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महिला सिपाही ने क्लर्क पर लगाये गंभीर आरोप, डीआईजी को सुनाई आपबीती - सहारनपुर महिला कांस्टेबल का क्लर्क पर आरोप

सहारनपुर में एक महिला कांस्टेबल ने क्लर्क पर गंभीर आरोप लगाए हैं. पीड़िता ने डीआईजी सहारनपुर को शिकायती पत्र देकर बताया कि क्लर्क दिनेश कुमार टॉर्चर कर रहा है. वह उसको अपने कमरे में मिलने के लिए बुला रहा है. जब महिला ने उसका विरोध किया तो आरोपी क्लर्क ने उसके साथ मारपीट कर दी. महिला ने इसकी शिकायत सीएम योगी से की है.

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Published : Jun 10, 2021, 2:22 AM IST

सहारनपुर: एक ओर जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महिलाओं एवं बेटियों की सुरक्षा के दावे कर रही है, वहीं पश्चमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में महिला पुलिसकर्मी न सिर्फ सरकारी दावों की पोल खोल रही है, बल्कि पुलिस महकमे पर भी सवाल खड़े कर रही हैं. महिला कांस्टेबल ने डायल 112 दफ्तर में तैनात क्लर्क पर उपस्तिथि दर्ज कराने के नाम पर हम बिस्तर होने का दबाव बनाने का आरोप लगाया है. पीड़िता ने डीआईजी सहारनपुर को शिकायती पत्र देकर बताया कि क्लर्क दिनेश कुमार टॉर्चर कर रहा है. वह उसको अपने कमरे में मिलने के लिए बुला रहा है. जब महिला ने उसका विरोध किया तो आरोपी क्लर्क ने उसके साथ मारपीट कर दी. महिला कॉन्स्टेबल की शिकायत पर डीआईजी उपेंद्र कुमार अग्रवाल ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं.

यह भी पढ़ें: खेल-खेल में हुई फायरिंग से पड़ोसी युवक की मौत, केस दर्ज

जानिए क्या है पूरा मामला

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जहां महिलाओं को प्राथमिकता के आधार पर सुरक्षा देने की बात करती है वही पुलिस में तैनात महिला पुलिसकर्मी ही सुरक्षित नहीं है. ताजा मामला सहारनपुर का है. जहां पर डायल 112 पर तैनात महिला कॉन्स्टेबल 724 ममता धामा ने डायल 112 के बाबू दिनेश कुमार पर संगीन आरोप लगाये हैं. महिला कॉन्स्टेबल ममता धामा का कहना है कि वह पिछले करीब डेढ़ महीने से काम पर नहीं आ रही थी. डायल-112 के वरिष्ठ क्लर्क दिनेश कुमार ने महिला पुलिसकर्मी का वेतन कटौती होने के साथ होमगार्ड पर डिमोशन करने की बात कही.


मारपीट का आरोप

पीड़िता का आरोप है कि मंगलवार की शाम वह पुलिस लाइन में अपनी अनुपस्थिति को लेकर मेडिकल संबंधित कागजात देने गई थी. जहां वरिष्ठ क्लर्क ने न सिर्फ उसकी मेडिकल रिपोर्ट लेने से मना कर दिया बल्कि विरोध विरोध करने पर उसके साथ अभद्रता की गई. इस दौरान क्लर्क के पक्ष में दूसरे लिपिक और एक महिला क्लर्क भी आ गई. महिला का आरोप है कि तीनों ने एक साथ मिलकर उसके साथ मारपीट की.

डीआईजी को सुनाई आपबीती

पीड़ित महिला सिपाही ने बताया कि वह इस मामले में एसएसपी से मिल चुकी है, लेकिन आश्वाशन के सिवा उसको कुछ नहीं मिला. जिले में जब महिला पुलिसकर्मी ही सुरक्षित नहीं है तो आम महिलाओं की सुरक्षा की गारंटी मुश्किल है. महिला पुलिसकर्मी इंसाफ के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रही है. बुधवार को पीड़िता डीआईजी ऑफिस पहुंची और डीआईजी उपेंद्र कुमार अग्रवाल से मिलकर आपबीती सुनाई. डीआईजी ने महिला की शिकायत पर मामले की जांच के आदेश दिए हैं.

महिला ने लगाए गंभीर आरोप

महिला पुलिसकर्मी ने मीडिया के माध्यम से सीएम योगी से इंसाफ की गुहार लगाई है. उनका कहना है कि उनको इंसाफ मिले और ऐसे घिनौने व गंदे काम करने वाले पुलिस वालों को सजा दी जाए.

सहारनपुर: एक ओर जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महिलाओं एवं बेटियों की सुरक्षा के दावे कर रही है, वहीं पश्चमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में महिला पुलिसकर्मी न सिर्फ सरकारी दावों की पोल खोल रही है, बल्कि पुलिस महकमे पर भी सवाल खड़े कर रही हैं. महिला कांस्टेबल ने डायल 112 दफ्तर में तैनात क्लर्क पर उपस्तिथि दर्ज कराने के नाम पर हम बिस्तर होने का दबाव बनाने का आरोप लगाया है. पीड़िता ने डीआईजी सहारनपुर को शिकायती पत्र देकर बताया कि क्लर्क दिनेश कुमार टॉर्चर कर रहा है. वह उसको अपने कमरे में मिलने के लिए बुला रहा है. जब महिला ने उसका विरोध किया तो आरोपी क्लर्क ने उसके साथ मारपीट कर दी. महिला कॉन्स्टेबल की शिकायत पर डीआईजी उपेंद्र कुमार अग्रवाल ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं.

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जानिए क्या है पूरा मामला

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जहां महिलाओं को प्राथमिकता के आधार पर सुरक्षा देने की बात करती है वही पुलिस में तैनात महिला पुलिसकर्मी ही सुरक्षित नहीं है. ताजा मामला सहारनपुर का है. जहां पर डायल 112 पर तैनात महिला कॉन्स्टेबल 724 ममता धामा ने डायल 112 के बाबू दिनेश कुमार पर संगीन आरोप लगाये हैं. महिला कॉन्स्टेबल ममता धामा का कहना है कि वह पिछले करीब डेढ़ महीने से काम पर नहीं आ रही थी. डायल-112 के वरिष्ठ क्लर्क दिनेश कुमार ने महिला पुलिसकर्मी का वेतन कटौती होने के साथ होमगार्ड पर डिमोशन करने की बात कही.


मारपीट का आरोप

पीड़िता का आरोप है कि मंगलवार की शाम वह पुलिस लाइन में अपनी अनुपस्थिति को लेकर मेडिकल संबंधित कागजात देने गई थी. जहां वरिष्ठ क्लर्क ने न सिर्फ उसकी मेडिकल रिपोर्ट लेने से मना कर दिया बल्कि विरोध विरोध करने पर उसके साथ अभद्रता की गई. इस दौरान क्लर्क के पक्ष में दूसरे लिपिक और एक महिला क्लर्क भी आ गई. महिला का आरोप है कि तीनों ने एक साथ मिलकर उसके साथ मारपीट की.

डीआईजी को सुनाई आपबीती

पीड़ित महिला सिपाही ने बताया कि वह इस मामले में एसएसपी से मिल चुकी है, लेकिन आश्वाशन के सिवा उसको कुछ नहीं मिला. जिले में जब महिला पुलिसकर्मी ही सुरक्षित नहीं है तो आम महिलाओं की सुरक्षा की गारंटी मुश्किल है. महिला पुलिसकर्मी इंसाफ के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रही है. बुधवार को पीड़िता डीआईजी ऑफिस पहुंची और डीआईजी उपेंद्र कुमार अग्रवाल से मिलकर आपबीती सुनाई. डीआईजी ने महिला की शिकायत पर मामले की जांच के आदेश दिए हैं.

महिला ने लगाए गंभीर आरोप

महिला पुलिसकर्मी ने मीडिया के माध्यम से सीएम योगी से इंसाफ की गुहार लगाई है. उनका कहना है कि उनको इंसाफ मिले और ऐसे घिनौने व गंदे काम करने वाले पुलिस वालों को सजा दी जाए.

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