आगरा. ताजनगरी में यमुना और चंबल नदी उफान पर हैं. जिससे जिले के 90 से ज्यादा गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. इसको देखते हुए जिला प्रशासन ने रेड अलर्ट जारी किया है. यमुना का जलस्तर बढ़ने से से दयालबाग, कमलानगर, बल्केश्वर क्षेत्र में बसी कॉलोनियों और बस्तियों के लोगों की धड़कने बढ़ गई हैं. वहीं, राजस्थान में हो रही बारिश और कोटा बैराज से चंबल में 5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने के बाद पिनाहट में जलस्तर 124 मीटर के पार हो गया. जिससे 50 गांव में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. जिला प्रशासन अब मुनादी कराकर ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील कर रहा है.
ताजमहल की नींव हुई मजबूतः ताजमहल की बुनियाद कुंओं पर है. इन कुंओं में लकड़ी है. जिसे नमी की बेहद जरूरत होती है. मगर बीते काफी समय से यमुना लगातार ताजमहल की नींव से दूर बह रही थी. जिससे ताज की बुनियाद कमजोर हो रही थी. गोकुल बैराज से 50730 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. जिससे वॉटर वर्क्स पर यमुना का जलस्तर खतरे के निशान 495 फीट से दो फीट दूर है. अगले दो दिन यमुना और उफान ले सकती है. जिससे आगरा में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. सिंचाई विभाग ने सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट किया है.
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कोटा से चंबल में पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़ाः राजस्थान में हो रहे बारिश से कोटा बैराज ओवरफ्लो होने लगा. जिसके बाद मंगलवार रात चंबल नदी में 5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया. संभावना है कि चंबल खतरे के निशान 130 मीटर छू सकती है. इसको लेकर जिला प्रशासन ने रेड अलर्ट जारी किया है. चंबल के तटवर्ती गांवों में मुनादी कराकर लोगों से सुरक्षित ऊंचे स्थान पर जाने की अपील की गई है. चंबल में स्टीमर का संचालन बंद है.
चबंल में पंप हाउस को डूबने से बचाने के लिए दीवार बनाई जा रही है. चंबल नदी का जलस्तर 124 मीटर होने से ही एक दर्जन से ज्यादा गांवों में चंबल का पानी पहुंच गया है. कच्चे रास्ते पर पानी भरने के साथ ही खेतों में फसलें डूब गई हैं. एसडीएम रतन वर्मा ने बताया कि रेड अलर्ट के चलते तहसील मुख्यालय पर कंट्रोल रूम बनाया गया है. क्षेत्र में 8 बाढ़ चौकियां बनाई गईं हैं. लेखपाल सक्रिय कर दिए गए हैं.
इन गांव में बाढ़ का खतराः पिनाहट, रेहा, बरेंडा, तासौड़, क्योरी, करकोली, महगोली, उटसाना, उमरैठा पुरा, बघरैना, बासौनी, जेबरा, कुंवर खेड़ा, सिमराई, गुढ़ा, पुराभगवान, खेड़ा राठौर, महुआशाला, गोहरा, रानीपुरा, नंदगवां, बिट्ठौना, प्यारमपुरा, मुकुटपुरा, हथकांत, नावली, कोरथ, कमोनी, उदयपुर खुर्द, मऊ की मढै़या, भटपुरा, झरनापुरा, पुराडाल, डगोरा, पुराशिवलाल, कछियारा समेत 50 से ज्यादा गांव में बाढ़ का खतरा है.
ये हैं बाढ़ चौकियांः मंसुखपुरा, पिनाहट, उमरैठा, बासौनी, खेड़ा राठौर, नंदगवां, सिमराई, पुरा भगवान.
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