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....तो अब कुशभवनपुर के नाम से जाना जाएगा सुलतानपुर - सुलतानपुर न्यूज

राज्यपाल राम नाईक की तरफ से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे गए पत्र से जिलेवासियों की उम्मीद जग गई है. राजपूताना फाउंडेशन, विधायक और चेयरमैन नगर पालिका की तरफ से इस बारे में कई बार शासन को प्रस्ताव दिए जा चुके हैं. लंबी पहल के बाद नाम बदलने की कवायद अमल में आएगी.

भगवान राम के पुत्र कुश की प्रतिमा
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Published : Mar 31, 2019, 7:32 PM IST

सुलतानपुर : योगीराज में इलाहाबाद और फैजाबाद का नाम बदले जाने के बाद अब सुलतानपुर का नाम बदला जा सकता है. खबर के मुताबिक़, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर सुलतानपुर का नाम बदलकर कुशभवनपुर करने के लिए विचार करने का अनुरोध किया है. इस चिट्ठी में राज्यपाल राम नाईक ने राजपूताना शौर्य फाउंडेशन नामक एक संगठन की मांग का जिक्र किया है.

बता दें कि सुलतानपुर का नाम बदलने की मांग काफी दिनों से उठाई जा रही है. इससे पहलेउत्तर प्रदेश के लम्भुआ से पहली बार चुनाव जीत कर आएबीजेपी विधायकदेवमणि द्विवेदी ने विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया था किआदिगंगा कही जाने वाली गोमती नदी के किनारे बसे ऐतिहासिक शहर सुलतानपुर का नामसनातन के आराध्य प्रभु श्रीराम के पुत्र कुश के नाम परकुशभवनपुररखा जाए. उन्होंने कहा था किउन्होंने कहा कि शहर पहले कुशभावनपुर के नाम से जाना जाता था. इसके अलावा इसे कुशपुर और कुशावटी के नाम से भी जाना जाता रहा है. लेकिन सबसे प्रसिद्द नाम कुशभवनपुर था.

जानकारी देते राजपूताना फाउंडेशन के संरक्षक


सुलतानपुर का इतिहास पुस्तक प्रसिद्ध राजेश्वर सिंह की तरफ से लिखी गई है.किताब में उन सभी पहलुओं का जिक्र किया गया है, जो कुशभवनपुर के नाम की विश्वसनीयता को साबित करता है.मुगल शासक में अलाउद्दीन खिलजी ने कुशभवन पुर का नाम बदलकर सुलतानपुर रख दिया था.तब से यह सुलतानपुर के रूप में जाना जाता है.भगवान राम के पुत्र कुश का शासन काल क्षेत्र में चलता था.जिसके नाम से यह कुशभवन के रूप में इतिहास में विख्यात रहा है.सरकारी गजटियर में भी कुछ स्थानों पर कुश भवनपुर के उल्लेख भीमिलते हैं.सुलतानपुर का नाम पहले कुशभवनपुर था.भगवान राम के बड़े पुत्र कुश अयोध्या से इसका शासन चलाते थे.रामराज्य की मंशा को साकार करते थे.सुलतानपुर होने के बाद से लंबे समय से यहां के स्थानीय लोग नाम बदलने का विचार और मांग दोनों करते रहे हैं .लंबे अंतराल के बाद उन्हें सफलता मिली है.लोगों में खुशी के पल और भावनाएं देखी जा रही हैं.

इस आधार पर राज्यपाल राम नाईक ने मुख्यमंत्री से नाम बदलने के प्रस्ताव पर विचार करने और उस पर कार्रवाई करने का पत्र भेजा है.इस पत्र से एक बार फिर जिले वासियों को इसका नाम कुशभवनपुरहोने की उम्मीद जग गई है. राजपूताना फाउंडेशन समेत कई संगठनों ने इस पहल का स्वागत किया है.

राजपूताना फाउंडेशन के संरक्षक और अधिवक्ता अरविंद सिंह राजा कहते हैं कि काफी लंबे समय से इस का प्रयास किया जा रहा था.राज्यपाल की तरफ से यह पत्र भेजा गया है.जिससे सुलतानपुर का नाम कुशभवनपुरहोगा. इसे पुरानी पहचान विरासत के रूप में जो अभी तक संरक्षित है, मिल सकेगी.राजपूताना फाउंडेशन कई बार इस संदर्भ में प्रयास कर चुका है.

सुलतानपुर : योगीराज में इलाहाबाद और फैजाबाद का नाम बदले जाने के बाद अब सुलतानपुर का नाम बदला जा सकता है. खबर के मुताबिक़, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर सुलतानपुर का नाम बदलकर कुशभवनपुर करने के लिए विचार करने का अनुरोध किया है. इस चिट्ठी में राज्यपाल राम नाईक ने राजपूताना शौर्य फाउंडेशन नामक एक संगठन की मांग का जिक्र किया है.

बता दें कि सुलतानपुर का नाम बदलने की मांग काफी दिनों से उठाई जा रही है. इससे पहलेउत्तर प्रदेश के लम्भुआ से पहली बार चुनाव जीत कर आएबीजेपी विधायकदेवमणि द्विवेदी ने विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया था किआदिगंगा कही जाने वाली गोमती नदी के किनारे बसे ऐतिहासिक शहर सुलतानपुर का नामसनातन के आराध्य प्रभु श्रीराम के पुत्र कुश के नाम परकुशभवनपुररखा जाए. उन्होंने कहा था किउन्होंने कहा कि शहर पहले कुशभावनपुर के नाम से जाना जाता था. इसके अलावा इसे कुशपुर और कुशावटी के नाम से भी जाना जाता रहा है. लेकिन सबसे प्रसिद्द नाम कुशभवनपुर था.

जानकारी देते राजपूताना फाउंडेशन के संरक्षक


सुलतानपुर का इतिहास पुस्तक प्रसिद्ध राजेश्वर सिंह की तरफ से लिखी गई है.किताब में उन सभी पहलुओं का जिक्र किया गया है, जो कुशभवनपुर के नाम की विश्वसनीयता को साबित करता है.मुगल शासक में अलाउद्दीन खिलजी ने कुशभवन पुर का नाम बदलकर सुलतानपुर रख दिया था.तब से यह सुलतानपुर के रूप में जाना जाता है.भगवान राम के पुत्र कुश का शासन काल क्षेत्र में चलता था.जिसके नाम से यह कुशभवन के रूप में इतिहास में विख्यात रहा है.सरकारी गजटियर में भी कुछ स्थानों पर कुश भवनपुर के उल्लेख भीमिलते हैं.सुलतानपुर का नाम पहले कुशभवनपुर था.भगवान राम के बड़े पुत्र कुश अयोध्या से इसका शासन चलाते थे.रामराज्य की मंशा को साकार करते थे.सुलतानपुर होने के बाद से लंबे समय से यहां के स्थानीय लोग नाम बदलने का विचार और मांग दोनों करते रहे हैं .लंबे अंतराल के बाद उन्हें सफलता मिली है.लोगों में खुशी के पल और भावनाएं देखी जा रही हैं.

इस आधार पर राज्यपाल राम नाईक ने मुख्यमंत्री से नाम बदलने के प्रस्ताव पर विचार करने और उस पर कार्रवाई करने का पत्र भेजा है.इस पत्र से एक बार फिर जिले वासियों को इसका नाम कुशभवनपुरहोने की उम्मीद जग गई है. राजपूताना फाउंडेशन समेत कई संगठनों ने इस पहल का स्वागत किया है.

राजपूताना फाउंडेशन के संरक्षक और अधिवक्ता अरविंद सिंह राजा कहते हैं कि काफी लंबे समय से इस का प्रयास किया जा रहा था.राज्यपाल की तरफ से यह पत्र भेजा गया है.जिससे सुलतानपुर का नाम कुशभवनपुरहोगा. इसे पुरानी पहचान विरासत के रूप में जो अभी तक संरक्षित है, मिल सकेगी.राजपूताना फाउंडेशन कई बार इस संदर्भ में प्रयास कर चुका है.

Intro:शीर्षक - अलाउद्दीन खिलजी की मिटेगी पहचान, कुशभवनपुर के नाम से जाना जाएगा सुल्तानपुर।



मुगल आक्रमणकारी अलाउद्दीन खिलजी की पहचान खत्म करने और मुगलों के आक्रमण की पीड़ा को मिटाने के लिए अब सुल्तानपुर अपने पुराने नाम कुशभवनपुर के नाम से जाना जाएगा। राज्यपाल राम नाईक की तरफ से मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी को लिखे गए पत्र से जिलेवासियों की उम्मीद जग गई है। राजपूताना फाउंडेशन, विधायक और चेयरमैन नगर पालिका की तरफ से इस बारे में कई बार शासन को प्रस्ताव दिए जा चुके हैं। लंबी पहल के बाद नाम बदलने की कवायद अमल में आएगी।


Body:सुल्तानपुर का इतिहास पुस्तक प्रसिद्ध राजेश्वर सिंह की तरफ से लिखी गई है। किताब में उन सभी पहलुओं का जिक्र किया गया है, जो कुश भवनपुर के नाम की विश्वसनीयता को साबित करता है। मुगल शासक में अलाउद्दीन खिलजी ने कुशभवन पुर का नाम बदलकर सुल्तानपुर रख दिया था। तब से यह सुल्तानपुर के रूप में जाना जाता है। भगवान राम के पुत्र कुश का शासन काल क्षेत्र में चलता था। जिसके नाम से यह कुशभवन के रूप में इतिहास में विख्यात रहा है। सरकारी गजटियर में भी कुछ स्थानों पर कुश भवनपुर के उल्लेख मिलते हैं। इस आधार पर राज्यपाल राम नाईक ने मुख्यमंत्री से नाम बदलने के प्रस्ताव पर विचार करने और उस पर कार्रवाई करने का पत्र भेजा है। इस पत्र से एक बार फिर जिले वासियों को इसका नाम कुशभवनपुर होने की उम्मीद जग गई है । गोमती मित्र मंडल, राजपूताना फाउंडेशन समेत कई संगठनों ने इस पहल का स्वागत किया है।


Conclusion:राजपूताना फाउंडेशन के संरक्षक और अधिवक्ता अरविंद सिंह राजा कहते हैं कि काफी लंबे समय से इस का प्रयास किया जा रहा था। राज्यपाल की तरफ से यह पत्र भेजा गया है। जिससे सुल्तानपुर का नाम कुशभवपुर होगा। इसे पुरानी पहचान विरासत के रूप में जो अभी तक संरक्षित है, मिल सकेगी। राजपूताना फाउंडेशन कई बार इस संदर्भ में प्रयास कर चुका है।



वॉइस ओवर- सुल्तानपुर का नाम पहले कुशभवनपुर था।। भगवान राम के बड़े पुत्र कुश अयोध्या से इसका शासन चलाते थे। रामराज्य की मंशा को साकार करते थे। सुल्तानपुर होने के बाद से लंबे समय से यहां के स्थानीय लोग नाम बदलने का विचार और मांग दोनों करते रहे हैं ।लंबे अंतराल के बाद उन्हें सफलता मिली है। लोगों में खुशी के पल और भावनाएं देखी जा रही हैं ।


आशुतोष मिश्रा , सुलतानपुर, 9415049256

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