रामपुर :मोहम्मद जौहर अली यूनिवर्सिटी रोड पर बने उर्दू गेट को सरकारी आदेश के बाद तुड़वा दिया गया है. यूपी सरकार ने इस गेट को गैरकानूनी और मानदंडों का उल्लंघन बताया है. सपा शासनकाल में बने इस गेट को बनवाने के लिए 40 लाख रुपए का खर्चा किया गया था. यह गेट रामपुर जिले को उत्तराखंड़ से जोड़ने वाले रोड पर भारी वाहनों के लिए रुकावट पैदा करता था, जिसके कारण इस साल की शुरुआत में जिला मजिस्ट्रेट ने इसके निर्माण के जांच के आदेश दिए थे.
उर्दू गेट के अवैध होने की शिकायत के बाद इस साल डीएम को जांच करने के लिए कहा गया था. जांच में डीएम ने पाया कि यह गेट जहां बना है, उससे गाड़ी चलाते वक्त लोगों को परेशानी हो रही है. डीएम की जांच के बाद यूपी पीडब्ल्यूडी (पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट) ने इसे अवैध घोषित कर दिया था. अधिकारियों ने बताया कि डीएम शिव सहाय अवस्थी ने जांच रिपोर्ट सरकार को भेजी थी. सरकार की तरफ से उन्हें कहा गया कि इस रिपोर्ट पर उचित कार्रवाई करें. जिसके बाद जिला प्रशासन ने इस गेट को ढहाने का फैसला ले लिया.
दरअसल कांग्रेस नेता व पूर्व विधायक नवाब काजिम अली खान, बीजेपी नेता आकाश कुमार सक्सेना और कांग्रेस के फैसल खान ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर गेट की शिकायत की थी. पीडब्ल्यूडी के सुपरिंटेंडेंट इंजिनियर संजय कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि राज्य सरकार ने आदेश दिया था कि शिकायत पर उचित फैसला किया जाए. उन्होंने मौके पर तत्काल जाकर जांच करने को कहा था. जांच रिपोर्ट के बाद अब प्रशासन इस गेट पर बुलडोजर चलवाने की तैयारी कर रहा था.
इस उर्दू गेट की वजह से कई घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें कई लोगों की मौत भी हो चुकी है. इस गेट की ऊंचाई सिर्फ़ 8 फिट है और ये गेट स्टेट हाई वे पर बना हुआ है. बहरहाल रामपुर प्रशासन ने बीती रात उर्दू गेट के आस-पास की सभी सीमाएं सील कर पुलिस की कड़ी सुरक्षा के साथ इस उर्दू गेट को तोड़ दिया है.
एनओसी से वंचित इस उर्दू गेट से लोगों को फायदा कम और नुकसान ज़्यादा था. जिसके चलते जांच के बाद सरकार ने इसे तुड़वाने का फैसला लिया है.