लखनऊ: सदियों से सेहत का खजाना मानी जा रही जड़ी बूटियां, अब लोगों को उत्तर प्रदेश में राह चलते मिला करेंगी. प्रदेश सरकार का लोक निर्माण विभाग सभी जिलों में हर्बल गार्डन विकसित करने जा रहा है. इस योजना के विस्तार में हर्बल गार्डन और हर्बल पौधों से युक्त सड़कों का सृजन किया जाना है, जिसका श्री गणेश देश में उत्तर प्रदेश से हो रहा है. मालूम हो केंद्र की एनडीए सरकार द्वारा आयुष्मान भारत योजना संचालित की जा रही है.
जड़ी बूटियां उगाकर यूपी सरकार सुधारेगी लोगों का स्वास्थ्य
- लोक निर्माण विभाग द्वारा सूबे से होकर गुजरे वाले राष्ट्रीय राजमार्गों और स्टेट हाइवे के किनारे औषधीय गुणों वाले पौधे लगवाए जाएंगे.
- इस योजना के तहत सड़कों के किनारे हल्दी, ब्राह्मी, अश्वगंधा, अनंतमूला, जनोफा आदि जैसी औषधीय गुणों वाली 34 प्रकार की जड़ी बूटियों के पौधे उगाए जाएंगे.
- लोक निर्माण विभाग ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है, 18 जिलों में इस योजना पर काम शुरू हो गया है.
- सरकार का मानना है कि तमाम चिकित्सकीय व्यवस्थाओं के बावजूद कैंसर, अस्थमा, त्वचा संबंधी बिमारियों का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है.
- आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों वाले पौधों से जहां हवा शुद्ध होगी, वहीं दूसरी ओर आयुर्वेद के प्रति भी लोगों की रुचि बढ़ेगी.
यूपी के हाईवे बनाएंगे सेहतमंद
जड़ी बूटियां सदियों से भारतीयों की ऐसी दोस्त बनी हुई हैं, जो उन्हें सेहतमंद बने रहने में मददगार हैं. जड़ी बूटियों के राज को जानने वाले आयुर्वेद विशेषज्ञों ने इस ज्ञान के खजाने को जन-जन तक इस तरह बांटा कि गांव-गांव और घर-घर में लोग जड़ी बूटियों का उत्पादन और उनका इस्तेमाल करने लगे. सदियों तक भारत में बीमारियों से उपचार का एकमात्र तरीका जड़ी बूटियां ही थीं. इन्हीं जड़ी बूटियों को एक बार फिर जन-जन तक लोकप्रिय करने के मकसद से उत्तर प्रदेश सरकार का लोक निर्माण विभाग नई पहल करने जा रहा है.
पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू हो चुकी है योजना
लोक निर्माण विभाग ने मंडल स्तर पर हर्बल गार्डन का विकास शुरू कराया है. विभागीय मंत्री और प्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की मंशा है कि इन हर्बल गार्डन को सभी स्टेट और नेशनल हाईवे के किनारे विकसित किया जाए और कम से कम हर जिले में एक हर्बल गार्डन जरूर तैयार किया जाए.
औषधीय पौधों में शामिल तुलसी, आंवला, जामुन, पीपल, ज्वरांकुश, घृतकुमारी, पिपली, हल्दी ऐसे पौधे हैं, जिनका इस्तेमाल हर घर में किया जा रहा है. इनमें से कई पौधे स्वाभाविक तौर पर भी तैयार होते हैं, लेकिन नई पीढ़ी इनमें से ज्यादातर के बारे में जानकारी नहीं रहती. यही वजह है कि प्रदेश सरकार ने तय किया है कि वह हर जिले में कम से कम एक हर्बल गार्डन ऐसा विकसित करेगी. इसमें औषधि पौधे तैयार होंगे, जो स्थानीय लोगों को उनकी जरूरत के अनुसार दिए भी जा सकेंगे और लोग इन पौधों की खासियत और इस्तेमाल के तरीकों से भी परिचित होंगे.
- वीके सिंह, इंजीनियर इन चीफ, पीडब्ल्यूडी