मिर्जापुर: स्कूल के समय अब किसी भी टीचर को अपनी समस्याएं या फिर अन्य कार्य को लेकर बेसिक शिक्षा कार्यालय आने की अनुमति नहीं होगी. परिषदीय स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने को लेकर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने फरमान जारी किया है. ज्यादा जरूरी काम होने पर खंड शिक्षा अधिकारी से अनुमति लेकर ही कार्यालय पर आएं.
स्कूल समय में कार्यालय न आए कोई भी शिक्षक
- परिषदीय स्कूलों में पठन-पाठन को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सख्त हैं.
- परिषदीय स्कूलों में चाक-चौबंद व्यवस्था, शैक्षणिक गुणवत्ता, निशुल्क यूनिफॉर्म वितरण आदि को लेकर शुक्रवार को बीएसए ने शिक्षकों के साथ संवाद किया.
- इस दौरान एडीओ पंचायत, प्रधानाध्यापकों के अलावा एसएमसी अध्यक्ष भी मौजूद रहे.
- बैठक में बीएसए ने शिक्षकों को ताकीद किया कि शैक्षिक कलेंडर का पालन किया जाए.
- स्कूल समय में कोई भी शिक्षक बीएसए कार्यालय या किसी कार्यालय में न जाए, नहीं तो कार्रवाई की जाएगी.
मिर्जापुर के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने परिषदीय स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था सुधारने को लेकर निर्देश जारी किया है. स्कूल के समय बीएसए या एबीएसए दफ्तर में कोई अध्यापक अध्यापिका मिले तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. 1 जुलाई से हिदायत दी है कि विद्यालय अवधि में कोई भी प्रधानाध्यापक सहायक अध्यापक शिक्षामित्र या अनुदेशक जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय अथवा खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय परिसर में नहीं जाएंगे. इस दौरान मिलने पर उनके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
"हमने पिछले साल से यह नियम बनाया हुआ है कि कोई भी अध्यापक विद्यालय के समय कार्यालय आता है तो खंड शिक्षा अधिकारी से अनुमति लेकर विशेष परिस्थिति में ही यहां पर आए. वर्तमान समय में देखा जा रहा है कि स्कूल टाइम में अध्यापक सारे काम करने लगते हैं. कभी बीआरसी ऑफिस जाते हैं, तो कभी बीएसए ऑफिस आ जाते हैं. मुख्यमंत्री जी के तरफ से सख्त निर्देश जारी किया गया है, जिसके क्रम में हम लोग अपनर स्तर से भी यह निर्देश जारी किया है."-प्रवीण तिवारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी