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मऊ: बलिदान दिवस पर याद किए गए श्यामा प्रसाद मुखर्जी - श्यामा प्रसाद मुखर्जी को श्रद्धांजलि

उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान दिवस मनाया गया. इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष ने 101 पौधे लगाकर श्रद्धांजलि दी.

shyama prasad mukharjee sacrifice day
श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान दिवस
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Published : Jun 23, 2020, 10:29 PM IST

मऊ: भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की आज पुण्‍यतिथि है. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस के अवसर पर जिले में विभिन्न स्थान पर कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें श्यामा प्रसाद के विचारों पर चर्चा की गई. साथ ही वर्तमान समय मे उनके विचारों की महत्ता पर प्रकाश डाला गया. इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष प्रवीण कुमार गुप्ता द्वारा कासिमपुर में लोक कल्याण सेवा न्यास के साथ मिलकर 101 पौधों का रोपण किया गया.

भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हर मंडल पर डॉ. मुखर्जी को याद करते हुए माल्यार्पण किया. मुखर्जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए जिलाध्यक्ष प्रवीण गुप्ता ने कहा कि डॉ. मुखर्जी सच्चे अर्थों में मानवता के उपासक और सिद्धान्तवादी व्यक्ति थे. डॉ. मुखर्जी के राजनीतिक जीवन की शुरुआत सन् 1929 में हुई थी.

वह देश की प्रथम अंतरिम सरकार में उद्योग एवं आपूर्ति मंत्री के रूप में शामिल हुए. नेहरू और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लियाकत अली के बीच हुए समझौते के विरोध में इन्होंने छह अप्रैल 1950 को मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दे दिया. उन्होंने कहा कि डॉ. मुखर्जी आजीवन अपने सिद्धांतों पर चलते रहे. भारत की अखंडता और एकता के लिए डॉ. साहब ने कोई समझौता नहीं किया. आज का बंगाल, पंजाब और जम्मू कश्मीर जो भारत गणराज्य का अभिन्न अंग है, इनको भारत का अंग बनाने में डॉ. साहब के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है.

मऊ: भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की आज पुण्‍यतिथि है. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस के अवसर पर जिले में विभिन्न स्थान पर कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें श्यामा प्रसाद के विचारों पर चर्चा की गई. साथ ही वर्तमान समय मे उनके विचारों की महत्ता पर प्रकाश डाला गया. इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष प्रवीण कुमार गुप्ता द्वारा कासिमपुर में लोक कल्याण सेवा न्यास के साथ मिलकर 101 पौधों का रोपण किया गया.

भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हर मंडल पर डॉ. मुखर्जी को याद करते हुए माल्यार्पण किया. मुखर्जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए जिलाध्यक्ष प्रवीण गुप्ता ने कहा कि डॉ. मुखर्जी सच्चे अर्थों में मानवता के उपासक और सिद्धान्तवादी व्यक्ति थे. डॉ. मुखर्जी के राजनीतिक जीवन की शुरुआत सन् 1929 में हुई थी.

वह देश की प्रथम अंतरिम सरकार में उद्योग एवं आपूर्ति मंत्री के रूप में शामिल हुए. नेहरू और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लियाकत अली के बीच हुए समझौते के विरोध में इन्होंने छह अप्रैल 1950 को मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दे दिया. उन्होंने कहा कि डॉ. मुखर्जी आजीवन अपने सिद्धांतों पर चलते रहे. भारत की अखंडता और एकता के लिए डॉ. साहब ने कोई समझौता नहीं किया. आज का बंगाल, पंजाब और जम्मू कश्मीर जो भारत गणराज्य का अभिन्न अंग है, इनको भारत का अंग बनाने में डॉ. साहब के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है.

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