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सहारनपुर: 2 महीने बाद भी नहीं हुआ गन्ने का भुगतान, भुखमरी के कगार पर किसान - sugar mills not paying farmers to payment in Saharanpur

योगी सरकार 14 दिन में गन्ने का बकाया भुगतान करने और किसानों की आय दोगुनी करने के दावे कर रही है, लेकिन हकीकत सच्चाई से कोसों दूर है. चीनी मिलों की मनमानी न सिर्फ किसानों के गन्ने का भुगतान रोके हुए है, बल्कि सरकार के आदेशों को ठेंगा दिखाकर सरकार के दावों की भी पोल खोल रही है.

किसान को नहीं मिल रहा है भुगतान
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Published : Jun 15, 2019, 2:53 PM IST

सहारनपुर: जिले में चीनी मिलों ने किसानों का 521 करोड़ रुपये का भुगतान रोक रखा है. भुगतान नहीं होने से किसान आर्थिक तंगी से जूझ रहा है. आलम यह कि छोटे गन्ना किसान भुखमरी के कगार पर पहुंच गया है. भुगतान नहीं होने से नाराज किसानों ने अब सड़कों पर उतरकर आंदोलन की चेतावनी दे दी है.

भुखमरी के कगार पर सहारनपुर के किसान.
  • सीएम योगी ने प्रदेश की सभी चीनी मिलों को 14 दिन के भीतर किसानों का भुगतान करने के आदेश दिए थे.
  • सीएम योगी के आदेश को अनसुना करके मिल मालिकों ने किसानों का भुगतान रोका हुआ है.
  • मिल मालिकों ने किसानों का भुगतान दो महीने बाद भी नहीं किया है.
  • भुगतान रुकने से गन्ना किसानों के सामने आर्थिक संकट मंडराने लगा है.
  • भुगतान नहीं होने के कारण किसान परिवार का पालन पोषण भी नहीं कर पा रहे हैं.
  • पैसे की कमी के चलते फसल के लिए खाद, बीज और पेस्टिसाइड्स भी नहीं खरीद पा रहे हैं.

किसानों ने बताया कि-

  • सीएम योगी के 14 दिन में भुगतान के आदेश के बाद उन्हें उम्मीद जगी थी.
  • चीनी मिलों की मनमानी के आगे किसान तो क्या सरकार कुछ नहीं कर पा रही है.

4-5 महीने बाद भी उनका भुगतान नहीं हुआ है. सभी चीनी मिलों की बात करे तो सहारनपुर के किसानों का करीब 521 करोड़ रुपये मिलों पर बकाया है. इसके चलते किसान अपना ऋण जमा नहीं कर पा रहे है. बैंक किसानों की आरसी जारी कर किसानों पर कार्रवाई करने की धमकी दे रहे है.
-अशोक कुमार ,जिला सचिव भारतीय किसान यूनियन

किसान मांगेराम ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि शासन-प्रशासन की मिली भगत से ही चीनी मिलें मनमानी कर रही हैं. इससे किसान भुखमरी के कगार पर पहुंच गया है. यही हाल रहा तो किसान सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर होगा.

गन्ना आयुक्त डॉ. दिनेश्वर मिश्र का कहना है कि पिछले दिनों चीनी के दाम काफी कम हो गए थे. सहारनपुर मंडल के तीनों जिलों में 17 चीनी मिलें हैं. इनमें से तीन सरकारी जबकि 14 निजी मिल है, लेकिन अभी तक किसानों का बकाया भुगतान नहीं हो पाया है.

उन्होंने बताया कि सहारनपुर में करीब 525 करोड़, मुजफ्फनगर 975 करोड़ और शामली 644 करोड़ जिले के किसानों का बकाया चल रहा है. बकाया भुगतान के लिए मिल मालिकों पर दबाव बनाया जा रहा है. हालांकि बकाया भुगतान की तारीख बताना संभव नहीं है.

सहारनपुर: जिले में चीनी मिलों ने किसानों का 521 करोड़ रुपये का भुगतान रोक रखा है. भुगतान नहीं होने से किसान आर्थिक तंगी से जूझ रहा है. आलम यह कि छोटे गन्ना किसान भुखमरी के कगार पर पहुंच गया है. भुगतान नहीं होने से नाराज किसानों ने अब सड़कों पर उतरकर आंदोलन की चेतावनी दे दी है.

भुखमरी के कगार पर सहारनपुर के किसान.
  • सीएम योगी ने प्रदेश की सभी चीनी मिलों को 14 दिन के भीतर किसानों का भुगतान करने के आदेश दिए थे.
  • सीएम योगी के आदेश को अनसुना करके मिल मालिकों ने किसानों का भुगतान रोका हुआ है.
  • मिल मालिकों ने किसानों का भुगतान दो महीने बाद भी नहीं किया है.
  • भुगतान रुकने से गन्ना किसानों के सामने आर्थिक संकट मंडराने लगा है.
  • भुगतान नहीं होने के कारण किसान परिवार का पालन पोषण भी नहीं कर पा रहे हैं.
  • पैसे की कमी के चलते फसल के लिए खाद, बीज और पेस्टिसाइड्स भी नहीं खरीद पा रहे हैं.

किसानों ने बताया कि-

  • सीएम योगी के 14 दिन में भुगतान के आदेश के बाद उन्हें उम्मीद जगी थी.
  • चीनी मिलों की मनमानी के आगे किसान तो क्या सरकार कुछ नहीं कर पा रही है.

4-5 महीने बाद भी उनका भुगतान नहीं हुआ है. सभी चीनी मिलों की बात करे तो सहारनपुर के किसानों का करीब 521 करोड़ रुपये मिलों पर बकाया है. इसके चलते किसान अपना ऋण जमा नहीं कर पा रहे है. बैंक किसानों की आरसी जारी कर किसानों पर कार्रवाई करने की धमकी दे रहे है.
-अशोक कुमार ,जिला सचिव भारतीय किसान यूनियन

किसान मांगेराम ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि शासन-प्रशासन की मिली भगत से ही चीनी मिलें मनमानी कर रही हैं. इससे किसान भुखमरी के कगार पर पहुंच गया है. यही हाल रहा तो किसान सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर होगा.

गन्ना आयुक्त डॉ. दिनेश्वर मिश्र का कहना है कि पिछले दिनों चीनी के दाम काफी कम हो गए थे. सहारनपुर मंडल के तीनों जिलों में 17 चीनी मिलें हैं. इनमें से तीन सरकारी जबकि 14 निजी मिल है, लेकिन अभी तक किसानों का बकाया भुगतान नहीं हो पाया है.

उन्होंने बताया कि सहारनपुर में करीब 525 करोड़, मुजफ्फनगर 975 करोड़ और शामली 644 करोड़ जिले के किसानों का बकाया चल रहा है. बकाया भुगतान के लिए मिल मालिकों पर दबाव बनाया जा रहा है. हालांकि बकाया भुगतान की तारीख बताना संभव नहीं है.

Intro:नोट : गन्ना विभाग के अधिकारी की बाईट के साथ खबर भेजी है।

सहारनपुर : एक ओर जहां योगी सरकार 14 दिन में गन्ने का बकाया भुगतान करने और किसानों की आय दोगुनी करने के दावे कर रही है लेकिन हकीकत सच्चाई से कोसो दूर है। चीनी मिलों की मनमानी न सिर्फ किसानो के गन्ने का भुगतान रोके हुए है बल्कि सरकार के आदेशों को ठेंगा दिखाकर सरकार के दावो की भी पोल खोल रही है। अगर अकेले सहारनपुर जिले की बात करें तो यहां चीनी मिलों ने किसानों का 521 करोड़ रुपये का भुगतान रोक हुआ है। भुगतान नही होने किसान आर्थिक तंगी से तो जूझ ही रहा है साथ अपने परिवार का पालन पोषण करना तो दूर बच्चो की स्कूल फीस जमा और ब्याह शादी भी नही कर पा रहे हैं। आलम यह कि छोटे गन्ना किसान भुखमरी के कगार पर पहुंच गया है। भुगतान नही होने से नाराज किसानों ने अब सडको पर उतर कर आंदोलन की चेतावनी दी है। किसानों ने ईटीवी से बातचीत में अपना दर्द साझा करते हुए मिल मालिको के साथ शासन प्रशासन पर आरोप लगाए है। जबकि विभागीय अधिकारी चीनी के दाम कम होने की बात करहकर पल्ला झाड़ रहे है।




Body:VO 1 - आपको बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव के प्रचंड बहुमत् से सत्ता में आने बाद मुख्य मंत्री बनते ही योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की सभी चीनी मिलों को 14 दिन के भीतर किसानो का भुगतान करने के आदेश दिए थे। लेकिन मिल मालिकों ने सीएम योगी के आदेशों को ताक पर रखकर न सिर्फ किसानो का भुगतान रोका हुआ है बल्कि दो महीने बाद भी भुगतान नही किया है। जिसके चलते गन्ना किसानों के सामने आर्थिक संकट मंडराने लगा है। आलम यह कि मिलो से भुगतान नही होने के कारण किसान अपने बच्चों की शादी , पढ़ाई लिखाई कराना तो दूर अपने परिवार पालन पोषण भी नही कर पा रहा है। इतना ही नही पैसे की कमी के चलते आगामी फसल के लिए खाद बीज और पेस्टिसाइड्स भी नही खरीद पा रहे है। ईटीवी की टीम ने किसानों के बीच पहुच कर उनके हालात जानने की कोशिश की तो किसानों का दर्द छलक उठा। किसानों ने अपना दर्द बयां करते हुए ईटीवी को बताया कि योगी के 14 दिन में भुगतान के आदेश के बाद उन्हें उम्मीद जगी थी कि अब उनके भी दिन बहुरेंगे। लेकिन चीनी मिलों की मनमानी के आगे किसान तो क्या सरकार कुछ नही कर पा रही है। भारतीय किसान यूनियन के जिला सचिव ने बताया कि 4-5 महीने बाद भी उनका भुगतान नही हुआ है। सभी चीनी मिलों की बात करे तो सहारनपुर के किसानो का करीब 521 करोड़ रुपये मिलो पर बकाया है। जिसके चलते किसान अपना ऋण जमा नही कर पा रहे है और बैंक किसानों की आरसी जारी कर किसानों पर कार्यवाई करने की धमकी दे रहे है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार की नीयत और नीति सही हो तो किसान भूखा नही मार सकता लेकिन सरकार की गलत नीतियों के कारण किसान भुखमरी के कगार पर पहुंच गया है। किसान धीरसिंह ने बताया कि यही हाल रहा तो किसानो को सडको पर उतर आंदोलन करना पड़ेगा। किसान को अपनी फसल का भी भुगतान समय पर नही मिलेगा तो वे अपनो बच्चो को कैसे पढ़ा लिखा पाएंगे, कैसे उनकी शादी ब्याह करेंगे, कैसे अपना मकान घर बनाएंगे, बैको से लिये ऋण की क़िस्त कहां से जमा होगी, उपकरण कैसे आएंगे। वही किसान मांगेराम ने सरकार आरोप लगाते हुए कहा कि शासन प्रशासन की मिली भगत से ही चीनी मिलें मनमानी कर रही हैं। जिससे किसान भुखमरी के कगार पर पहुंच गया है। यही हाल रहा तो किसान सडको पर उतर कर आंदोलन करने को मजबूर होगा। वही गन्ना आयुक्त डॉ दिनेश्वर मिश्र का कहना है कि पिछले दिनों चीनी के दाम काफी कम हो गए थे। सहारनपुर मंडल के तीनों जिलों में 17 चीनी मिलें हैं। जिनमे से तीन सरकारी जबकि 14 निजी मील है। लेकिन अभी तक किसानों का बकाया भुगतान नही हो पाया है। उन्होंने बताया कि सहारनपुर में करीब 525 करोड़, मुजफ्फनगर 975 करोड़ और शामली 644 करोड़ जिले के किसानो का बकाया चल रहा है। बकाया भुगतान के लिए मिल मालिकों पर दबाव बनाया जा रहा है। हालांकि बकाया भुगतान की तारीख बताना संभव नही है।

बाईट - अशोक कुमार ( किसान नेता )
बाईट -धीर सिंह
बाईट - मांगेराम
बाईट - डॉ दिनेश्वर मिश्र ( गन्ना आयुक्त )


Conclusion:रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
9121293042
9759945153
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