नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को राज्यसभा में विपक्षी दलों से कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) परिषद को लेकर किसी भी तरह की राजनीति नहीं की जानी चाहिए (GST Council should not be politicised), क्योंकि यह बिना किसी भेदभाव के पूर्व निर्धारित फार्मूले के तहत काम करती है. वित्त मंत्री ने उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह टिप्पणी की.
उन्होंने कहा कि GST परिषद एक संघीय संस्था है और यह विभिन्न राज्यों के बीच कोई भेदभाव किए बिना एक तय फार्मूले के तहत GST में उनके हिस्से का भुगतान करती है. उन्होंने कहा कि GST परिषद को लेकर किसी तरह की राजनीति नहीं की जानी चाहिए. उन्होंने महाराष्ट्र की बकाया GST राशि (Outstanding GST amount of Maharashtra) से जुड़े राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सदस्य वंदना चव्हाण के एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि जीएसटी परिषद एक संघीय संस्था है, जिसमें सभी राज्यों के वित्त मंत्री सदस्य हैं. उन्होंने कहा कि परिषद सभी की सहमति से तैयार निर्धारित फार्मूले के आधार पर काम करती है.
उन्होंने कहा कि यदि महाराष्ट्र की बकाया राशि सबसे अधिक है तो यह भी गौर किया जाना चाहिए कि उसे अब तक अन्य प्रदेशों की तुलना में भुगतान भी अधिक किया गया है. वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि GST लागू होने के कारण राजस्व के किसी भी नुकसान के लिए राज्यों को पांच वर्ष के लिए क्षतिपूर्ति के भुगतान के उद्देश्य से, GST (राज्यों को क्षतिपूर्ति) अधिनियम, 2017 की धारा आठ के तहत चुनिंदा वस्तुओं पर GST क्षतिपूर्ति उपकर लगाया जाता है. उन्होंने कहा कि केंद्र भी क्षतिपूर्ति कोष में उपलब्ध राशि के आधार पर राज्यों को नियमित GST क्षतिपूर्ति जारी करता रहा है, ताकि GST राजस्व की कमी की भरपाई की जा सके.
(पीटीआई-भाषा)