वाराणसी: ईटीवी भारत ने जब शालिनी यादव का टिकट कट जाने की पड़ताल की तो पूरा मामला साफ हुआ. दरअसल अखिलेश के काफी पुराने करीबी जिनको अखिलेश चाचा कहते हैं और मुलायम सिंह छोटा भाई मानते हैं. वह शालिनी यादव को टिकट दिए जाने के बाद नाराज हो गए थे.
बनारस में उनकी नाराजगी निश्चित तौर पर सपा को बड़ा नुकसान पहुंचा सकती थी. इस वजह से अखिलेश यादव ने समय रहते अपने फैसले को वापस लेकर शालिनी की जगह तेज बहादुर को बनारस से चुनाव लड़ने के लिए टिकट दे दिया.
सपा के कद्दावर नेता सुरेंद्र सिंह पटेल की वजह से कटा शालिनी यादव का टिकट
- सुरेंद्र सिंह पटेल सपा सरकार में कई बार मंत्री रह चुके हैं.
- सुरेंद्र सिंह पूर्वांचल के पटेल वोट बैंक का बड़ा चेहरा कहे जाते हैं.
- वह कांग्रेस छोड़कर सपा में आई शालिनी यादव को टिकट देने से नाराज थे.
- वह बनारस से गठबंधन के तौर पर संयुक्त या सशक्त प्रत्याशी उतारे जाने को मुखर थे.
- ऐसा प्रत्याशी न मिलने पर उन्होंने खुद के टिकट की मांग की थी.
- अखिलेश ने फोन पर कहा कि बनारस से शालिनी चुनाव नहीं लडेंगी. इसके बाद में वह सपा के लिए प्रचार करने को राजी हुए.
शालिनी यादव बनारस में समाजवादी पार्टी की टमी कैंडिडेट हैं और मुख्य प्रत्याशी के तौर पर तेज बहादुर यादव ही हैं. इसके लिए सब एकजुट हैं. मैं सभी पार्टियों से अपील करता हूं कि अभी भी समय है. अलग-अलग प्रत्याशी न उतारकर सभी लोग तेज बहादुर का समर्थन करें ताकि पीएम मोदी को अच्छी टक्कर देकर उन्हें बनारस से हराया जा सके.
सुरेंद्र सिंह, सपा नेता.
फिलहाल अखिलेश यादव के शालिनी को टिकट दिए जाने के बाद अचानक से उनका यह फैसला बदले जाने के पीछे सुरेंद्र सिंह पटेल की नाराजगी वजह मानी जा रही है. इसके बाद 2 दिन के अंदर ही अखिलेश को अपना फैसला बदलना पड़ गया.