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कोरोना का असर: कन्नौज के टमाटर किसानों को नहीं मिल रहा उचित दाम

यूपी के कन्नौज जिले में टमाटर किसान अपनी फसल औने-पौने दामों में बेचने को मजबूर हैं. किसानों का कहना है कि कोरोना की वजह से टमाटर के सही दाम नहीं मिल रहे हैं.

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कोरोना का कन्नौज के टमाटर किसानों पर असर
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Published : Jun 21, 2020, 5:53 PM IST

कन्नौज: कोरोना का खौफ किसानों को दोहरी मार दे रहा है. सबसे ज्यादा बुरे हाल टमाटर की खेती करने वाले किसानों के हैं. दूसरे राज्यों की मंडियों में टमाटर न पहुंच पाने से किसान अपनी सब्जियां औने-पौने दामों में बेचने को मजबूर हैं. इससे किसान एक बार फिर से कर्ज के बोझ तले दबते जा रहे हैं.

5 हजार हेक्टेयर में होता है टमाटर की खेती
बता दें कि जिले में करीब 5 हजार हेक्टेयर में किसान टमाटर की खेती करते हैं. यहीं नहीं हर साल किसान इससे अच्छा-खासा मुनाफा भी कमाते हैं, लेकिन साल 2020 के साथ कोरोना ने भी दस्तक दी तो किसानों के सारे सपने चूर हो गए.

टमैटो सॉस की फैक्ट्रियां हैं बंद
हर वर्ष टमाटर की खेती करने वाले रामप्रताप बताते हैं कि कोरोना की वजह से टमैटो सॉस या कैचअप बनाने वाली ज्यादातर फैक्ट्रियां अभी बंद हैं. शायद इसी वजह से इस साल टमाटर की मांग नहीं है.

खेतों में सड़ रहे टमाटर
किसानों का कहना है कि जिले के तमाम टमाटर किसानों के सामने आर्थिक संकट है. किसान टमाटर औने-पौने दामों पर बेच रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस बार 75 फीसदी दाम कम मिल रहा है. वहीं कई किसानों के टमाटर तो खेत में ही सड़ रहे हैं.

कन्नौज: कोरोना का खौफ किसानों को दोहरी मार दे रहा है. सबसे ज्यादा बुरे हाल टमाटर की खेती करने वाले किसानों के हैं. दूसरे राज्यों की मंडियों में टमाटर न पहुंच पाने से किसान अपनी सब्जियां औने-पौने दामों में बेचने को मजबूर हैं. इससे किसान एक बार फिर से कर्ज के बोझ तले दबते जा रहे हैं.

5 हजार हेक्टेयर में होता है टमाटर की खेती
बता दें कि जिले में करीब 5 हजार हेक्टेयर में किसान टमाटर की खेती करते हैं. यहीं नहीं हर साल किसान इससे अच्छा-खासा मुनाफा भी कमाते हैं, लेकिन साल 2020 के साथ कोरोना ने भी दस्तक दी तो किसानों के सारे सपने चूर हो गए.

टमैटो सॉस की फैक्ट्रियां हैं बंद
हर वर्ष टमाटर की खेती करने वाले रामप्रताप बताते हैं कि कोरोना की वजह से टमैटो सॉस या कैचअप बनाने वाली ज्यादातर फैक्ट्रियां अभी बंद हैं. शायद इसी वजह से इस साल टमाटर की मांग नहीं है.

खेतों में सड़ रहे टमाटर
किसानों का कहना है कि जिले के तमाम टमाटर किसानों के सामने आर्थिक संकट है. किसान टमाटर औने-पौने दामों पर बेच रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस बार 75 फीसदी दाम कम मिल रहा है. वहीं कई किसानों के टमाटर तो खेत में ही सड़ रहे हैं.

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