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आगरा: खेल-कूद बच्चों के लिये जरूरी है व्यायाम - exam tips

खेल-कूद बच्चों के समुचित विकास के लिये सबसे जरूरी है. खेल-कूद को तनाव मुक्ति सबसे अच्छा साधन माना जाता है.

खेल-कूद बच्चों के लिये जरूरी व्यायाम.
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Published : Feb 19, 2019, 3:38 PM IST

आगरा: बीते 30 साल से लाफ्टर-क्लब चला रहे वरिष्ठ अधिवक्ता आंचल शर्मा ने परीक्षाओं के दौरान बच्चों के आसपास के माहौल के कुछ जरूरी नियम बताए. जैसे कि बच्चों पर तनाव हावी न हो और परीक्षा-फोबिया से कैसे उबरा जाये. इसके लिये उन्होंने माता-पिता और बच्चों को कई जरूरी टिप्स दिए.

खेल-कूद बच्चों के लिये जरूरी व्यायाम.
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कभी भी अपेक्षाओं का भारी बोझ बच्चों पर ना लादें न हीं उनकी तुलना दूसरे बच्चों से करें. ऐसा करने से बच्चा तनाव में आ जाता है. यह तनाव उनकी परीक्षाओं के दौरान प्रदर्शन पर भारी पड़ सकता है, इसलिए मां-बाप को बच्चों को खुशनुमा माहौल देना चाहिए. इसके साथ-साथ बच्चों की दिनचर्या में शामिल भोजन से लेकर नींद तक पर अभिभावकों को खासा गौर करना जरूरी है. अभिभावकों को बच्चों को किताबी किड़ा बनने के जोर भी नहीं डालना चाहिये.

आपने अक्सर सुना होगा कि..खेलोगे-कूदोगे होगे होगे खराब, पढ़ोगे-लिखोगे बनोगे नवाब लेकिन पढ़ने-लिखने के लिये एक स्वस्थ दिमाग की मांग हमेशा से रही है. कहा भी जाता है कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ दिमाग का वास होता है. एक स्वस्थ शरीर के लिये खेल-कूद को सबसे अच्छा साधन भी कहा गया है.




आगरा: बीते 30 साल से लाफ्टर-क्लब चला रहे वरिष्ठ अधिवक्ता आंचल शर्मा ने परीक्षाओं के दौरान बच्चों के आसपास के माहौल के कुछ जरूरी नियम बताए. जैसे कि बच्चों पर तनाव हावी न हो और परीक्षा-फोबिया से कैसे उबरा जाये. इसके लिये उन्होंने माता-पिता और बच्चों को कई जरूरी टिप्स दिए.

खेल-कूद बच्चों के लिये जरूरी व्यायाम.
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कभी भी अपेक्षाओं का भारी बोझ बच्चों पर ना लादें न हीं उनकी तुलना दूसरे बच्चों से करें. ऐसा करने से बच्चा तनाव में आ जाता है. यह तनाव उनकी परीक्षाओं के दौरान प्रदर्शन पर भारी पड़ सकता है, इसलिए मां-बाप को बच्चों को खुशनुमा माहौल देना चाहिए. इसके साथ-साथ बच्चों की दिनचर्या में शामिल भोजन से लेकर नींद तक पर अभिभावकों को खासा गौर करना जरूरी है. अभिभावकों को बच्चों को किताबी किड़ा बनने के जोर भी नहीं डालना चाहिये.

आपने अक्सर सुना होगा कि..खेलोगे-कूदोगे होगे होगे खराब, पढ़ोगे-लिखोगे बनोगे नवाब लेकिन पढ़ने-लिखने के लिये एक स्वस्थ दिमाग की मांग हमेशा से रही है. कहा भी जाता है कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ दिमाग का वास होता है. एक स्वस्थ शरीर के लिये खेल-कूद को सबसे अच्छा साधन भी कहा गया है.




Intro:आगरा।
माता-पिता अपने बच्चों को खेलने-कूदने दें। उन्हें खुलकर हंसने दें। खेल मैदान में भेजें। बच्चों के सर्वांगीण विकास की जरूरत है। इससे बच्चे तनाव से दूर रहेंगे। और जब बच्चे तनाव से दूर रहेंगे तो परीक्षाओं में अच्छे अंक से पास होंगे। यह कहना है आगरा में बीते 30 साल से लाफ्टर क्लब चला रहे वरिष्ठ अधिवक्ता आंचल शर्मा का। ईटीवी ने वरिष्ठ अधिवक्ता अचल शर्मा से परीक्षाओं के दौरान माता-पिता किस तरह बच्चों को माहौल दें। जिससे उन पर तनाव हावी न हो। ऐसे ही तमाम मुद्दों पर उनसे विशेष बातचीत की। उन्होंने माता-पिता और बच्चों को कई टिप्स दिए।



Body:
वरिष्ठ अधिवक्ता अचल शर्मा ने बताया कि मां-बाप बच्चों को किताबी कीड़ा ना बनाएं। उन्हें खेलने दें। खुलकर हंसने दें। उन पर अपेक्षा को हावी न करें और ना ही उनकी तुलना दूसरे स्टूडेंट से करें। ऐसा करने से भी स्टूडेंट तनाव में आ जाते हैं। यह तनाव उनकी परीक्षाओं के दौरान प्रदर्शन पर भारी पड़ सकता है। इसलिए मां-बाप को बच्चों को खुशनुमा माहौल देना चाहिए। हम भी अपने लाफ्टर क्लब में बच्चों की हंसने की प्रतियोगिताएं कराते हैं। जिसमें अधिक देर तक हंसने वाले स्टूडेंट को पुरस्कार दिया जाता है। इस वजह से हमारे क्लब में परीक्षाओं से पहले बच्चों की तादाद खूब बढ़ जाती है।
वरिष्ठ अधिवक्ता अचल शर्मा ने बताया कि परीक्षा से पहले बच्चों की मां बाप को विशेष देखभाल करनी चाहिए। उनकी दिनचर्या क्या रहती है? इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए। परीक्षा से पहले बच्चों को करीब 6 घंटे की नींद तो लेनी ही चाहिए। उन्हें गरिष्ठ भोजन से बचना चाहिए खाने में एक बार लिक्विड खाना खाना चाहिए। जिससे उनकी पाचन क्रिया सही रहेगी और उन्हें नींद भी अच्छी आएगी। मां बाप को चाहिए कि वह अपने बच्चे की तुलना किसी दूसरे बच्चे से ना करें। ऐसा करने से भी बच्चे डिप्रेशन में चले जाते हैं।
मेरा सभी मां बाप से यह कहना है कि परीक्षा से पहले बच्चों को प्रतिदिन शाम को करीब 1 घंटा खुशहाल माहौल देने के लिए उन्हें दोस्तों के साथ पास पड़ोस के बच्चों के साथ खेलने दें। खुल कर बात करने दें। जिससे उनका तनाव दूर होगा। इसकी वजह से वह तनाव मुक्त होकर फिर पढ़ाई करेंगे और एग्जाम में अच्छा स्कूल करेंगे।



Conclusion:यह खबर चेयरमैन सर की ओर से बताई गई थी। इस खबर में आगरा में 30 साल से लाफ्टर क्लब चला रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अचल शर्मा की बाइट और उनके ही लाफ्टर क्लब के कुछ विजुअल है। कुछ स्कूल के बच्चों के विजुअल हैं। अचल शर्मा के पैर का आपरेशन हुआ है। इसलिए वह चल फिर नहीं सकते हैं। इस वजह से उनके कटावेज और अन्य विजन नहीं है।
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