शामली: जिले की पुलिस ने अस्थाई जेल में रखे गए 12 बांग्लादेशी जमातियों को मुजफ्फरनगर जेल में शिफ्ट कर दिया है. बता दें कि यह बांग्लादेशी नागरिक वीजा नियमों का उल्लंघन कर जमात में शामिल हो गए थे. साथ ही जमातियों ने लॉकडाउन के बावजूद भी अपनी जानकारी पुलिस से छिपाए रखी थी. वहीं इन सभी जमातियों के खिलाफ एक अप्रैल को शामली जिले के थानाभवन थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था.
जानिए क्या है पूरा मामला
- देश में लॉकडाउन होने के बाद एक अप्रैल को शामली जिले के थानाभवन क्षेत्र के गांव भैसानी इस्लामपुर की मक्का मस्जिद में 15 जमाती ठहरे हुए मिले थे.
- मस्जिद में ठहरी जमातियों की इस टोली में 12 बांग्लादेशी, 2 असम और 1 मुरादाबाद का रहने वाला था, जिन्होंने अपनी जानकारी पुलिस से छिपाई थी.
- पुलिस ने इन सभी 15 जमातियों को क्वारंटाइन करते हुए उनके कोरोना टेस्ट कराए थे, जिसमें दो बांग्लादेशी और एक असम का जमाती कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे.
- पॉजिटिव जमातियों को कोविड अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराते हुए, अन्य सभी को क्वारंटाइन पीरियड में रखा गया था.
- इस मामले में पुलिस ने 12 विदेशी नागरिकों समेत सभी 15 जमातियों के खिलाफ थानाभवन थाने पर मुकदमा भी दर्ज किया था.
- इलाज के बाद न्यायालय ने 12 विदेशी नागरिकों समेत सभी 15 जमातियों को 14 दिनों के लिए अस्थाई जेल में भेज दिया है.
- असम और मुरादाबाद के तीन जमातियों को पिछले दिनों रिहा कर दिया गया था, बाकि के 12 बांग्लादेशी जमातियों को मुजफ्फरनगर जेल में शिफ्ट कर दिया है.
सीओ अमित सक्सेना ने बताया कि जिले के थाना थानाभवन में 01 अप्रैल 2020 को एक मुकदमा पंजीकृत हुआ था. मुकदमें के अनुसार थानाभवन क्षेत्र के गांव भैंसानी की मक्का मस्जिद में लॉकडाउन के दौरान 15 जमाती मिले थे. साथ ही इस जमात में 12 बांग्लादेशी, 01 मुरादाबाद तथा 02 असम राज्य के व्यक्ति थे. इन लोगों के द्वारा स्थानीय पुलिस और एलआईयू को अपने आगमन के संबंध में कोई सूचना नहीं दी गई थी. वहीं सभी बांग्लादेशी टूरिस्ट वीजा पर आए हुए थे, लेकिन वें टूरिस्ट वीजा का उल्लंघन करते हुए धर्म का प्रचार-प्रसार कर रहे थे. वहीं अब सभी 12 बांग्लादेशी जमातियों को जिले के बनत कस्बे में बनाई अस्थाई जेल से मुजफ्फरनगर जेल शिफ्ट कर दिया गया है.
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