आगरा: डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा में मंगलवार से 2015 से 2020 तक की लंबित पड़ीं अंकतालिकाएं बांटने का कार्य शुरू किया गया था. पहले दिन 75 कॉलेजों को 25000 मार्कशीट उपलब्ध कराई गईं. बुधवार को दूसरे दिन अलग-अलग कॉलेजों के प्रबंधकों को 40 हजार से ज्यादा मार्कशीट दी गईं. बीते शनिवार को लंबित पड़ीं मार्कशीट देने का काम पूरा हो गया. विश्वविद्यालय द्वारा 900 से अधिक कॉलेजों को लगभग 2.60 लाख से भी ज्यादा मार्कशीट देना था. इस अभियान के तहत सिर्फ 354 कॉलेज ही मार्कशीट लेने पहुंचे.
एटा सीएसपीजी महाविद्यालय के प्रबंधक योगेश ने बताया कि एटा में नाम से कॉलेज चलाते हैं. कॉलेजों के प्रबंधक 2015 से लेकर 2020 तक की मार्कशीट लेने मंगलवार को आगरा यूनिवर्सिटी पहुंचे. यहां बच्चों की मार्कशीट पाकर प्रबंधकों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह नीति बहुत ही अच्छी है. मार्कशीट मिलने से अब बच्चों का भविष्य खराब नहीं होगा, क्योंकि कई बार चक्कर लगाने पर भी मार्कशीट नहीं मिलती थी.
सिरसागंज के महर्षि दयानंद महाविद्यालय के प्रबंधक ललित ने बताया कि मार्कशीट के चक्कर में कई बच्चों का भविष्य अंधकार में जा चुका है, क्योकि मार्कशीट न मिलने के कारण कई छात्रों की नौकरी भी छूट चुकी है. हम भी कई बार यूनिवर्सिटी के चक्कर काटते थे, लेकिन मार्कशीट नहीं मिलती थी. आज 10 मिनट में सभी बच्चों की मार्कशीट मिल गई, जिसकी हमें बहुत ही खुशी है.
विश्वविद्यालय के प्रोफेसर यूसी शर्मा ने बताया कि उनकी टीम पूरे कोरोना काल में दिन-रात एककर दो लाख से भी ज्यादा मार्कशीट को तैयार करने में लगी थी. जो करेक्शन वाली मार्कशीट थीं, उनको भी सही कर कॉलेज प्रबंधकों को देने का काम शुरू किया गया. 2.60 लाख 2015 से 2020 तक की लंबित पड़ीं मार्कशीट को तैयार करने में टीम ने कड़ी मेहनत की है.
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