी का गेट नंबर-दो: इस गेट पर एक मेटल डिटेक्टर लगा है. गेट पर एक महिला और एक पुरुष पुलिसकर्मी तैनात हैं. जो हर आने जाने को मेडल डिटेक्टर से गुजार कर उनकी जांच कर रहे हैं.
दीवानी का गेट नंबर-तीन: इस गेट पर एक मेटल डिटेक्टर है. इसलिए वहां पर एक महिला और एक पुरुष पुलिसकर्मी तैनात हैं. जो हर आने जाने को मेडल डिटेक्टर से गुजार कर उनकी जांच कर रहे हैं.
आगरा में पुलिस अभिरक्षा से पहले भी भागे बदमाश- 7 दिसंबर 2016 को दीवानी में पुलिस वाहन की चादर तोड़कर पवन राजपूत फरार हो गया था. जो जेल से पेशी पर लाया गया था. - 25 नवंबर 2016 को दीवानी से गैंगस्टर जितेंद्र उर्फ लूला भाग गया था. - 10 मार्च 2016 को हत्यारोपित रघुनाथ सिंह दीवानी से भागा था. - 9 फरवरी 2016: हत्यारोपित भोजराज दीवानी में पुलिसकर्मियों को धक्का देकर भाग गया था. - अगस्त 2013: दीवानी हवालात से ताजगंज निवासी प्रिंस और ईदगाह निवासी शाहरूख भाग गए थे.
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