ETV Bharat / business

RBI Monetary Policy: कर्ज नीति का एलान, रेपो रेट में नहीं किया कोई बदलाव - महंगाई से मिली राहत

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. RBI Governor Shaktikanta Das ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद घोषणा की. जानें आरबीआई के इस फैसले का आपके EMI और जमा राशि पर क्या असर पड़ेगा....

RBI Governor Shaktikanta Das
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास
author img

By

Published : Jun 8, 2023, 10:17 AM IST

Updated : Jun 8, 2023, 2:16 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक की तीन दिनों तक चलने वाली मौद्रिक नीति की समीक्षा बैठक आज समाप्त हो गई. इसी के साथ RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने घोषणा की है कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है. वैश्विक आर्थिक हालातों को और महंगाई को ध्यान में रखते हुए रिजर्व बैंक ने यह फैसला लिया है. इसी के साथ रेपो रेट 6.5 फीसदी पर बना हुआ है.

रेपो रेट यथावत रखने का बहुमत समर्थन
आपको बता दें कि MPC के छह सदस्यों में से पांच के बहुमत से यह फैसला लिया गया कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया जाए. तीन दिनों तक चलने वाली एमपीसी की यह बैठक वित्त वर्ष 2024 के लिए यह RBI की दूसरी बैठक है. इससे पहले अप्रैल महीने में हुई MPC की बैठक में भी रिजर्व बैंक ने रेपो रेट (Repo Rate) में कोई बदलाव नहीं किया था.

  • MPC (Monetary Policy Committee) decided to keep the policy repo rate unchanged at 6.5%: RBI Governor Shaktikanta Das pic.twitter.com/Se8GDvCvPy

    — ANI (@ANI) June 8, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अप्रैल में भी नहीं हुआ था बदलाव
महंगाई पर काबू पाने के लिए RBI ने पिछले साल मई से रेपो रेट बढ़ोत्तरी का सिलसिला शुरू किया था. जो मई 2022 से लेकर फरवरी 2023 तक कुल 6 बार बढ़ोत्तरी के चलते 6.50 फीसदी पर पहुंच गया था. वहीं, अप्रैल माह से रेपो रेट बढ़ोत्तरी की रफ्तार पर रोक लगी है और वह अब भी 6.5 फीसदी पर बना हुआ है.

  • The MPC also decided by a majority of five out of six members to remain focused on the withdrawal of accommodation to ensure that inflation progressively aligns with the target while supporting growth: RBI Governor Shaktikanta Das pic.twitter.com/kxAjAj8rXi

    — ANI (@ANI) June 8, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

रेपो रेट का ईएमआई पर ऐसे पड़ता है असर
रेपो रेट वह दर है जिस पर आरबीआई कामर्शियल बैंको को लोन देती है. फिर उसी हिसाब से कामर्शियल बैंक आम लोगों के लोन और डिपॉजिट पर इंटरेस्ट रेट तय करती हैं. अगर रेपो रेट बढ़ता है तो बैंकों के लिए पूंजी की लागत (Capital Cost) बढ़ जाती है. ऐसे में बैंक लोन पर इंटरेस्ट बढ़ाने लगता हैं. सरल शब्दों में कहे तो RBI मंहगाई पर काबू पाने के लिए रेपो रेट को एक टूल की तरह इस्तेमाल करती है.

उधार और जमा दरों का क्या होगा?
जैसा कि आरबीआई ने जून में नीतिगत दर को यथावत रखा है, इसके चलते रेपो रेट से जुड़ी बाहरी बेंचमार्क उधार दरें (ईबीएलआर) भी नहीं बढ़ेंगी. इससे कर्जदारों को कुछ राहत मिलेगी क्योंकि उनकी ईएमआई नहीं बढ़ेंगी. साथ ही बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की दरें भी नहीं बढ़ाएंगे. क्योंकि बैंकों में लिक्वीडिटी की हालत अच्छी है. ऐसा 2000 रुपये के नोट चालू खाते और बचत खाते (CASA) में जमा करने के कारण हुआ है.

ये भी पढ़ें-

नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक की तीन दिनों तक चलने वाली मौद्रिक नीति की समीक्षा बैठक आज समाप्त हो गई. इसी के साथ RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने घोषणा की है कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है. वैश्विक आर्थिक हालातों को और महंगाई को ध्यान में रखते हुए रिजर्व बैंक ने यह फैसला लिया है. इसी के साथ रेपो रेट 6.5 फीसदी पर बना हुआ है.

रेपो रेट यथावत रखने का बहुमत समर्थन
आपको बता दें कि MPC के छह सदस्यों में से पांच के बहुमत से यह फैसला लिया गया कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया जाए. तीन दिनों तक चलने वाली एमपीसी की यह बैठक वित्त वर्ष 2024 के लिए यह RBI की दूसरी बैठक है. इससे पहले अप्रैल महीने में हुई MPC की बैठक में भी रिजर्व बैंक ने रेपो रेट (Repo Rate) में कोई बदलाव नहीं किया था.

  • MPC (Monetary Policy Committee) decided to keep the policy repo rate unchanged at 6.5%: RBI Governor Shaktikanta Das pic.twitter.com/Se8GDvCvPy

    — ANI (@ANI) June 8, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अप्रैल में भी नहीं हुआ था बदलाव
महंगाई पर काबू पाने के लिए RBI ने पिछले साल मई से रेपो रेट बढ़ोत्तरी का सिलसिला शुरू किया था. जो मई 2022 से लेकर फरवरी 2023 तक कुल 6 बार बढ़ोत्तरी के चलते 6.50 फीसदी पर पहुंच गया था. वहीं, अप्रैल माह से रेपो रेट बढ़ोत्तरी की रफ्तार पर रोक लगी है और वह अब भी 6.5 फीसदी पर बना हुआ है.

  • The MPC also decided by a majority of five out of six members to remain focused on the withdrawal of accommodation to ensure that inflation progressively aligns with the target while supporting growth: RBI Governor Shaktikanta Das pic.twitter.com/kxAjAj8rXi

    — ANI (@ANI) June 8, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

रेपो रेट का ईएमआई पर ऐसे पड़ता है असर
रेपो रेट वह दर है जिस पर आरबीआई कामर्शियल बैंको को लोन देती है. फिर उसी हिसाब से कामर्शियल बैंक आम लोगों के लोन और डिपॉजिट पर इंटरेस्ट रेट तय करती हैं. अगर रेपो रेट बढ़ता है तो बैंकों के लिए पूंजी की लागत (Capital Cost) बढ़ जाती है. ऐसे में बैंक लोन पर इंटरेस्ट बढ़ाने लगता हैं. सरल शब्दों में कहे तो RBI मंहगाई पर काबू पाने के लिए रेपो रेट को एक टूल की तरह इस्तेमाल करती है.

उधार और जमा दरों का क्या होगा?
जैसा कि आरबीआई ने जून में नीतिगत दर को यथावत रखा है, इसके चलते रेपो रेट से जुड़ी बाहरी बेंचमार्क उधार दरें (ईबीएलआर) भी नहीं बढ़ेंगी. इससे कर्जदारों को कुछ राहत मिलेगी क्योंकि उनकी ईएमआई नहीं बढ़ेंगी. साथ ही बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की दरें भी नहीं बढ़ाएंगे. क्योंकि बैंकों में लिक्वीडिटी की हालत अच्छी है. ऐसा 2000 रुपये के नोट चालू खाते और बचत खाते (CASA) में जमा करने के कारण हुआ है.

ये भी पढ़ें-

Last Updated : Jun 8, 2023, 2:16 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.