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हरदोई: जिले में धड़ल्ले से जारी है सफेद दूध का काला कारोबार, प्रशासन मौन - hardoi news

जिले के संडीला क्षेत्र में सिंथेटिक दूध बनाने का काम जोरों पर है. वहीं जब इस मामले पर ईटीवी भारत संवाददाता ने जिले के डीओ योगेश त्रिवेदी से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि नियमित तौर पर दूध के अवैध कारोबारियों पर छापेमार कार्रवाई की जाती है और इसके लिए तहसील स्तर के अधिकारियों को भी निर्देशित कर दिया गया है.

हरदोई: जिले में धड़ल्ले से जारी है सफेद दूध का काला कारोबार, प्रशासन मौन
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Published : Jun 7, 2019, 2:47 PM IST

हरदोई: जिले में इस दौरान धड़ल्ले से सफेद दूध का काला कारोबार जारी है. इतना ही नहीं दूध में मिलावट के अलावा सिंथेटिक दूध भी जोरों से बनाया जा रहा है, लेकिन कोई भी आलाकमान इस तरफ ध्यान देने को तैयार नहीं है. जिम्मेदारों के अनुसार जिले में मौजूद करीब सौ डेरियों से नौ हजार लीटर के आस-पास दूध होता है. जबकि खपत इन सामने आए आंकड़ों से कहीं अधिक है.

जिले में धड़ल्ले से जारी है सफेद दूध का काला कारोबार.

जिले में सिंथेटिक दूध का कारोबार जोरों पर है

  • जिला विगत लम्बे समय से दूध में मिलावट के लिए मशहूर रहा है.
  • जिसमें जिले की संडीला तहसील को इसका गढ़ माना जाता है.
  • यहां पूर्व में सिंथेटिक दूध बनाने वाली एक फैक्टरी को सीज भी किया जा चुका है.
  • जहां से करीब 2 करोड़ के दूध पाउडर, रिफाइंड, डिटर्जेंट यहां तक यूरिया भी बरामद हुई थी.
  • वहीं दूध में मिलावट का भी खेल यहां अभी भी जोरों से चालू है.
  • इस बात से जिम्मेदार अधिकारीभी इंकार नहीं कर सकते,उनका कहना है कि समय- समय पर रणनीतियां तैयार कर छापेमारी की जाती है.
  • दूध के अवैध कारोबारियों से पिछले वित्तीय वर्ष में 6 लाख 97 हजार से अधिक का जुर्माना भी वसूल किया जा चुका है.
  • इससे अंदाज़ लगाया जा सकता है कि किस तरह यहां दूध में मिलावट कर उसे जहर बनाया जा रहा है और लोगों को पिलाया जा रहा है.
  • इससे तमाम तरह के जानलेवा रोगों से लोग ग्रसित भी हो रहे हैं.
  • बात अगर सिंथेटिक दूध बनाने की हो तो 7 किलो पाउडर से करीब 100 लीटर तक दूध तैयार हो जाता है.
  • जिसकी परख भी आसानी से नहीं की जा सकती, क्योंकि इसमें भी फैट और एसएनएफ (सॉलिड नॉन फैट) की मात्रा लगभग असली जितनी ही होती है.
  • वहीं इस दौरान जिले में करीब 100 डेरियों से दूध उत्पादन हो रहा है, जो कि करीब नौ हजार लीटर से अधिक है वहीं खपत इस आंकड़े से ज्यादा की है.

नियमित तौर पर दूध के अवैध कारोबारयों पर छापेमार कार्रवाई की जाती है. वहीं वित्तीय वर्ष में 28 नमूने लिए गए थे, जिसमें 45 रिपोर्ट प्राप्त हुई थीं. जिसमेें से 14 अधोमानक रिपोर्ट मिली थी. अवैध दूध के कारोबारियों पर 6 लाख 97 हजार 500 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था.
योगेश त्रिवेदी, डीओ, खाद्य एवं औषधि प्रशासन

हरदोई: जिले में इस दौरान धड़ल्ले से सफेद दूध का काला कारोबार जारी है. इतना ही नहीं दूध में मिलावट के अलावा सिंथेटिक दूध भी जोरों से बनाया जा रहा है, लेकिन कोई भी आलाकमान इस तरफ ध्यान देने को तैयार नहीं है. जिम्मेदारों के अनुसार जिले में मौजूद करीब सौ डेरियों से नौ हजार लीटर के आस-पास दूध होता है. जबकि खपत इन सामने आए आंकड़ों से कहीं अधिक है.

जिले में धड़ल्ले से जारी है सफेद दूध का काला कारोबार.

जिले में सिंथेटिक दूध का कारोबार जोरों पर है

  • जिला विगत लम्बे समय से दूध में मिलावट के लिए मशहूर रहा है.
  • जिसमें जिले की संडीला तहसील को इसका गढ़ माना जाता है.
  • यहां पूर्व में सिंथेटिक दूध बनाने वाली एक फैक्टरी को सीज भी किया जा चुका है.
  • जहां से करीब 2 करोड़ के दूध पाउडर, रिफाइंड, डिटर्जेंट यहां तक यूरिया भी बरामद हुई थी.
  • वहीं दूध में मिलावट का भी खेल यहां अभी भी जोरों से चालू है.
  • इस बात से जिम्मेदार अधिकारीभी इंकार नहीं कर सकते,उनका कहना है कि समय- समय पर रणनीतियां तैयार कर छापेमारी की जाती है.
  • दूध के अवैध कारोबारियों से पिछले वित्तीय वर्ष में 6 लाख 97 हजार से अधिक का जुर्माना भी वसूल किया जा चुका है.
  • इससे अंदाज़ लगाया जा सकता है कि किस तरह यहां दूध में मिलावट कर उसे जहर बनाया जा रहा है और लोगों को पिलाया जा रहा है.
  • इससे तमाम तरह के जानलेवा रोगों से लोग ग्रसित भी हो रहे हैं.
  • बात अगर सिंथेटिक दूध बनाने की हो तो 7 किलो पाउडर से करीब 100 लीटर तक दूध तैयार हो जाता है.
  • जिसकी परख भी आसानी से नहीं की जा सकती, क्योंकि इसमें भी फैट और एसएनएफ (सॉलिड नॉन फैट) की मात्रा लगभग असली जितनी ही होती है.
  • वहीं इस दौरान जिले में करीब 100 डेरियों से दूध उत्पादन हो रहा है, जो कि करीब नौ हजार लीटर से अधिक है वहीं खपत इस आंकड़े से ज्यादा की है.

नियमित तौर पर दूध के अवैध कारोबारयों पर छापेमार कार्रवाई की जाती है. वहीं वित्तीय वर्ष में 28 नमूने लिए गए थे, जिसमें 45 रिपोर्ट प्राप्त हुई थीं. जिसमेें से 14 अधोमानक रिपोर्ट मिली थी. अवैध दूध के कारोबारियों पर 6 लाख 97 हजार 500 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था.
योगेश त्रिवेदी, डीओ, खाद्य एवं औषधि प्रशासन

Intro:आकाश शुक्ला हरदोई। 9919941250

एंकर---- जिले में इस दौरान धड़ल्ले से सफेद दूध का काला कारोबार जारी है। इतना ही नहीं दूध में मिलावट के अलावा सिंथेटिक दूध भी जोरों से बनाया जा रहा है। लेकिन कोई भी आलाकमान इस तरफ ध्यान देने को तैयार नहीं है।जिम्मेदारों के अनुसार जिले में मौजूद करीब सौ डेरियों से नौ हजार लीटर के आस पास दूध होता है।तो खपत इन सामने आए आंकड़ो से अधिक की है।वहीं पिछले वित्तीय वर्ष में लिए गए नमूनों में से 45 की रिपोर्ट सामने आई तो इनमें से 14 अपमिश्रित निकले हैं।तो लाखों रुपयों का जुर्माना भी इनके ऊपर लगाया जा चुका है।वहीं जिम्मेदारों की नाक के नीचे आज भी धड़ल्ले से दूध में मिलावट का खेल जारी है और ये कालेकारोबारी लोगों को दूध की आड़ में जहर पिलाने का काम कर रहे हैं।



Body:वीओ--1--हरदोई जिला विगत लम्बे समय से दूध में मिलावट के लिए मशहूर रहा है।जिसमें जिले की संडीला तहसील को इसका गढ़ माना जाता है।यहां पूर्व में सिंथेटिक दूध बनाने वाली एक फैक्टरी को सीज भी किया जा चुका है।जहां से करीब 2 करोड़ के दूध पाउडर, रिफाइंड, डिटर्जेंट यहां तक यूरिया भी बरामद हुई थी।वहीं दूध में मिलावट का भी खेल यहां जोरों से चालू है।इस बात से जिम्मेदार भी इंकार नहीं जता सके।उनका कहना है कि समय समय पर रणनीतियां तैयार कर छापेमारी की जाती है।ऐसे कारोबारियों से पिछले वित्तीय वर्ष में 6 लाख 97 हज़ार से अधिक का जुर्माना भी वसूल किया जा चुका है।इससे अंदाज़ लगाया जा सकता है कि किस तरह यहां दूध में मिलावट कर उसे जहर बनाया जा रहा है और लोगों को पिलाया जा रहा है।इससे तमाम तरह के जानलेवा रोगों से लोग ग्रसित भी हो रहे हैं।बात अगर सिंथेटिक दूध बनाने की हो तो 7 किलो पाउडर से करीब 100 लीटर तक दूध तैयार हो जाता है।जिसकी परख भी आसानी से नहीं कि जा सकती क्योंकि इसमें भी फैट और एसएनएफ (सॉलिड नॉन फैट) की मात्रा लगभग असली जितनी ही होती है।वहीं इस दौरान जिले में करीब 100 डेरियों से दूध उत्पादन हो रहा है।जो कि करीब नौ हजार लीटर से अधिक है वहीं खपत इस आंकड़े से ज्यादा की है।

विसुअल विद वॉइस ओवर

वीओ--2--इस मामले की विधिवत जानकारी से खाद्य एवं औषधि प्रशासन हरदोई के डीओ ने अवगत कराया।उन्होंने जानकारी दी कि संडीला में सीज हुई फैक्टरी से किस तरह के कैमिकल प्राप्त हुए थे।उन्होंने समय समय पर मिलावटखोरों पर शिकंजा कसने के लिए चलाए जाने वाले अभियानों की जानकारी भी दी।साथ ही पिछले वर्ष वसूल किये गए जुर्माने व लिए गए नमूनों के बारे में भी बताया।सुनिए उन्ही की जुबानी।

बाईट:योगेश त्रिवेदी--डीओ खाद्य एवं औषधि प्रशासन हरदोई

पीटूसी


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