जालौन : जनपद में चौथे चरण में होने वाले मतदान को लेकर राजनीतिक पार्टियां चुनाव प्रचार करने में लगी हुई हैं. स्टार प्रचारकों द्वारा की जाने वाली रैलियों और जनसभाओं का रिकॉर्ड वीडियो सर्विलांस टीम इकट्ठा करती हैं. यह डाटा वीडियो व्यूवर्स टीम को दे दिया जाता है, जिसका अवलोकन कंट्रोल रूम में बैठकर किया जाता है. इसके बाद यह टीम वीडियो के हर पहलू की जांच करती है और रिपोर्ट तैयार कर जिला निर्वाचन अधिकारी को भेज दिया जाता है.
क्या है वीडियो व्यूवर्स टीम
- लोकसभा चुनाव में किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी न हो, इसको लेकर चुनाव आयोग ने इस बार वीडियो सर्विलांस टीम के साथ-साथ वीडियो व्यूवर्स टीम बनाई है. इस टीम का उद्देश्य रैलियां, जनसभा या जिले में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए वीडियो बनाना है.
- चुनाव आयोग ने प्रत्याशियों के खर्चे की सीमा 70 लाख रूपए तय कर रखी है. तय रकम से प्रत्याशी अधिक खर्च न कर रहा हो, इसके लिए जिले स्तर पर वीडियो सर्विलांस टीम और वीडियो व्यूवर्स टीम गठित की गई है.
- वीडियो सर्विलांस टीम प्रत्याशियों के प्रचार में होने वाली रैलियों, जनसभाओं का मौके पर जाकर वीडियो को बनाती है. वीडियो बनाते समय यह खास ध्यान रखा जाता है कि प्रत्याशी ने कितनी कुर्सियां ऑर्डर की थी, कितने स्पीकर मंगाए गए थे, लगने वाला मंच और लोगों के बैठने के लिए टेंट का क्या रूप रखा गया था. साथ ही आचार संहिता के उल्लंघन मामले को लेकर कोई बात न कही गई हो, इन सब चीजों की जानकारी वीडियो में कैद करके वीडियो सर्विलांस टीम वीडियो व्यूवर्स टीम को दे देती है.
- वीडियो व्यूवर्स टीम बारीकी से हर वीडियो की जांच करती है और इसकी रिपोर्ट तैयार करके जिला निर्वाचन अधिकारी को सबमिट कर देती है.
- अगर किसी वीडियो में कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो उसको लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी नोटिस भेजकर संबंधित पार्टी के प्रत्याशी से जवाब तलब करते हैं.
- चुनाव आयोग की तरफ से यह टीम गठित करने का उद्देश्य सिर्फ इतना है कि अगर किसी जनसभा रैली यह प्रचार के दौरान कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो वीडियो की प्रामाणिकता के साथ संबंधित पार्टी के प्रत्याशी पर चुनाव आयोग कार्रवाई के लिए तैयार रहेगा