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आरबीआई बोर्ड की बैठक आज, जालान समिति की रिपोर्ट पर विचार संभव - आरबीआई

रिपोर्ट में केंद्रीय बैंक की आरक्षित निधि के अधिशेष का हस्तांतरण सरकार को पूर्वनिर्धारित फॉर्मूले के आधार पर तीन से पांच साल में चरणबद्ध तरीके से किए जाने की सिफारिश की गई है. इसे बाद में आरबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित किया जा सकता है.

आरबीआई बोर्ड की बैठक आज, जालान समिति की रिपोर्ट पर विचार संभव
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Published : Aug 26, 2019, 12:01 PM IST

Updated : Sep 28, 2019, 7:31 AM IST

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बोर्ड की आज बैठक प्रस्तावित है जिसमें सालाना खाते को अंतिम रूप दिया जा जाएगा. उम्मीद है कि इस बैठक में केंद्रीय बैंक के आर्थिक पूंजी फ्रेमवर्क (ईसीएफ) और सरकार को लाभांश का हस्तांतरण किए जाने के संबंध में जालान समिति की सिफारिश पर विचार किया जा सकता है. यह जानकारी सूत्रों ने दी.

जालान समिति ने शुक्रवार को आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी.

रिपोर्ट में केंद्रीय बैंक की आरक्षित निधि के अधिशेष का हस्तांतरण सरकार को पूर्वनिर्धारित फॉर्मूले के आधार पर तीन से पांच साल में चरणबद्ध तरीके से किए जाने की सिफारिश की गई है. इसे बाद में आरबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित किया जा सकता है.

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आरबीआई जुलाई-जून वित्तीय वर्ष का अनुसरण करता है और सालाना खाते को अंतिम रूप दिए जाने के बाद लाभांश का वितरण अक्सर अगस्त में किया जाता है. वित्तवर्ष 2020 के लिए सरकार ने आरबीआई से 9,000 करोड़ रुपये लाभांश का अनुमान लगाया है.

सूत्रों ने पहले आईएएनएस को बताया था कि आरबीआई जालान समिति की रिपोर्ट के आधार पर इस वर्ष अधिशेष की पहली किस्त का हस्तांतरण शुरू कर सकता है.

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बोर्ड की आज बैठक प्रस्तावित है जिसमें सालाना खाते को अंतिम रूप दिया जा जाएगा. उम्मीद है कि इस बैठक में केंद्रीय बैंक के आर्थिक पूंजी फ्रेमवर्क (ईसीएफ) और सरकार को लाभांश का हस्तांतरण किए जाने के संबंध में जालान समिति की सिफारिश पर विचार किया जा सकता है. यह जानकारी सूत्रों ने दी.

जालान समिति ने शुक्रवार को आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी.

रिपोर्ट में केंद्रीय बैंक की आरक्षित निधि के अधिशेष का हस्तांतरण सरकार को पूर्वनिर्धारित फॉर्मूले के आधार पर तीन से पांच साल में चरणबद्ध तरीके से किए जाने की सिफारिश की गई है. इसे बाद में आरबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित किया जा सकता है.

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आरबीआई जुलाई-जून वित्तीय वर्ष का अनुसरण करता है और सालाना खाते को अंतिम रूप दिए जाने के बाद लाभांश का वितरण अक्सर अगस्त में किया जाता है. वित्तवर्ष 2020 के लिए सरकार ने आरबीआई से 9,000 करोड़ रुपये लाभांश का अनुमान लगाया है.

सूत्रों ने पहले आईएएनएस को बताया था कि आरबीआई जालान समिति की रिपोर्ट के आधार पर इस वर्ष अधिशेष की पहली किस्त का हस्तांतरण शुरू कर सकता है.

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मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बोर्ड की आज बैठक प्रस्तावित है जिसमें सालाना खाते को अंतिम रूप दिया जा जाएगा. उम्मीद है कि इस बैठक में केंद्रीय बैंक के आर्थिक पूंजी फ्रेमवर्क (ईसीएफ) और सरकार को लाभांश का हस्तांतरण किए जाने के संबंध में जालान समिति की सिफारिश पर विचार किया जा सकता है. यह जानकारी सूत्रों ने दी.



जालान समिति ने शुक्रवार को आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी.



रिपोर्ट में केंद्रीय बैंक की आरक्षित निधि के अधिशेष का हस्तांतरण सरकार को पूर्वनिर्धारित फॉर्मूले के आधार पर तीन से पांच साल में चरणबद्ध तरीके से किए जाने की सिफारिश की गई है. इसे बाद में आरबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित किया जा सकता है.



आरबीआई जुलाई-जून वित्तीय वर्ष का अनुसरण करता है और सालाना खाते को अंतिम रूप दिए जाने के बाद लाभांश का वितरण अक्सर अगस्त में किया जाता है. वित्तवर्ष 2020 के लिए सरकार ने आरबीआई से 9,000 करोड़ रुपये लाभांश का अनुमान लगाया है.



सूत्रों ने पहले आईएएनएस को बताया था कि आरबीआई जालान समिति की रिपोर्ट के आधार पर इस वर्ष अधिशेष की पहली किस्त का हस्तांतरण शुरू कर सकता है.

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Last Updated : Sep 28, 2019, 7:31 AM IST
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