आगरा: रोडवेज बसों से डीजल चोरी पर लगाम लगाने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम अपनी बसों में अत्याधुनिक डिवाइस लगवा रहा है. निगम के आगरा मंडल के सभी छह डिपो की सभी रोडवेज बसों में डिवाइस लगाने का काम पूरा हो गया है. इस डिवाइस से बसों में ओटोमेटिक डीजल भरा जा रहा है. जब डिवाइस से किसी बस की टंकी में डीजल भरा जाता है तो उस बस के चालक और बस की कुंडली कंप्यूटर पर खुल जाती है.
रफिड रिंग से भरा जा रहा डीजल
आगरा मंडल के सेवा प्रबंधक एसपी सिंह ने बताया कि उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम और इंडियन ऑयल की ओर से रोडवेज बसों में रफिड (आरएफआईडी) डिवाइस लगाई जा रही है. आगरा मंडल के सभी छह डिपो की बसों में यह डिवाइस लगाई जा चुकी है. निगम की 492 और अनुबंध की 91 बसों में डिवाइस लगाई जा चुकी है. रफिड डिवाइस से अब ऑटोमेटिक ही रोडवेज बसों में डीजल भरा जा रहा है. मुख्यालय से निर्देश मिले हैं कि एक जनवरी 2020 से किसी भी गाड़ी में अब बिना आरएफआईडी रिंग के डीजल नहीं भरा जाएगा. हमने इसकी पूरी तैयारी कर ली है.
डिवाइस के हिस्से
- रफिड रिंग: इस रिंग में बेल रफिड चिप लगी होती है. यह रिंग बस के डीजल टैंक पर लगी होती है. जहां से डीजल भरा जाता है.
- नोजल रीडर: डीजल पंप के डीजल डालने वाले नोजल पर लगा होता है.
- मास्टर वायरलेस गेटवे टर्मिनल (एमडब्ल्यूजीटी): यह डिवाइस डीजल डिस्पेंसिंग यूनिट के ऊपर लगी होती है. जब बस में डीजल भरा जाता है तब रपिड रिंग और नोजल रीडर टच करती है. एमडब्ल्यूजीटी से कंप्यूटर में बस की पूरी डिटेल आ जाती है.
- टेग रीडर: यह नंबर और अल्फाबेट का एक कैलकुलेटर की तरह का डिवाइस है, जो डीजल डिस्पेंसिंग यूनिट में लगा होता है. यहीं से चालक कोड फीड किया जाता है.
इन डिपो में डिवाइस लगाने का काम पूरा
- ईदगाह डिपो
- ताज डिपो
- आगरा फोर्ट डिपो
- फाउंड्री नगर डिपो
- बाह डिपो
- मथुरा डिपो
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रोडवेज बसों के डीजल टैंक के मुंह पर एक रिंग लगाई है. एक डिवाइस डीजल भरने वाले नोजल रीडर पर लगी है. इस रिंग और डिवाइस के जरिए ही रोडवेज बसों में ऑटोमेटिक कंप्यूटराइज्ड सिस्टम से डीजल भरा जाता है, जिसमें किसी भी तरह की कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है.
-बुद्ध प्रकाश, फोरमैन, ईदगाह डिपो