सोनभद्र: जनपद में पर्यटन की अपार संभावनाएं है इसमें विजयगढ़ दुर्ग,अगोरी किला, फासिल्स, ओम पर्वत, शिवद्वार का ऐतिहासिक मंदिर, ब्लैक -घाटी, इको बैली, भित्ति चित्र जैसे अनेक स्थल शामिल है. इन पर्यटन स्थलों के विकास की तरफ ध्यान दिया जाए तो एक तरफ जहां जनपद में सैलानियों के आगमन से युवाओं को रोजगार मिलेगा तो वहीं दूसरी तरफ सरकार को लाखों रुपये राजस्व.
वहीं दूसरी तरफ कुछ संग्रहल बने भी है तो वह उपेक्षति पड़े है जिसके कारण पर्यटकों का सूखा है. इस संबंध में पूर्व जिला पंचायत सदस्य व स्थानीय नेता ने बताया कि यह संग्रहालय बनकर तैयार हुआ तो पर्यटकों का रुझान सोनांचल की माटी की ओर बढ़ा था. थोड़ी सी चहल-पहल क्या बढ़ी सरकारी उदासीनता का दौर चालू और आलम यह हुआ कि सब ध्वस्त हो गया. इससे एक तरफ जहां सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है तो वहीं दूसरी तरफ स्थानीय लोग बेरोजगारी के कगार पर है. सरकार अगर शब्दों का मसीहा बनने की जोर-आजमाइस छोड़कर अमलीजामा का चोला पहने तो सोनांचल को पर्यटन-नगरी के तौर पर पहचान बनाने में छड़-भर का भी इंतजार नहीं करना पड़ेगा. अतिथि देवो भव का नारा देने वाली योगी सरकार के योजना-जीपीएस की एकाध नजर अगर सूबे के दूर-दराज के इलाकों पर पड़ जाये तो इससे बेहतर कुछ नहीं लेकिन यह बात सरकार के कानों से बराबर दूर रहती है.
सरकारी बस्ते में खुशियों का पिटारा है
उतरकर देखिये जनाब टूटा नजारा है..
चार राज्यों की सीमाओं पर बसे जनपद सोनभद्र में पर्यटन की अपार संभवानायें हैं. अगर इन संग्रहालयों समेत पर्यटक स्थलों का विकास किया जाय तो निश्चित तौर पर जनपद का राजस्व बढ़ेगा साथ ही साथ बेरोजगारों को रोजगार के लिये नये अवसर की सौगात भी मिलेगी.