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सोनभद्र: विजयगढ़ दुर्ग के पास बना संग्रहालय उपेक्षा का शिकार

सूबे के अंतिम छोर पर बसा जिला सोनभद्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं है इसके बावजूद भी पर्यटन विकास को लेकर सरकारी दृष्टिदोष का शिकार है. सरकारी उपेक्षा का आलम यह है कि विजयगढ़ दुर्ग के पास स्थित संग्रहालय खंडहर में तब्दील हो गया है और सालों से जीर्णोद्धार की आस लगाये बैठा है.

विजयगढ़ दुर्ग के पास बना संग्रहालय उपेक्षा का शिकार.
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Published : Feb 15, 2019, 10:41 AM IST

सोनभद्र: जनपद में पर्यटन की अपार संभावनाएं है इसमें विजयगढ़ दुर्ग,अगोरी किला, फासिल्स, ओम पर्वत, शिवद्वार का ऐतिहासिक मंदिर, ब्लैक -घाटी, इको बैली, भित्ति चित्र जैसे अनेक स्थल शामिल है. इन पर्यटन स्थलों के विकास की तरफ ध्यान दिया जाए तो एक तरफ जहां जनपद में सैलानियों के आगमन से युवाओं को रोजगार मिलेगा तो वहीं दूसरी तरफ सरकार को लाखों रुपये राजस्व.

विजयगढ़ दुर्ग के पास बना संग्रहालय उपेक्षा का शिकार.
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वहीं दूसरी तरफ कुछ संग्रहल बने भी है तो वह उपेक्षति पड़े है जिसके कारण पर्यटकों का सूखा है. इस संबंध में पूर्व जिला पंचायत सदस्य व स्थानीय नेता ने बताया कि यह संग्रहालय बनकर तैयार हुआ तो पर्यटकों का रुझान सोनांचल की माटी की ओर बढ़ा था. थोड़ी सी चहल-पहल क्या बढ़ी सरकारी उदासीनता का दौर चालू और आलम यह हुआ कि सब ध्वस्त हो गया. इससे एक तरफ जहां सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है तो वहीं दूसरी तरफ स्थानीय लोग बेरोजगारी के कगार पर है. सरकार अगर शब्दों का मसीहा बनने की जोर-आजमाइस छोड़कर अमलीजामा का चोला पहने तो सोनांचल को पर्यटन-नगरी के तौर पर पहचान बनाने में छड़-भर का भी इंतजार नहीं करना पड़ेगा. अतिथि देवो भव का नारा देने वाली योगी सरकार के योजना-जीपीएस की एकाध नजर अगर सूबे के दूर-दराज के इलाकों पर पड़ जाये तो इससे बेहतर कुछ नहीं लेकिन यह बात सरकार के कानों से बराबर दूर रहती है.

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सरकारी बस्ते में खुशियों का पिटारा है
उतरकर देखिये जनाब टूटा नजारा है..

चार राज्यों की सीमाओं पर बसे जनपद सोनभद्र में पर्यटन की अपार संभवानायें हैं. अगर इन संग्रहालयों समेत पर्यटक स्थलों का विकास किया जाय तो निश्चित तौर पर जनपद का राजस्व बढ़ेगा साथ ही साथ बेरोजगारों को रोजगार के लिये नये अवसर की सौगात भी मिलेगी.

सोनभद्र: जनपद में पर्यटन की अपार संभावनाएं है इसमें विजयगढ़ दुर्ग,अगोरी किला, फासिल्स, ओम पर्वत, शिवद्वार का ऐतिहासिक मंदिर, ब्लैक -घाटी, इको बैली, भित्ति चित्र जैसे अनेक स्थल शामिल है. इन पर्यटन स्थलों के विकास की तरफ ध्यान दिया जाए तो एक तरफ जहां जनपद में सैलानियों के आगमन से युवाओं को रोजगार मिलेगा तो वहीं दूसरी तरफ सरकार को लाखों रुपये राजस्व.

विजयगढ़ दुर्ग के पास बना संग्रहालय उपेक्षा का शिकार.
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वहीं दूसरी तरफ कुछ संग्रहल बने भी है तो वह उपेक्षति पड़े है जिसके कारण पर्यटकों का सूखा है. इस संबंध में पूर्व जिला पंचायत सदस्य व स्थानीय नेता ने बताया कि यह संग्रहालय बनकर तैयार हुआ तो पर्यटकों का रुझान सोनांचल की माटी की ओर बढ़ा था. थोड़ी सी चहल-पहल क्या बढ़ी सरकारी उदासीनता का दौर चालू और आलम यह हुआ कि सब ध्वस्त हो गया. इससे एक तरफ जहां सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है तो वहीं दूसरी तरफ स्थानीय लोग बेरोजगारी के कगार पर है. सरकार अगर शब्दों का मसीहा बनने की जोर-आजमाइस छोड़कर अमलीजामा का चोला पहने तो सोनांचल को पर्यटन-नगरी के तौर पर पहचान बनाने में छड़-भर का भी इंतजार नहीं करना पड़ेगा. अतिथि देवो भव का नारा देने वाली योगी सरकार के योजना-जीपीएस की एकाध नजर अगर सूबे के दूर-दराज के इलाकों पर पड़ जाये तो इससे बेहतर कुछ नहीं लेकिन यह बात सरकार के कानों से बराबर दूर रहती है.

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सरकारी बस्ते में खुशियों का पिटारा है
उतरकर देखिये जनाब टूटा नजारा है..

चार राज्यों की सीमाओं पर बसे जनपद सोनभद्र में पर्यटन की अपार संभवानायें हैं. अगर इन संग्रहालयों समेत पर्यटक स्थलों का विकास किया जाय तो निश्चित तौर पर जनपद का राजस्व बढ़ेगा साथ ही साथ बेरोजगारों को रोजगार के लिये नये अवसर की सौगात भी मिलेगी.

Intro:Anchor- प्रदेश की योगी सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अपने अंतरिम बजट में विंध्य क्षेत्र और भगवान श्री राम के प्रमुख स्थलों का विकास करने के लिए भारी भरकम बजट आवंटित किया है तो वही सूबे के अंतिम छोर पर स्थित जिला सोनभद्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं होने के बावजूद भी यहाँ का पर्यटन विकास को लेकर सरकार की कृपा पाने के लिए इंतजार कर रहा है ।सरकार की उपेक्षा का आलम यह है कि विजयगढ़ दुर्ग के पास स्थित संग्रहालय खंडहर में तब्दील हो गया है, वर्ष 2009 में बसपा के शासनकाल में 11 वें वित्त आयोग योजना अंतर्गत संस्कृतिक विभाग मंत्री सुभाष पांडेय ने इस संग्रहालय का लोकार्पण किया था लेकिन सरकारी उदासीनता की वजह से आज यह खंडहर में तब्दील हो गया है जिसके कारण यहां पर कोई पर्यटक आने को तैयार नहीं है यही कारण है कि यहां के आदिवासी एक तरफ बेरोजगार पड़े हुए हैं तो वही दूसरी तरफ पर्यटक नही आने से लाखों के राजस्व का नुकसान भी हो रहा है।


Body:Vo1-जनपद सोनभद्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं है जिसमे विजयगढ़ दुर्ग,अगोरी किला,फासिल्स,ओम पर्वत,शिवद्वार का ऐतिहासिक मंदिर,ब्लैक वक घाटी,इको बैली,भित्ति चित्र समेत अनेक स्थल है जिनका विकास हो जाय तो एक तरफ जनपद में सैलानियों के आने से युवाओं को रोजगार मिलेगा तो वही दूसरी तरफ सरकार को लाखों रुपये राजस्व मिलेगा।तो वही दूसरी तरफ कुछ संग्रहल बने भी है तो वह भी उपेक्षति पड़े है जिसके कारण यहां कोई पर्यटक आने को तैयार नही है इस संबंध में पूर्व जिला पंचायत सदस्य व स्थानीय नेता ने बताया कि यह संग्रहल बसपा के शासन काल मे ही बन कर तैयार हुआ है उस समय थोड़ी चहल पहल थी लेकिन बाद में यहां अधिकारियों का आना जाना बंद हो गया जिसके बाद यहां की खिड़की,दरवाजा समेत शौचालय सब ध्वस्त हो गए है यहां कोई आता जाता नही है जिससे एक तरफ सरकार के राजस्व का नुकसान हो रहा है तो वही दूसरी तरफ स्थानीय लोग बेरोजगारी के कगार पर है।

Byte-बबलू धांगर(पूर्व जिला पंचायत सदस्य,स्थानीय नेता)


Conclusion:Vo2-चार राज्यो की सीमाओं पर बसे जनपद सोनभद्र में पर्यटन विभाग द्वारा कई संग्रहालय बनवाये गए है लेकिन स्थानीय अधिकारियो की लापरवाही व देख रेख की कमी के कारण सभी खण्डहर में तब्दील होते जा रहे है जिससे पर्यटकों के आने की संभावनाएं न के बराबर है अगर इन संग्रहालयों समेत पर्यटक स्थलों का विकास किया जाय तो निश्चित तौर पर जनपद के राजस्व बढ़ेगा और बेरोजगारों को रोजगार की संभावनाएं बढ़ेगी।

नोट-खबर के साथ PTC भी है।

चंद्रकांत मिश्रा
सोनभद्र
मो0 9450323031
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