मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक ने आम लोगों को सिक्के देने को लेकर बैंकों के लिये प्रोत्साहन राशि 25 रुपये प्रति थैला से बढ़ाकर 65 रुपये प्रति थैला कर दी है. साफ-सुथरे नोट नीति के तहत यह कदम उठाया गया है. साथ ही इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि सभी बैंक शाखाएं नोट को बदलने और सिक्के उपलब्ध कराने को लेकर लोगों को बेहतर सेवा उपलब्ध करायें.
आरबीआई ने एक अधिसूचना में कहा कि बैंकों को ग्रामीण और छोटे कस्बों में सिक्का वितरण को लेकर प्रति थैला 10 रुपये का अतिरिक्त प्रोत्साहन दिया जाएगा. केंद्रीय बैंक ने कहा कि एक सितंबर, 2021 से बैंकों के दावों की प्रतीक्षा किए बिना, करेंसी चेस्ट(सीसी) से शुद्ध निकासी के आधार पर सिक्कों के वितरण के लिये 25 रुपये के बजाए प्रति थैला 65 रुपये का प्रोत्साहन दिया जाएगा.
परिपत्र मे कहा गया है कि थोक ग्राहकों की सिक्का आवश्यकताओं (एक लेनदेन में एक थैले से अधिक की आवश्यकता) को पूरा करने के लिए, बैंकों को सलाह दी जाती है कि वे ऐसे ग्राहकों को विशुद्ध रूप से व्यावसायिक लेनदेन के लिए सिक्के प्रदान करें.
बैंक अपने निदेशक मंडल से अनुमोदित नीति के तहत ग्राहकों को शाखाओं में आने के बजाए उनके घर या कार्य स्थल पर सेवाएं (डोर स्टेप बैंकिंग) प्रदान करने का प्रयास कर सकते हैं. आरबीआई के अनुसार, ऐसे ग्राहक के लिये जरूरी है कि उसने केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) का अनुपालन किया हो और सिक्के की आपूर्ति का रिकार्ड रखा जाना चाहिए. बैंकों को यह सलाह दी जाती है कि इस सुविधा का दुरूपयोग न हो, इसके लिये लिये जांच-पड़ताल कर लें.
फिलहाल खुदरा ग्राहकों को सिक्के का वितरण छोटे 'लॉट' में किया जाता है. थोक ग्राहकों को यह सेवा नहीं दी जाती.
पीटीआई-भाषा