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लखनऊ: आचार संहिता का किया उल्लंघन, तो चुने जाने के बाद भी छिन सकती है सदस्यता

चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से कराने में जुटा है. उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ब्रह्मदेव राम तिवारी के अनुसार अगर आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए कोई उम्मीदवार पाया जाता है तो उसके चुने जाने के बाद भी उसकी सदस्यता छिन सकती है.

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Published : Apr 3, 2019, 1:46 PM IST

लखनऊ : लोकसभा चुनाव के दौरान गड़बड़ियों पर नकेल कसने को लेकर चुनाव आयोग एकदम सतर्क है. उम्मीदवारों से इस बार उनकी संपत्ति के साथ-साथ उनके आश्रितों की संपत्ति का भी पूरा ब्यौरा लिया जा रहा है. वहीं आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले प्रत्याशियों की चुने जाने के बाद सदस्यता भी छीनी जा सकती है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ब्रह्मदेव राम तिवारी.

उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ब्रह्मदेव राम तिवारी ने ईटीवी से बातचीत करते हुए कहा कि आयोग के निर्देशानुसार हर चरण की पूरी तैयारी कर ली गई है. डीआईजी, कमिश्नर, डीएम और अन्य सभी अधिकारियों के साथ मीटिंग की गई है. आयोग के निर्देशानुसार जो भी तैयारियां थी उसको हम लोगों ने पूरा कर लिया है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा मतदाताओं वाला प्रदेश है. यहां 80 लोकसभा क्षेत्र हैं, इस कारण सुरक्षा बल, चुनाव मशीनरी या सरकारी तंत्र का सही ढंग से प्रबंधन करने के लिए सात चरणों में चुनाव कराने का निर्णय लिया गया है.

अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि अगर आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए कोई उम्मीदवार पाया जाता है तो उसके चुने जाने के बाद भी उसकी सदस्यता छिन सकती है.अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि प्रत्याशियों के खर्च पर नजर रखने के लिए आयोग पूरी तरह सतर्क है. पूर्व की अपेक्षा इस बार न्यायालय के निर्देश पर पांच वर्ष का इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा. साथ ही प्रत्याशियों को अपने आश्रितों की संपत्ति के बारे में ब्यौरा पेश करना होगा. इसके अलावा अगर विदेश में भी संपत्ति है तो उसका भी विवरण देना होगा.

लखनऊ : लोकसभा चुनाव के दौरान गड़बड़ियों पर नकेल कसने को लेकर चुनाव आयोग एकदम सतर्क है. उम्मीदवारों से इस बार उनकी संपत्ति के साथ-साथ उनके आश्रितों की संपत्ति का भी पूरा ब्यौरा लिया जा रहा है. वहीं आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले प्रत्याशियों की चुने जाने के बाद सदस्यता भी छीनी जा सकती है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ब्रह्मदेव राम तिवारी.

उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ब्रह्मदेव राम तिवारी ने ईटीवी से बातचीत करते हुए कहा कि आयोग के निर्देशानुसार हर चरण की पूरी तैयारी कर ली गई है. डीआईजी, कमिश्नर, डीएम और अन्य सभी अधिकारियों के साथ मीटिंग की गई है. आयोग के निर्देशानुसार जो भी तैयारियां थी उसको हम लोगों ने पूरा कर लिया है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा मतदाताओं वाला प्रदेश है. यहां 80 लोकसभा क्षेत्र हैं, इस कारण सुरक्षा बल, चुनाव मशीनरी या सरकारी तंत्र का सही ढंग से प्रबंधन करने के लिए सात चरणों में चुनाव कराने का निर्णय लिया गया है.

अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि अगर आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए कोई उम्मीदवार पाया जाता है तो उसके चुने जाने के बाद भी उसकी सदस्यता छिन सकती है.अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि प्रत्याशियों के खर्च पर नजर रखने के लिए आयोग पूरी तरह सतर्क है. पूर्व की अपेक्षा इस बार न्यायालय के निर्देश पर पांच वर्ष का इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा. साथ ही प्रत्याशियों को अपने आश्रितों की संपत्ति के बारे में ब्यौरा पेश करना होगा. इसके अलावा अगर विदेश में भी संपत्ति है तो उसका भी विवरण देना होगा.

लखनऊ: आचार संहिता का उल्लंघन किया तो चुने जाने के बाद संसद सदस्यता भी छिन सकती है

लखनऊ। लोकसभा चुनाव के दौरान इस बार अपराधियों पर नकेल कसने की चुनाव आयोग ने पूरी तैयारी कर रखी है उम्मीदवारों से इस बार उनकी संपत्ति के साथ साथ उनके आश्रितों की संपत्ति का भी पूरा ब्यौरा लिया जा रहा है। अपराधियों को अपने आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में विज्ञापन निकलवाना है। तो वहीं चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले प्रत्याशियों की चुने जाने के बाद उनकी सदस्यता छीन सकती है। ये बातें उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ब्रह्मदेव राम तिवारी ने ईटीवी से बातचीत करते हुए कही।

आयोग के निर्देशानुसार हर चरण की पूरी तैयारी कर ली गई है। स्वयं पूरा निर्वाचन आयोग यहां आया था। फील्ड के अधिकारियों में डीआईजी, कमिश्नर, डीएम व अन्य सभी अधिकारियों के साथ मीटिंग की गई। राज्य स्तर के कर्मचारियों के साथ मीटिंग हो चुकी है। अधिकारियों कर्मचारियों के साथ मीटिंग कर समीक्षा की गई है। आयोग हमारी तैयारी से संतुष्ट था। आयोग के निर्देशानुसार जो भी तैयारियां थी उसको हम लोगों ने पूरी की है। पारदर्शी तरीके से और नैतिक मतदान कराने का प्रयास कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा मतदाताओं वाला प्रदेश है। यहां 80 लोकसभा क्षेत्र हैं। इस कारण सुरक्षा बल, चुनाव मशीनरी या सरकारी तंत्र का सही ढंग से प्रबंधन करने के लिए सात चरणों में चुनाव कराने का निर्णय लिया गया है। बहुत व्यवस्थित ढंग से चुनाव कराया जाएगा। पश्चिम से लेकर पूरब तक क्रमवार जिलों में चुनाव कराए जाएंगे।

प्रत्याशियों के खर्च पर नजर रखने के लिए आयोग पूरी तरह सतर्क है। प्रत्याशी शपथ पत्र देते हैं। इसके अलावा हमारी टीम जिला स्तर पर है। उसकी नजर स्थानीय स्तर पर होती है। प्रदेश स्तर पर टीम है। उसकी भी नजर पार्टियों पर और प्रत्याशियों पर है। पूर्व की अपेक्षा इस बार न्यायालय के निर्देश पर पांच वर्ष का इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा। प्रत्याशियों को अपने आश्रितों की संपत्ति के बारे में आयोग के समक्ष ब्यौरा पेश करना है। माता-पिता की संपत्ति का पूरा विवरण भी देना होगा। विदेशों में भी अगर उनकी संपत्ति है तो उसका भी विवरण देना होगा।

इस प्रकार से उनकी हर आय और खर्च पर आयोग का की नजर है। उनके चुनाव प्रचार पर भी हम कड़ी निगरानी रख रहे हैं। इस बार मतदाता जागरूक है। लोगों ने ठान लिया है कि बेहतर प्रत्याशी का चयन करेंगे। भ्रष्टाचार को मिटायेंगे।।आयोग को उम्मीद है कि 2019 का लोकसभा चुनाव मील का पत्थर साबित होगा।

चुनाव आदर्श आचार संहिता।का अनुपालन अगर कहीं नहीं होता है तो उसमें संबंधित कानूनी प्रक्रिया के तहत केस रजिस्टर होते हैं। अगर कोई गंभीर प्रकृति का केस है तो उसमें भी दंड का प्रावधान है। अगर आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए कोई उम्मीदवार पाया जाता है तो उसके चुने जाने के बाद भी उसकी सदस्यता छिन सकती है। अभी तक इस प्रकार का कोई भी गंभीर प्रकरण सामने नहीं आया है। अगर आएगा तो हम कार्रवाई करेंगे।

रिपोर्ट-दिलीप शुक्ला, 9450663213

नोट- अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी का साक्षात्कार का पूरा पैकेज मौजों से भेजा गया है।
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