आगरा: पुलिस ने एक बेकशुर को जेल जाने से बचा लिया. झूठे दुष्कर्म के मामलें में पीड़ित और उसके वकील बेकशुर से मुकदमा खत्म करने के नाम पर लाखों की वसूली करने वाले थे, लेकिन पुलिस की सजगता ने पूरे मामले की पोल खोल दी. इस मामलें में पुलिस ने तथाकथित पीड़ित सहित दोनों पक्षों के वकीलों को जेल भेज दिया.
फर्जी दुष्कर्म के मामले पर हो रही थी वसूली
लूट सिर्फ तमंचे के बल पर नहीं होती, आज-कल मुकदमों के नाम पर भी वसूली का खेल जारी हैं.आगरा पुलिस ने एक ऐसे ही फर्जी मामले की जांच कर आरोपियों को जेल भेजा हैं. दरअसल, बीते 24 जून को थाना हरीपर्वत में एक पीड़ित ने अपने साथ 2 महीने पहले घटी दुष्कर्म की वारदात को लेकर मुकदमा दर्ज कराया था.
यह आरोप उसके साथ कोचिंग में पढ़ने वाले साथी राहुल पर था. पुलिस ने इस मामले में धारा 376, 504, 506 और 328 जैसी संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था. मामले की जांच आगे बढ़ी तो पुलिस को कई चौकाने वाली बात पता चली. यह मामला एसपी सिटी के संज्ञान में आने के बाद पूरे मामले की जांच थाने में तैनात महिला आरक्षी नीलम को सौंपी गई.
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जांच के बाद पुलिस अंतिम नतीजे पर पहुंची, जिसके बाद फर्जी मुकदमा दर्ज कराने वाली पीड़ित और दोनों पक्षों के वकीलों पर पुलिस ने धारा 182, 195, 388, 384 और 420 का मुकदमा दर्ज कर 6 जून को जेल भेज दिया हैं. गिरफ्तार आरोपियों में तथाकथित पीड़ित के साथ वकील जितेंद्र राजपूत, निशांत कुमार और शेखर प्रताप को बुधवार को जेल भेज दिया. वहीं, बेकसूर आरोपी के दो वकीलों अवनींद्र वैश्य और महिला वकील को भी नामजद किया हैं. दोनों वकील फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस जुट गई हैं.
पुलिस ने चौथ वसूली करते रंगे हाथ पकड़ा
एसपी सिटी विकास कुमार ने बताया कि दुष्कर्म के इस फर्जी मामलें में राजीनामा करने के लिए बेकसूर आरोपी राहुल के परिवार से 5 लाख की मांग की थी. पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर वसूली स्थल पर रेड मारी और मौके से आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
फर्जी मुकदमों में होगी कार्यवाही-एसपी सिटी
इस फर्जी मुकदमे में वसूली का बात सामने आने के बाद एसपी सिटी विकास कुमार ने लोगों से एक महत्वपूर्ण अपील की है. उनका कहना है कि अगर किसी भी बेकसूर को गलत फंसा कर अगर कोई महिला या उसके साथी वसूली कर रहे हैं तो हमें तत्काल सूचना दें.
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