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पुलवामा हमले में शहीद जवान का परिवार धरने पर बैठा, जानें पूरा मामला - धरने पर बैठा शहीद का परिवार

पुलवामा आतंकी हमले (Pulwama terror attack) में शहीद (martyr) हुए जवान कौशल कुमार रावत की याद में उनके गृह जनपद आगरा में उनकी एक प्रतिमा लगाई गई है. लेकिन, बीते एक साल से शहीद की प्रतिमा का अनावरण नहीं हो सका है. जिससे नाराज शहीद का परिवार धरने पर बैठ गया है.

शहीद जवान का परिवार धरने पर बैठा
शहीद जवान का परिवार धरने पर बैठा
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Published : Jul 1, 2021, 6:46 PM IST

आगरा: पुलवामा आतंकी हमले (Pulwama terror attack) में शहीद हुए आगरा के कौशल कुमार रावत की पत्नी ममता रावत और उनका परिवार गुरुवार को धरने पर बैठ गया. शहीद की पत्नी ममता रावत और बेटे अभिषेक रावत ने जिला प्रशासन पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि, वे लोग अधिकारियों की वादा खिलाफी से परेशान हो गए हैं.

दरअसल, पुलवामा आतंकी हमले शहीद हुए सीआरपीएफ के जवान कौशल कुमार रावत की याद में उनके पैतृक गांव कहरनई में उनकी एक प्रतिमा लगाई गई है. लेकिन, एक साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद शहीद कौशल कुमार रावत की प्रतिमा का अनावरण नहीं हो सका है. इसके साथ ही स्कूल और गांव की सड़क का नामकरण भी शहीद के नाम पर करने का वादा भी अभी अधूरा है. इन वादों को पूरा करने के लिए शहीद का परिवार सीएम योगी से भी गुहार लगा चुका है.

धरने पर बैठा शहीद का परिवार
धरने पर बैठा शहीद का परिवार


शहीद कौशल कुमार रावत की पत्नी ममता रावत का कहना है कि, जब पति का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए गांव लाया गया था. उस समय पुलिस और प्रशासन के अधिकारी आए थे. प्रशासन के अधिकारियों ने परिवार से कई वादे किए थे. जिसमें गांव के स्कूल और सड़क का नाम शहीद के नाम पर करना, गांव में शहीद की प्रतिमा के लिए जमीन देना और अन्य आर्थिक मदद का वादा किया गया था. परिवार ने अपनी निजी जमीन पर शहीद की प्रतिमा का निर्माण कराया है. शहीद के बेटे अभिषेक रावत का कहना है कि, शहीद की प्रतिमा एक साल से अनावरण का इंतजार कर रही है. इसके अनावरण के लिए लखनऊ और आगरा के चक्कर काट रहे हैं. कई नेताओं से बात की. लेकिन, किसी नेता ने अभी तक शहीद की प्रतिमा के अनावरण का समय नहीं दिया.

धरने पर बैठी शहीद की पत्नी ममता रावत
धरने पर बैठी शहीद की पत्नी ममता रावत
इसके साथ ही शहीद कौशल कुमार रावत की पत्नी ममता रावत ने बताया कि, बेसिक शिक्षा विभाग के कर्मचारियों ने शहीद के परिवार की आर्थिक मदद के लिए अपना एक दिन का वेतन दिया था. जिससे 66.57 लाख रुपए की रकम जमा हुई थी. लेकिन, ये धनराशि अभी तक नहीं उन्हें मिली है. यह धनराशि मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा है. इस रकम के लिए परिवार अब तक आगरा और लखनऊ के बीच चक्कर काट रहा है. साथ ही परिवार के शस्त्र लाइसेंस भी नहीं बन रहा है. ऐसे में जिला प्रशासन की वादा खिलाफी से परेशान होकर वे परिवार समेत शहीद पति की प्रतिमा के सामने धरने पर बैठी हैं. शहीद की पत्नी ने कहा कि जब तक समस्या का समाधान नहीं होगा, मैं धरने से नहीं उठूंगी.
परिवार के धरने पर बैठने के बाद मिलने पहुंचे अधिकारी
परिवार के धरने पर बैठने के बाद मिलने पहुंचे अधिकारी
एसडीएम ने की बातचीत
शहीद कौशल कुमार रावत की पत्नी ममता रावत और परिजनों के धरना पर बैठने की खबर से जिला प्रशासन में खलबली मच गई. आनन फानन में एडीएम सिटी डाॅ. प्रभाकांत अवस्थी और एसडीएम सदर एके गुप्ता और पुलिस के अधिकारी पहुंच गए. एसडीएम और एडीएम सिटी ने पीडित परिवार से बातचीत की. एसडीएम एके गुप्ता ने बताया कि, शहीद कौशल कुमार रावत की पत्नी, बेटा और अन्य परिजन से बात हुई है. उनकी सात सूत्रीय मांग है. जिनके बारे में वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा दिया है.

बता दें कि, ताजगंज थाना के गांव कहरई निवासी कौशल कुमार रावत सीआरपीएफ में तैनात थे. उनकी तैनाती सीआरपीएफ की सिलीगुडी में बटालियन नंबर 115 में तैनाती थी. लेकिन, उनका स्थानांतरण सीआरपीएफ की बटालियन में किया गया था. 14 फरवरी 2019 को कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों ने सीआरपीएफ के वाहनों पर आतंकी हमला किया. जिसमें कौशल कुमार समेत सीआरपीएफ के कई जवान शहीद हो गए.

आगरा: पुलवामा आतंकी हमले (Pulwama terror attack) में शहीद हुए आगरा के कौशल कुमार रावत की पत्नी ममता रावत और उनका परिवार गुरुवार को धरने पर बैठ गया. शहीद की पत्नी ममता रावत और बेटे अभिषेक रावत ने जिला प्रशासन पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि, वे लोग अधिकारियों की वादा खिलाफी से परेशान हो गए हैं.

दरअसल, पुलवामा आतंकी हमले शहीद हुए सीआरपीएफ के जवान कौशल कुमार रावत की याद में उनके पैतृक गांव कहरनई में उनकी एक प्रतिमा लगाई गई है. लेकिन, एक साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद शहीद कौशल कुमार रावत की प्रतिमा का अनावरण नहीं हो सका है. इसके साथ ही स्कूल और गांव की सड़क का नामकरण भी शहीद के नाम पर करने का वादा भी अभी अधूरा है. इन वादों को पूरा करने के लिए शहीद का परिवार सीएम योगी से भी गुहार लगा चुका है.

धरने पर बैठा शहीद का परिवार
धरने पर बैठा शहीद का परिवार


शहीद कौशल कुमार रावत की पत्नी ममता रावत का कहना है कि, जब पति का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए गांव लाया गया था. उस समय पुलिस और प्रशासन के अधिकारी आए थे. प्रशासन के अधिकारियों ने परिवार से कई वादे किए थे. जिसमें गांव के स्कूल और सड़क का नाम शहीद के नाम पर करना, गांव में शहीद की प्रतिमा के लिए जमीन देना और अन्य आर्थिक मदद का वादा किया गया था. परिवार ने अपनी निजी जमीन पर शहीद की प्रतिमा का निर्माण कराया है. शहीद के बेटे अभिषेक रावत का कहना है कि, शहीद की प्रतिमा एक साल से अनावरण का इंतजार कर रही है. इसके अनावरण के लिए लखनऊ और आगरा के चक्कर काट रहे हैं. कई नेताओं से बात की. लेकिन, किसी नेता ने अभी तक शहीद की प्रतिमा के अनावरण का समय नहीं दिया.

धरने पर बैठी शहीद की पत्नी ममता रावत
धरने पर बैठी शहीद की पत्नी ममता रावत
इसके साथ ही शहीद कौशल कुमार रावत की पत्नी ममता रावत ने बताया कि, बेसिक शिक्षा विभाग के कर्मचारियों ने शहीद के परिवार की आर्थिक मदद के लिए अपना एक दिन का वेतन दिया था. जिससे 66.57 लाख रुपए की रकम जमा हुई थी. लेकिन, ये धनराशि अभी तक नहीं उन्हें मिली है. यह धनराशि मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा है. इस रकम के लिए परिवार अब तक आगरा और लखनऊ के बीच चक्कर काट रहा है. साथ ही परिवार के शस्त्र लाइसेंस भी नहीं बन रहा है. ऐसे में जिला प्रशासन की वादा खिलाफी से परेशान होकर वे परिवार समेत शहीद पति की प्रतिमा के सामने धरने पर बैठी हैं. शहीद की पत्नी ने कहा कि जब तक समस्या का समाधान नहीं होगा, मैं धरने से नहीं उठूंगी.
परिवार के धरने पर बैठने के बाद मिलने पहुंचे अधिकारी
परिवार के धरने पर बैठने के बाद मिलने पहुंचे अधिकारी
एसडीएम ने की बातचीत
शहीद कौशल कुमार रावत की पत्नी ममता रावत और परिजनों के धरना पर बैठने की खबर से जिला प्रशासन में खलबली मच गई. आनन फानन में एडीएम सिटी डाॅ. प्रभाकांत अवस्थी और एसडीएम सदर एके गुप्ता और पुलिस के अधिकारी पहुंच गए. एसडीएम और एडीएम सिटी ने पीडित परिवार से बातचीत की. एसडीएम एके गुप्ता ने बताया कि, शहीद कौशल कुमार रावत की पत्नी, बेटा और अन्य परिजन से बात हुई है. उनकी सात सूत्रीय मांग है. जिनके बारे में वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा दिया है.

बता दें कि, ताजगंज थाना के गांव कहरई निवासी कौशल कुमार रावत सीआरपीएफ में तैनात थे. उनकी तैनाती सीआरपीएफ की सिलीगुडी में बटालियन नंबर 115 में तैनाती थी. लेकिन, उनका स्थानांतरण सीआरपीएफ की बटालियन में किया गया था. 14 फरवरी 2019 को कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों ने सीआरपीएफ के वाहनों पर आतंकी हमला किया. जिसमें कौशल कुमार समेत सीआरपीएफ के कई जवान शहीद हो गए.

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