बलरामपुर: आपकी सेवा में सदैव तत्पर रहने वाली यूपी पुलिस अक्सर अपने कारनामों के कारण चर्चा में बनी रहती है. इस बार मामला बलरामपुर जिले के गौरा थाना क्षेत्र से जुड़ा है. यहां तैनात थानाध्यक्ष, मुंशी और एक सिपाही की ऑडियो वायरल होने के बाद पूरे महकमे में हड़कंप मच गया है. इस ऑडियो में रुपये लेकर मुकदमे में धाराओं के घटाने और बढ़ाने की बात की जा रही है. साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि अगर रुपये ठीक-ठाक मिलता तो ऐसी धारा में मुकदमा लिखा जाता कि मेडिकल कराने की आवश्यकता ही नहीं होती.
बातचीत का ऑडियो हुआ वायरल
वायरल ऑडियो में पीड़ित व्यक्ति से बातचीत करने वाले थानाध्यक्ष, सिपाही और मुंशी साफ-साफ पैसे के लेन-देन की बात कर रहे हैं. पीड़ित व्यक्ति सिपाही को बता रहा है कि मामले के मुकदमे को लिखने में 1000 रुपये की धनराशि मुंशी को आपकी (सिपाही को दिए पैसे के बाद) धनराशि के बाद दे दी गई है. इसके साथ ही व्यक्ति कह रहा है कि मुकदमे में यदि कोई दिक्कत न हुई तो मेडिकल करवाने में जो धनराशि देय होगी, वो भी वहन करने के लिए हम तैयार हैं.
एसपी ने लिया मामले का संज्ञान
मामले का संज्ञान लेते हुए एसपी देवरंजन वर्मा ने पूरे मामले की जांच सीओ राधा रमण सिंह को सौंप दी है. इसके साथ ही ऑडियो रिकॉर्डिंग की प्रथम दृष्टया जांच में थानाध्यक्ष गौरा संतोष कुमार, मुंशी राम प्रगट और सिपाही निगम सिंह को पुलिस अधीक्षक ने दोषी पाया गया है. तीनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
तीनों को किया गया सस्पेंड
इस मामले पर एसपी देव रंजन वर्मा का कहना है कि एक व्यक्ति द्वारा कुछ ऑडियो क्लिप मुझे भेजी गई थी. जिसमें वह व्यक्ति थाना अध्यक्ष गौरा चौराहा, एक सिपाही और एक मुंशी के भ्रष्टाचार में संलिप्तता की बात सामने आ रही है. एसपी ने कहा कि यह एक भ्रष्टाचार का अति गंभीर मामला है. इसमें प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया है. इस प्रकरण की जांच सीओ राधा रमण सिंह को सौंपी गई है.