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मेरठ: जिला अस्पताल में नहीं है वेंटिलेटर की सुविधा, प्राइवेट अस्पतालों के सहारे मरीज

मेरठ का जिला अस्पताल इलाज के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से वंचित है. यहां की इमरजेंसी में बैड आदि की सुविधाएं तो हैं, लेकिन वेंटिलेटर की सुविधा नहीं है. जिसके कारण मरीजों को इलाज के लिए प्राइवेट अस्पताल का सहारा लेना पड़ रहा है.

जिला अस्पताल में नहीं है वेंटिलेटर की सुविधा
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Published : Feb 26, 2019, 6:10 PM IST

मेरठ : जिला अस्पताल में वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध नहीं है. इससे मरीजों को वेंटिलेटर के लिए प्राइवेट अस्पतालों का सहारा लेना पड़ता है. जिससे मरीज के इलाज का खर्च बढ़ जाता है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने दावा किया है कि जल्द ही मरीजों को इलाज की हर अत्याधुनिक सुविधा अस्पताल में उपलब्ध कराने की तैयारी चल रही है.

मेरठ का जिला अस्पताल इलाज के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से वंचित.

मेरठ का जिला अस्पताल इलाज के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से वंचित है. यहां की इमरजेंसी में बैड आदि की सुविधाएं तो हैं, लेकिन वेंटिलेटर की सुविधा नहीं है. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि अस्पताल में तीन पुराने वेंटिलेटर हैं, लेकिन अब वह इतने पुराने हो चुके हैं कि अब वो काम नहीं करते है.


उन्होंने बताया कि वेंटिलेटर को ठीक करने से भी अब कंपनी ने मना कर दिया है. ऐसे में गंभीर रूप से बीमार मरीज जिन्हें वेंटिलेटर की जरूरत होती हैं. उन्हें यहां वेंटिलेटर की सुविधा नहीं मिलती. ऐसे मरीजों को अस्पताल प्रशासन या तो मेडिकल अस्पताल के लिए रेफर कर देता है या फिर मरीज के तीमारदार उसे लेकर किसी प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराते हैं.

प्राइवेट अस्पतालों में वेंटिलेटर का चार्ज महंगा होने की वजह से आम लोग को अधिक खर्च उठाना पड़ता है. हालांकि अस्पताल प्रशासन का कहना है कि वर्तमान में मरीजों को हर संभव इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है. वेंटिलेटर खराब होने पर नए वेंटिलेटर मंगाने के लिए शासन को लिखा गया है. उम्मीद है जल्द ही वहां से वेंटिलेटर उपलब्ध हो जाएंगे.

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इसके अलावा एमआरआई और अन्य अत्याधुनिक इलाज की सुविधाएं भी यहां मरीजों को उपलब्ध कराने की दिशा में काम चल रहा है. जिला अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ.सुनील कुमार कौशिक का कहना है कि एमआरआई की सुविधा जल्द ही यहां आने वाले मरीजों को उपलब्ध कराने की दिशा में काम चल रहा है. इसके अलावा अन्य कई उपकरण यहां इंस्टाल किए जाने हैं.

मेरठ : जिला अस्पताल में वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध नहीं है. इससे मरीजों को वेंटिलेटर के लिए प्राइवेट अस्पतालों का सहारा लेना पड़ता है. जिससे मरीज के इलाज का खर्च बढ़ जाता है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने दावा किया है कि जल्द ही मरीजों को इलाज की हर अत्याधुनिक सुविधा अस्पताल में उपलब्ध कराने की तैयारी चल रही है.

मेरठ का जिला अस्पताल इलाज के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से वंचित.

मेरठ का जिला अस्पताल इलाज के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से वंचित है. यहां की इमरजेंसी में बैड आदि की सुविधाएं तो हैं, लेकिन वेंटिलेटर की सुविधा नहीं है. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि अस्पताल में तीन पुराने वेंटिलेटर हैं, लेकिन अब वह इतने पुराने हो चुके हैं कि अब वो काम नहीं करते है.


उन्होंने बताया कि वेंटिलेटर को ठीक करने से भी अब कंपनी ने मना कर दिया है. ऐसे में गंभीर रूप से बीमार मरीज जिन्हें वेंटिलेटर की जरूरत होती हैं. उन्हें यहां वेंटिलेटर की सुविधा नहीं मिलती. ऐसे मरीजों को अस्पताल प्रशासन या तो मेडिकल अस्पताल के लिए रेफर कर देता है या फिर मरीज के तीमारदार उसे लेकर किसी प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराते हैं.

प्राइवेट अस्पतालों में वेंटिलेटर का चार्ज महंगा होने की वजह से आम लोग को अधिक खर्च उठाना पड़ता है. हालांकि अस्पताल प्रशासन का कहना है कि वर्तमान में मरीजों को हर संभव इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है. वेंटिलेटर खराब होने पर नए वेंटिलेटर मंगाने के लिए शासन को लिखा गया है. उम्मीद है जल्द ही वहां से वेंटिलेटर उपलब्ध हो जाएंगे.

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इसके अलावा एमआरआई और अन्य अत्याधुनिक इलाज की सुविधाएं भी यहां मरीजों को उपलब्ध कराने की दिशा में काम चल रहा है. जिला अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ.सुनील कुमार कौशिक का कहना है कि एमआरआई की सुविधा जल्द ही यहां आने वाले मरीजों को उपलब्ध कराने की दिशा में काम चल रहा है. इसके अलावा अन्य कई उपकरण यहां इंस्टाल किए जाने हैं.

जिला अस्पताल में नहीं है वेटिंलेटर की सुविधा, प्राइवेट अस्पतालों के सहारे मरीज
मेरठ। जिला अस्पताल में वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध नहीं है। गंभीर मरीजों को वेंटिलेटर के लिए प्राइवेट अस्पतालों का ही सहारा लेना पड़ता है। जिससे मरीज के इलाज का खर्च बढ़ जाता है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने दावा किया है कि जल्द ही मरीजों को इलाज की हर अत्याधुनिक सुविधा अस्पताल में उपलब्ध कराने की तैयारी चल रही है।
शहर का जिला अस्पताल अभी इलाज के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से वंचित है। यहां की इमरजेंसी में बैड आदि की सुविधाएं तो हैं लेकिन वेंटिलेटर की सुविधा नहीं है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि अस्पताल में तीन पुराने वेंटिलेटर हैं लेकिन अब वह इतने पुराने हो चुके हैं कि उन्होंने काम करना बंद कर दिया है। उन्हें ठीक करने से भी अब कंपनी ने इंकार कर दिया है। ऐसे में गंभीर रूप से बीमार मरीज जिन्हें वेंटिलेटर की जरूरत होती हैं उन्हें यहां वेंटिलेटर की सुविधा नहीं मिलती। ऐसे मरीजों को अस्पताल प्रशासन या तो मेडिकल अस्पताल के लिए रैफर कर देता है या फिर मरीज के तीमारदार उसे लेकर किसी प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराते हैं।
प्राइवेट अस्पतालों में वेंटिलेटर का चार्ज महंगा होने की वजह से आम लोग को अधिक खर्च वहन करने का सामना करना पड़ता है। हालांकि अस्पताल प्रशासन का कहना है कि वर्तमान में मरीजों को हर संभव इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है। वेंटिलेटर खराब होने पर नए वेंटिलेटर मंगाने के लिए शासन को लिखा गया है। उम्मीद है जल्द ही वहां से वेंटिलेटर उपलब्ध हो जाएंगे। इसके अलावा एमआरआई और अन्य अत्याधुनिक इलाज की सुविधाएं भी यहां मरीजों को उपलब्ध कराने की दिशा में काम चल रहा है। जिला अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डा. सुनील कुमार कौशिक का कहना है कि एमआरआई की सुविधा जल्द ही यहां आने वाले मरीजों को उपलब्ध कराने की दिशा में काम चल रहा है। इसके अलावा अन्य कई उपकरण यहां इंस्टाल किये जाने हैं। 

विजुअल— जिला अस्पताल की इमरेंजसी में पड़े खाली बैड
विजुअल— जिला अस्पताल 
बाइट— डा. सुनील कौशिक 

अजय चौहान 

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