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नेताओं की बदजुबानी से गिर रही लोकतंत्र की साख, क्या सोचती है काशी की जनता

2019 लोकसभा चुनाव में इस बार कुछ अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है. यहां हर चुनाव में राजनीतिक दल पब्लिक हित की बात करते हुए विकास और अन्य मुद्दों पर वोट मांगते थे. लेकिन इस बार चुनाव किसी व्यक्ति विशेष तक ही सिमट कर रह गया है. शायद यही वजह है कि हर दल एक दूसरे पर व्यक्तिगत रूप से हमले बोल रहे हैं. वहीं अमर्यादित भाषाओं का प्रयोग भी जमकर प्रयोग कर रहे हैं.

नेताओं की अमर्यादित भाषा.
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Published : May 14, 2019, 4:51 PM IST

वाराणसी: लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण के मतदान 19 मई को होने हैं. इस बार नेताओं ने जमकर अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया है. कोई किसी को मारने की बात कर रहा है तो कोई किसी के पुरखों को भी चुनावी रण में खींच ले रहा है. लोग राजनीति के चक्कर में भाषा की मर्यादा ही भूल चुके हैं. इसलिए यह जानना जरूरी हो जाता है कि इन अमर्यादित भाषाओं को लेकर लोगों की क्या राय है.

ईटीवी भारत ने काशी की जनता से की बातचीत.

क्या कहती है काशी की जनता

  • काशी के लोगों ने राजनीति में अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने वालों पर करार प्रहार किया है.
  • काशी के लोगों का कहना है कि इस तरह की भाषाओं का प्रयोग करना सरासर गलत है.
  • यदि कोई भी व्यक्ति अपने प्रधानमंत्री के लिए ऐसे शब्दों का प्रयोग कर रहा है तो निश्चित तौर पर यह गलत होगा.
  • राजनीति का स्तर विकास और पब्लिक हित के लिए होता है न कि अपने या किसी अन्य पर टीका टिप्पणी करने के लिए.
  • गलत शब्दों का प्रयोग करते हुए बुरा भला कहने से राजनीति के स्तर को गिराने के पीछे वर्तमान में कई नेताओं का हाथ है.
  • वह अपनी राजनीति को चमकाने के लिए अमर्यादित भाषाओं का प्रयोग कर रहे हैं जो सरासर गलत है.

काशी की जनता का कहना है कि जिस तरह से गलत और गंदी भाषा गालियों का प्रयोग 2019 लोकसभा चुनाव के प्रचार में किया जा रहा है उसके बाद यह कहा जा सकता है कि इस बार का चुनाव विकास या अन्य किसी मुद्दे पर लड़ा ही नहीं जा रहा है. इस बार के चुनाव को गालियों और बुरी बातों के लिए याद किया जाएगा तो निश्चित तौर पर शर्मसार करने वाला है.

वाराणसी: लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण के मतदान 19 मई को होने हैं. इस बार नेताओं ने जमकर अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया है. कोई किसी को मारने की बात कर रहा है तो कोई किसी के पुरखों को भी चुनावी रण में खींच ले रहा है. लोग राजनीति के चक्कर में भाषा की मर्यादा ही भूल चुके हैं. इसलिए यह जानना जरूरी हो जाता है कि इन अमर्यादित भाषाओं को लेकर लोगों की क्या राय है.

ईटीवी भारत ने काशी की जनता से की बातचीत.

क्या कहती है काशी की जनता

  • काशी के लोगों ने राजनीति में अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने वालों पर करार प्रहार किया है.
  • काशी के लोगों का कहना है कि इस तरह की भाषाओं का प्रयोग करना सरासर गलत है.
  • यदि कोई भी व्यक्ति अपने प्रधानमंत्री के लिए ऐसे शब्दों का प्रयोग कर रहा है तो निश्चित तौर पर यह गलत होगा.
  • राजनीति का स्तर विकास और पब्लिक हित के लिए होता है न कि अपने या किसी अन्य पर टीका टिप्पणी करने के लिए.
  • गलत शब्दों का प्रयोग करते हुए बुरा भला कहने से राजनीति के स्तर को गिराने के पीछे वर्तमान में कई नेताओं का हाथ है.
  • वह अपनी राजनीति को चमकाने के लिए अमर्यादित भाषाओं का प्रयोग कर रहे हैं जो सरासर गलत है.

काशी की जनता का कहना है कि जिस तरह से गलत और गंदी भाषा गालियों का प्रयोग 2019 लोकसभा चुनाव के प्रचार में किया जा रहा है उसके बाद यह कहा जा सकता है कि इस बार का चुनाव विकास या अन्य किसी मुद्दे पर लड़ा ही नहीं जा रहा है. इस बार के चुनाव को गालियों और बुरी बातों के लिए याद किया जाएगा तो निश्चित तौर पर शर्मसार करने वाला है.

Intro:वाराणसी: 2019 के चुनाव में इस बार कुछ अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है जहां हर चुनाव में राजनीतिक दल पब्लिक हित की बात करते हुए विकास और अन्य मुद्दों पर वोट मांगते थे वह इस बार चुनाव किसी व्यक्ति विशेष तक ही सिमट कर रह गया है शायद यही वजह है कि हर दल एक दूसरे पर व्यक्तिगत रूप से जहां हम ले बोल रहे हैं वही अमर्यादित भाषाओं का प्रयोग भी जमकर हो रहा है कोई किसी को मारने की बात कर रहा है तो कोई किसी पुरखों को भी चुनावी रण में खींच ले रहा है हालात यह हैं कि लोग राजनीति के चक्कर में भाषा की मर्यादा ही भूल चुके हैं इसलिए जरूरी हो जाता है कि इन अमर्यादित भाषाओं को लेकर चल रही राजनीति के बारे में लोगों की क्या राय है यह जान आ जाए यह जानने के लिए हम पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के एक पान की अड़ी पर पहुंचे जहां पर लोगों ने खुल कर अपनी प्रतिक्रिया दी.


Body:वीओ-01 लगातार अमर्यादित भाषाओं का प्रयोग करके राजनीति को एक दूसरे रूप में ले जाने की कोशिश करने वालों पर काशी की जनता ने जबरदस्त तरीके से प्रहार किया काशी के लोगों का कहना है कि इस तरह की भाषाओं का प्रयोग करना सरासर गलत है और यदि कोई भी व्यक्ति अपने प्रधानमंत्री के लिए ऐसे शब्दों का प्रयोग कर रहा है तो निश्चित तौर पर यह गलत होगा क्योंकि राजनीति का स्तर विकास और पब्लिक हित के लिए होता है ना कि अपने या किसी अन्य पर टीका टिप्पणी कर उसे गलत शब्दों का प्रयोग करते हुए बुरा भला कहने से इसलिए इस राजनीति के स्तर को गिराने के पीछे वर्तमान में कई नेताओं का हाथ है जो अपनी राजनीति को चमकाने के लिए अमर्यादित भाषाओं का प्रयोग कर रहे हैं जो सरासर गलत है.


Conclusion:वीओ-02 काशी के लोगों का कहना है कि जिस तरह से गलत और गंदी भाषा गालियों का प्रयोग 2019 लोकसभा चुनाव के प्रचार में किया जा रहा है उसके बाद यह कहा जा सकता है कि इस बार का चुनाव विकास या अन्य किसी अन्य मुद्दे पर लड़ा ही नहीं जा रहा है इस बार के चुनाव को गालियों और बुरी वाली बातों के लिए याद किया जाएगा तो निश्चित तौर पर शर्मसार करने वाला है.

बाईट- आनंद मिश्रा, स्थनीय निवासी
बाईट- जवाहर लाल- पान विक्रेता
बाईट- संजय पाठक, स्थानीय निवासी
बाईट- स्थानीय निवासी

गोपाल मिश्र

9839809074
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