आगरा: पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई (Atal Bihari Vajpayee) की बटेश्वर में यादें 'अटल' हैं. अटलजी की यादों को संवारने के लिए केंद्र और यूपी सरकार ने तमाम घोषणाएं कीं. बटेश्वर के विकास का पिटारा (development box) खोला गया. तमाम विकास कार्य की रूपरेखा बनी. मगर, वाजपेई की चौधी पुण्यतिथि पर भी लाखों रुपये में बनकर आई उनकी प्रतिमा का अनवारण नहीं हो सकेगा.
ऐसा नहीं है कि, अभी उनकी प्रतिमा बनी नहीं हैं. बटेश्वर में यमुना किनारे वाजपेई यज्ञशाला के पास निर्माणाधीन संकुल भवन परिसर में लगाने के लिए अटलजी की प्रतिमा आ चुकी है. मगर, प्रतिमा की लंबाई कम है. इसके साथ ही उसमें उनकी छवि नहीं है. इसलिए प्रतिमा संकुल परिसर में रखी है. यह जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही को बयां कर रही है कि, वे वाजपेई की यादें संजोने के लिए कितने गंभीर हैं. अपनी करतूत और लापरवाही पर पर्दा डालने के लिए अब अटलजी के जन्मदिवस 25 दिसंबर को प्रतिमा के अनावरण और संकुल भवन के उद्घाटन की तैयारी है.
बता दें कि, आगरा जिला मुख्यालय से 85 किमी. दूर स्थित बटेश्वर की पहचान बाबा महादेव के बटेश्वरधाम से है. मगर, बटेश्वर की धरा पूर्व पीएम भारत अटल विहारी के पैतृक गांव भी है. उनका जन्म ग्वालियर में 25 दिसंबर 1924 को हुआ था. 16 अगस्त 2018 को पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेई का निधन हुआ था. वे भारत के तीन बार पीएम रहे.
अटलजी के निधन पर केंद्र और यूपी सरकार ने तमाम पवित्र नदियों में उनकी अस्थ्यिां विसर्जित की थीं. सन 2018 में सीएम योगी बटेश्वर में वाजपेई की अस्थ्यिां यमुना में विसर्जित करने आए तो उन्होंने बटेश्वर के विकास की तमाम घोषणाएं की थीं. 27 दिसंबर 2021 को अटलजी के जन्मदिन पर सीएम योगी आए और विकास की योजना का पिटारा खोला. जिसमें अहम घोषणा अटलजी के पूर्वजों की वाजपेई यज्ञशाला, अटल बिहारी वाजपेई की प्रतिमा और संकुल केंद्र का निर्माण शामिल था. करीब 12 करोड़ रुपये से संकुल केंद्र का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है.
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संकुल केंद्र का निर्माण कर रही फर्म के सुपरवाइजर मोहन ने बताया कि, यहां पर वाजपेई की प्रमिता लगाई जाएगी. यह प्रतिमा एक माह पहले आ गई है. जो परिसर में रखी है. अब अधिकारियों ने कहा है कि, यह प्रतिमा यहां पर नहीं लगेगी. यहां के लिए दूसरी प्रतिमा आएगी. यह संकुल केंद्र भी 25 दिसंबर तक बनकर तैयार होगा. तब इसका उद्घाटन होगा.
बटेश्वर के संकुल केंद्र में रखी उनकी प्रतिमा को लेकर अभी अधिकारी कुछ नहीं बोल रहे हैं. अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है. मगर, इस प्रतिमा को देखने पर स्पष्ट है कि, इसमें वाजपेई की छवि बिल्कुल झलक नहीं रही है. इसके साथ ही कद भी छोटा है. इस वजह से अब दूसरी प्रतिमा बनवाई जाएगी. जिस पर भी लाखों रुपये का खर्च होगा. यह अधिकारियों से रुपये की बर्बादी हो रही है.
पूर्व कैबिनेट मंत्री राजा अरिदम सिंह ने बताया कि, संकुल केंद्र में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की प्रतिमा लगाने के लिए सीमेंट का स्टैंड बन गया है. उनकी प्रतिमा आ गई है. जो बेहद छोटी है. उनकी व्यक्तित्व विशाल है और उनकी इतनी छोटी प्रतिमा लगाए जाना उचित नहीं है.
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