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आगरा: रोडवेज बसों में 'रफिड डिवाइस' लगाएगा डीजल चोरी पर लगाम - diesel theft stopped by rfid devise in roadways buses

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में उप्र राज्य परिवहन निगम अपनी बसों में डीजल चोरी रोकने के लिए डिवाइस लगवा रहा है. इस डिवाइस के जरिए बसों में ऑटोमेटिक डीजल भरा जाता है, जिससे चालक डीजल की चोरी नहीं कर पाते हैं.

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बसों में रफिड डिवाइस लगाएगा डीजल चोरी पर लगाम.
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Published : Dec 25, 2019, 10:51 AM IST

आगरा: रोडवेज बसों से डीजल चोरी पर लगाम लगाने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम अपनी बसों में अत्याधुनिक डिवाइस लगवा रहा है. निगम के आगरा मंडल के सभी छह डिपो की सभी रोडवेज बसों में डिवाइस लगाने का काम पूरा हो गया है. इस डिवाइस से बसों में ओटोमेटिक डीजल भरा जा रहा है. जब डिवाइस से किसी बस की टंकी में डीजल भरा जाता है तो उस बस के चालक और बस की कुंडली कंप्यूटर पर खुल जाती है.

बसों में रफिड डिवाइस लगाएगा डीजल चोरी पर लगाम.

रफिड रिंग से भरा जा रहा डीजल
आगरा मंडल के सेवा प्रबंधक एसपी सिंह ने बताया कि उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम और इंडियन ऑयल की ओर से रोडवेज बसों में रफिड (आरएफआईडी) डिवाइस लगाई जा रही है. आगरा मंडल के सभी छह डिपो की बसों में यह डिवाइस लगाई जा चुकी है. निगम की 492 और अनुबंध की 91 बसों में डिवाइस लगाई जा चुकी है. रफिड डिवाइस से अब ऑटोमेटिक ही रोडवेज बसों में डीजल भरा जा रहा है. मुख्यालय से निर्देश मिले हैं कि एक जनवरी 2020 से किसी भी गाड़ी में अब बिना आरएफआईडी रिंग के डीजल नहीं भरा जाएगा. हमने इसकी पूरी तैयारी कर ली है.

डिवाइस के हिस्से

  • रफिड रिंग: इस रिंग में बेल रफिड चिप लगी होती है. यह रिंग बस के डीजल टैंक पर लगी होती है. जहां से डीजल भरा जाता है.
  • नोजल रीडर: डीजल पंप के डीजल डालने वाले नोजल पर लगा होता है.
  • मास्टर वायरलेस गेटवे टर्मिनल (एमडब्ल्यूजीटी): यह डिवाइस डीजल डिस्पेंसिंग यूनिट के ऊपर लगी होती है. जब बस में डीजल भरा जाता है तब रपिड रिंग और नोजल रीडर टच करती है. एमडब्ल्यूजीटी से कंप्यूटर में बस की पूरी डिटेल आ जाती है.
  • टेग रीडर: यह नंबर और अल्फाबेट का एक कैलकुलेटर की तरह का डिवाइस है, जो डीजल डिस्पेंसिंग यूनिट में लगा होता है. यहीं से चालक कोड फीड किया जाता है.

इन डिपो में डिवाइस लगाने का काम पूरा

  • ईदगाह डिपो
  • ताज डिपो
  • आगरा फोर्ट डिपो
  • फाउंड्री नगर डिपो
  • बाह डिपो
  • मथुरा डिपो

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: पीएम के दौरे से पहले 12 से अधिक उपद्रवी गिरफ्तार

रोडवेज बसों के डीजल टैंक के मुंह पर एक रिंग लगाई है. एक डिवाइस डीजल भरने वाले नोजल रीडर पर लगी है. इस रिंग और डिवाइस के जरिए ही रोडवेज बसों में ऑटोमेटिक कंप्यूटराइज्ड सिस्टम से डीजल भरा जाता है, जिसमें किसी भी तरह की कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है.
-बुद्ध प्रकाश, फोरमैन, ईदगाह डिपो

आगरा: रोडवेज बसों से डीजल चोरी पर लगाम लगाने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम अपनी बसों में अत्याधुनिक डिवाइस लगवा रहा है. निगम के आगरा मंडल के सभी छह डिपो की सभी रोडवेज बसों में डिवाइस लगाने का काम पूरा हो गया है. इस डिवाइस से बसों में ओटोमेटिक डीजल भरा जा रहा है. जब डिवाइस से किसी बस की टंकी में डीजल भरा जाता है तो उस बस के चालक और बस की कुंडली कंप्यूटर पर खुल जाती है.

बसों में रफिड डिवाइस लगाएगा डीजल चोरी पर लगाम.

रफिड रिंग से भरा जा रहा डीजल
आगरा मंडल के सेवा प्रबंधक एसपी सिंह ने बताया कि उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम और इंडियन ऑयल की ओर से रोडवेज बसों में रफिड (आरएफआईडी) डिवाइस लगाई जा रही है. आगरा मंडल के सभी छह डिपो की बसों में यह डिवाइस लगाई जा चुकी है. निगम की 492 और अनुबंध की 91 बसों में डिवाइस लगाई जा चुकी है. रफिड डिवाइस से अब ऑटोमेटिक ही रोडवेज बसों में डीजल भरा जा रहा है. मुख्यालय से निर्देश मिले हैं कि एक जनवरी 2020 से किसी भी गाड़ी में अब बिना आरएफआईडी रिंग के डीजल नहीं भरा जाएगा. हमने इसकी पूरी तैयारी कर ली है.

डिवाइस के हिस्से

  • रफिड रिंग: इस रिंग में बेल रफिड चिप लगी होती है. यह रिंग बस के डीजल टैंक पर लगी होती है. जहां से डीजल भरा जाता है.
  • नोजल रीडर: डीजल पंप के डीजल डालने वाले नोजल पर लगा होता है.
  • मास्टर वायरलेस गेटवे टर्मिनल (एमडब्ल्यूजीटी): यह डिवाइस डीजल डिस्पेंसिंग यूनिट के ऊपर लगी होती है. जब बस में डीजल भरा जाता है तब रपिड रिंग और नोजल रीडर टच करती है. एमडब्ल्यूजीटी से कंप्यूटर में बस की पूरी डिटेल आ जाती है.
  • टेग रीडर: यह नंबर और अल्फाबेट का एक कैलकुलेटर की तरह का डिवाइस है, जो डीजल डिस्पेंसिंग यूनिट में लगा होता है. यहीं से चालक कोड फीड किया जाता है.

इन डिपो में डिवाइस लगाने का काम पूरा

  • ईदगाह डिपो
  • ताज डिपो
  • आगरा फोर्ट डिपो
  • फाउंड्री नगर डिपो
  • बाह डिपो
  • मथुरा डिपो

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रोडवेज बसों के डीजल टैंक के मुंह पर एक रिंग लगाई है. एक डिवाइस डीजल भरने वाले नोजल रीडर पर लगी है. इस रिंग और डिवाइस के जरिए ही रोडवेज बसों में ऑटोमेटिक कंप्यूटराइज्ड सिस्टम से डीजल भरा जाता है, जिसमें किसी भी तरह की कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है.
-बुद्ध प्रकाश, फोरमैन, ईदगाह डिपो

Intro:स्पेशल.... लोगो लगा लें...
आगरा.
रोडवेज की बसों से डीजल चोरी पर लगाम लगेगी. अब उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम अपनी बसों के डीजल की बूंद बूंद का हिसाब रखेगा. इसके लिए निगम सभी बसों में डीजल चोरी रोकने के लिए अत्याधुनिक डिवाइस लगवा रहा है. निगम के आगरा मंडल के सभी छह डिपो की सभी रोडवेज बसों में डिवाइस लगाने का काम पूरा हो गया है. इस डिवाइस से बसों में ओटोमेटिक डीजल भरा जा रहा है. जब डिवाइस से किसी बस की टंकी में डीजल भरा जाता है, तो उस बस के चालक और बस की कुंडली कंप्यूटर पर खुल जाती है.


Body:ईदगाह डिपो के फोरमैन बुद्ध प्रकाश ने बताया कि रोडवेज बसों के डीजल टैंक के मुंह पर एक रिंग लगाई है. और एक डिवाइस डीजल भरने वाले नोजल रीडर पर लगी है. अब इस रिंग और डिवाइस के जरिए ही रोडवेज बसों में ऑटोमेटिक कंप्यूटराइज्ड सिस्टम से डीजल भरा जाता है. जिसमें किसी भी तरह की कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है. यदि रफिड रिंग और

बसों में रफिड रिंग से भरा जा रहा डीजल
आगरा मंडल के सेवा प्रबंधक एसपी सिंह ने बताया कि, उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम और इंडियन ऑयल की ओर से रोडवेज बसों में रफिड (आरएफआईडी) डिवाइस लगाई जा रही है. आगरा मंडल के सभी छह डिपो की बसों में यह डिवाइस लगाई जा चुकी है. हमारी निगम की 492 और अनुबंध की 91 बसों में डिवाइस लगाई जा चुकी है. इसी डिवाइस से अब ऑटोमेटिक ही रोडवेज बसों में डीजल भरा जा रहा है. मुख्यालय से निर्देश मिले हैं कि, एक जनवरी 2020 से किसी भी गाड़ी में अब बिना आरएफआईडी रिंग के डीजल नहीं भरा जाएगा. हमने इसकी पूरी तैयारी कर ली है. इससे अब डीजल की बूंद बूंद का हिसाब रखा जा रहा है.

डिवाइस के हिस्से

रफिड रिंग: इस रिंग बेल रफिड चिप लगी होती है. यह रिंग बस के डीजल टैंक पर लगी होती है. जहां से डीजल भरा जाता है.

नोजल रीडर: डीजल पंप के डीजल डालने वाले नोजल पर लगा होता है.

मास्टर वायरलेस गेटवे टर्मिनल (एमडब्ल्यूजीटी) : यह एक डिवाइस है, जो डीजल डिस्पेंसिंग यूनिट के ऊपर लगी होती है. जब बस में डीजल भरा जाता है. तब रपिड रिंग और नोजल रीडर जब टच करते हैं. एमडब्ल्यूजीटी से कंप्यूटर में बस की पूरी डिटेल आ जाती है.

टेग रीडर: यह नंबर व अल्फाबेट का एक कैलकुलेटर की तरह का डिवाइस है. जो डीजल डिस्पेंसिंग यूनिट में लगा होता है. यहीं से चालक कोड फीड किया जाता है.

इन डिपो में डिवाइस लगाने का काम पूरा
-ईदगाह डिपो
-ताज डिपो
-आगरा फोर्ट डिपो
-फाउंड्री नगर डिपो
-बाह डिपो
-मथुरा डिपो



Conclusion:उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के आगरा मंडल के छह डिपो की सभी रोडवेज बसों में अत्याधुनिक डीजल भरने की डिवाइस लगाई जा चुकी है. इस डिवाइस के जरिए ही अब बसों में डीजल भरा जा रहा है.
.....।...
पहली बाइट बुद्ध प्रकाश, फोरमैन (ईदगाह डिपो) की।
दूसरी बाइट एसपी सिंह, सेवा प्रबंधक, आगरा मंडल (उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम)।

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श्यामवीर सिंह
आगरा
8387893357
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