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वर्षों से मनाई जाती हैं यहां अनूठी होली, आग की लपटों के बीच से निकलते हैं 'प्रह्लाद'

मथुरा में पुरानी परंपराओं के बीचो-बीच होलिका दहन किया गया. बाबूलाल पंडा प्रह्लाद बनकर होलिका दहन के दौरान आग की लपटों के बीचो-बीच निकलें. इस नजारे को देखने के लिए बड़ा संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं.

holika dahan
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Published : Mar 21, 2019, 9:50 AM IST

मथुरा: होली के दिन लोग एक-दूसरे को रंग लगाकर होली की शुभकामनाएं देते नजर आते हैं वहीं मथुरा के एक गांव में आज भी पुरानी परंपरा को दोहराया जाता है. परंपरा के अनुसार शुभ मुहूर्त पर होलिका दहन के समय आग की लपटों के बीचों-बीच एक इंसान गुजरता है. यह नजारा देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं.

होलिका दहन की लपटों के बीच निकले बाबूलाल पंडा


मथुरा मुख्यालय से 55 किलोमीटर दूर कोसीकला के फालेन गांव में सदियों से परंपरा चली आ रही है. इस गांव में आज भी दहकती होलिका पर परंपरा का कायम है. हर साल के मुताबिक इस बार भी पहलाद कुंड में स्नान करके होलिका की धधकती आग में से नंगे पैर बाबू लाल पंडा निकले. इसके बाद भी उन्हें किसी प्रकार की कोई खरोच नहीं आई. जिन्हें देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां पहुंचते हैं. लोगों की भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे.


वहीं स्थानीय निवासी गोविंद ने बताया कि बाबू लाल पंडा के पिता भी पहले होलिका की दहकती आग में से निकलते थे. उसी को दोहराते हुए अब उनके पुत्र बाबूलाल पंडा हर साल की तरह इस बार भी पहलाद कुंड में स्नान करके होलिका की धधकती आग पर चलकर निकले.


फालेन गांव में भक्त पहलाद का बहुत पुराना मंदिर बना हुआ है. इस मंदिर के पंडा कई दशकों से इस परंपरा का निर्वाह करते आ रहे हैं. इसके लिए एक महीने पहले से तपस्या करने पड़ता है और होलिका हदन के दिन शुभ मुहूर्त पर होलिका दहन की आग से बाबूलाल पंडा निकलते हैं.

मथुरा: होली के दिन लोग एक-दूसरे को रंग लगाकर होली की शुभकामनाएं देते नजर आते हैं वहीं मथुरा के एक गांव में आज भी पुरानी परंपरा को दोहराया जाता है. परंपरा के अनुसार शुभ मुहूर्त पर होलिका दहन के समय आग की लपटों के बीचों-बीच एक इंसान गुजरता है. यह नजारा देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं.

होलिका दहन की लपटों के बीच निकले बाबूलाल पंडा


मथुरा मुख्यालय से 55 किलोमीटर दूर कोसीकला के फालेन गांव में सदियों से परंपरा चली आ रही है. इस गांव में आज भी दहकती होलिका पर परंपरा का कायम है. हर साल के मुताबिक इस बार भी पहलाद कुंड में स्नान करके होलिका की धधकती आग में से नंगे पैर बाबू लाल पंडा निकले. इसके बाद भी उन्हें किसी प्रकार की कोई खरोच नहीं आई. जिन्हें देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां पहुंचते हैं. लोगों की भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे.


वहीं स्थानीय निवासी गोविंद ने बताया कि बाबू लाल पंडा के पिता भी पहले होलिका की दहकती आग में से निकलते थे. उसी को दोहराते हुए अब उनके पुत्र बाबूलाल पंडा हर साल की तरह इस बार भी पहलाद कुंड में स्नान करके होलिका की धधकती आग पर चलकर निकले.


फालेन गांव में भक्त पहलाद का बहुत पुराना मंदिर बना हुआ है. इस मंदिर के पंडा कई दशकों से इस परंपरा का निर्वाह करते आ रहे हैं. इसके लिए एक महीने पहले से तपस्या करने पड़ता है और होलिका हदन के दिन शुभ मुहूर्त पर होलिका दहन की आग से बाबूलाल पंडा निकलते हैं.

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मथुरा। होलिका की दहकती आग में से इस बार भी निकला बाबूलाल पंडा। शुभ मुहूर्त के अनुसार आज सुबह तड़के 4:00 बजे होलिका की आग में से निकला पंडा। इस नजारे को देखने के लिए देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु फालेन गांव पहुंचे। जिला प्रशासन ने कर रखे थे सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम। फालेन गांव में धूम धाम से खेली जा रही है होली। ढोल नगाड़े के साथ झूमते नाचते गाते हुए और रंगों की बौछार करते हुए खेली जा रही होली।


Body:दरअसल बता दे कि मथुरा मुख्यालय से 55 किलोमीटर दूर कोसीकला के फालेन गांव में सदियों से परंपरा चली आ रही है। उस गांव मे परंपरा का आज भी कायम है बाबू लाल पंडा हर साल के मुताबिक इस बार भी पहलाद कुंड में स्नान करके होलिका की धधकती आग में से नंगे पैर निकले। बाबूलाल पंडा को किसी प्रकार की कोई खरोच नहीं आई और 1 महीने की कठोर तपस्या के बाद शुभ मुहूर्त से होलिका की आग मैं से निकले बाबूलाल पंडा।


Conclusion:स्थानीय निवासी गोविंद ने कहा कि फालेन गांव में भक्त पहलाद का बहुत पुराना मंदिर बना हुआ है और कई दशकों से इस गांव में एक परंपरा चली आ रही है। बाबूलाल पंडा के पिताजी सुनील पंडा पहले होलिका की दहकती आग में से निकलते थे। उसके बाद सुनील के पुत्र बाबूलाल पंडा हर साल की मुताबिक इस बार भी पहलाद कुंड में स्नान करके होलिका की धधकती आग में से सुबह 4:00 बजे निकले ।हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने होलिका का आनंद लिया और ढोल नगाड़े के साथ रंगों की बौछार करते हुए होली खेल रहे हैं।

वाइट गोविंद स्थानीय निवासी

mathura reporter
praveen sharma
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