आगरा : फुटवियर पर जीएसटी की दरें बढ़ने से जनपद के फुटवियर कारोबारी बुधवार को हड़ताल पर हैं. कारोबारियों ने आज पूरा बाजार बंद रखा है. फुटवियर कारोबारियों का कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से शूज पर जीएसटी 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया है, इसी के विरोध में यह विरोध जताया गया है.
दरअसल, शहर के सबसे बड़े हींग की मंडी शूज बाजार को कारोबारियों ने आज बंद रखा. बाजार से जुलूस निकालकर कारोबारी कलेक्ट्रेट पहुंचे. यहां केंद्र सरकार के नाम जिला प्रशासन को एक ज्ञापन दिया. उन लोगों ने मांग किया कि फिर से शूज पर जीएसटी 5 प्रतिशत किया जाए. क्योंकि, 12 फीसदी जीएसटी होने से आगरा में करीब 4 लाख कारीगर बेरोजगार हो जाएंगे. इसका सीधा असर आगामी चुनाव पर पड़ सकता है.
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फुटवियर कारोबारी मुरलीधर पंजबानी का कहना है कि पहले जूते पर 5 प्रतिशत जीएसटी था, जिसे सरकार ने बढ़ाकर अब 12 प्रतिशत कर दिया है. इससे आगरा के फुटवियर कारोबारियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. हमारी मांग है कि, सरकार फुटवियर कारोबार पर जीएसटी 5 प्रतिशत करे.
फुटवियर कारोबारी प्रदीप कुमार मेहरा ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से शूज पर बढ़ाए गए जीएसटी से आगरा के करीब चार लाख से ज्यादा कारीगर प्रभावित हो रहे हैं. अगर बढ़ी जीएसटी की दर वापस नहीं ली गई तो आगरा में बेरोजगारी बढ़ेगी.
आगरा शू फैक्टर्स फेडरेशन (Agra Shoe Factors Federation) के अध्यक्ष गागनदास रामानी ने बताया कि बीते दिसंबर माह से हम लगातार शूज पर बढ़ाए गए जीएसटी को लेकर आगरा से दिल्ली तक शिकायतें कर रहे हैं लेकिन, कोई सुनवाई नहीं हुई. मोदी और योगी सरकार सबका साथ और सबके विकास की बात करती है लेकिन, आगरा के शूज कारोबारियों के साथ ऐसा नहीं हो रहा है.
उन्होंने कहा कि, जीएसटी काउंसिल की बैठक अभी हाल में 15 दिन के अंदर हुई. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने नियमों के तहत बैठक नहीं की. उनका कहना था कि कारोबारियों की मांग पर सरकार ने कपड़ा पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत कर दिया लेकिन, शूज कारोबारियों की मांग और शिकायतें दरकिनार कर दी गईं. हमारी सीएम योगी से यही मांग है कि आगरा से ऐतिहासिक शूज कारोबार को लेकर गंभीर रहे.
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