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अंतिम दिन सपा से तेज बहादुर को टिकट दिलवाने में इस राजनेता ने निभाया अहम किरदार

समाजवादी पार्टी की तरफ से वाराणसी में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ सेना से बर्खास्त तेज बहादुर यादव को टिकट दिया गया है. इससे पहले कांग्रेस छोड़कर सपा में शामिल हुईं शालिनी यादव को टिकट दिया गया था, लेकिन नामंकन के आखिरी दिन सपा ने तेज बहादुर यादव को चुनावी मैदान में उतारा है. ऐसा क्यों हुआ इसके पीछे बड़ी वजह सामने आई है.

सुरेंद्र सिंह पटेल
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Published : Apr 30, 2019, 3:19 PM IST

वाराणसी: ईटीवी भारत ने जब शालिनी यादव का टिकट कट जाने की पड़ताल की तो पूरा मामला साफ हुआ. दरअसल अखिलेश के काफी पुराने करीबी जिनको अखिलेश चाचा कहते हैं और मुलायम सिंह छोटा भाई मानते हैं. वह शालिनी यादव को टिकट दिए जाने के बाद नाराज हो गए थे.

बनारस में उनकी नाराजगी निश्चित तौर पर सपा को बड़ा नुकसान पहुंचा सकती थी. इस वजह से अखिलेश यादव ने समय रहते अपने फैसले को वापस लेकर शालिनी की जगह तेज बहादुर को बनारस से चुनाव लड़ने के लिए टिकट दे दिया.

सुरेंद्र सिंह पटेल के साथ ईटीवी भारत की खास बातचीत.


सपा के कद्दावर नेता सुरेंद्र सिंह पटेल की वजह से कटा शालिनी यादव का टिकट

  • सुरेंद्र सिंह पटेल सपा सरकार में कई बार मंत्री रह चुके हैं.
  • सुरेंद्र सिंह पूर्वांचल के पटेल वोट बैंक का बड़ा चेहरा कहे जाते हैं.
  • वह कांग्रेस छोड़कर सपा में आई शालिनी यादव को टिकट देने से नाराज थे.
  • वह बनारस से गठबंधन के तौर पर संयुक्त या सशक्त प्रत्याशी उतारे जाने को मुखर थे.
  • ऐसा प्रत्याशी न मिलने पर उन्होंने खुद के टिकट की मांग की थी.

  • अखिलेश ने फोन पर कहा कि बनारस से शालिनी चुनाव नहीं लडेंगी. इसके बाद में वह सपा के लिए प्रचार करने को राजी हुए.

शालिनी यादव बनारस में समाजवादी पार्टी की टमी कैंडिडेट हैं और मुख्य प्रत्याशी के तौर पर तेज बहादुर यादव ही हैं. इसके लिए सब एकजुट हैं. मैं सभी पार्टियों से अपील करता हूं कि अभी भी समय है. अलग-अलग प्रत्याशी न उतारकर सभी लोग तेज बहादुर का समर्थन करें ताकि पीएम मोदी को अच्छी टक्कर देकर उन्हें बनारस से हराया जा सके.
सुरेंद्र सिंह, सपा नेता.

फिलहाल अखिलेश यादव के शालिनी को टिकट दिए जाने के बाद अचानक से उनका यह फैसला बदले जाने के पीछे सुरेंद्र सिंह पटेल की नाराजगी वजह मानी जा रही है. इसके बाद 2 दिन के अंदर ही अखिलेश को अपना फैसला बदलना पड़ गया.

वाराणसी: ईटीवी भारत ने जब शालिनी यादव का टिकट कट जाने की पड़ताल की तो पूरा मामला साफ हुआ. दरअसल अखिलेश के काफी पुराने करीबी जिनको अखिलेश चाचा कहते हैं और मुलायम सिंह छोटा भाई मानते हैं. वह शालिनी यादव को टिकट दिए जाने के बाद नाराज हो गए थे.

बनारस में उनकी नाराजगी निश्चित तौर पर सपा को बड़ा नुकसान पहुंचा सकती थी. इस वजह से अखिलेश यादव ने समय रहते अपने फैसले को वापस लेकर शालिनी की जगह तेज बहादुर को बनारस से चुनाव लड़ने के लिए टिकट दे दिया.

सुरेंद्र सिंह पटेल के साथ ईटीवी भारत की खास बातचीत.


सपा के कद्दावर नेता सुरेंद्र सिंह पटेल की वजह से कटा शालिनी यादव का टिकट

  • सुरेंद्र सिंह पटेल सपा सरकार में कई बार मंत्री रह चुके हैं.
  • सुरेंद्र सिंह पूर्वांचल के पटेल वोट बैंक का बड़ा चेहरा कहे जाते हैं.
  • वह कांग्रेस छोड़कर सपा में आई शालिनी यादव को टिकट देने से नाराज थे.
  • वह बनारस से गठबंधन के तौर पर संयुक्त या सशक्त प्रत्याशी उतारे जाने को मुखर थे.
  • ऐसा प्रत्याशी न मिलने पर उन्होंने खुद के टिकट की मांग की थी.

  • अखिलेश ने फोन पर कहा कि बनारस से शालिनी चुनाव नहीं लडेंगी. इसके बाद में वह सपा के लिए प्रचार करने को राजी हुए.

शालिनी यादव बनारस में समाजवादी पार्टी की टमी कैंडिडेट हैं और मुख्य प्रत्याशी के तौर पर तेज बहादुर यादव ही हैं. इसके लिए सब एकजुट हैं. मैं सभी पार्टियों से अपील करता हूं कि अभी भी समय है. अलग-अलग प्रत्याशी न उतारकर सभी लोग तेज बहादुर का समर्थन करें ताकि पीएम मोदी को अच्छी टक्कर देकर उन्हें बनारस से हराया जा सके.
सुरेंद्र सिंह, सपा नेता.

फिलहाल अखिलेश यादव के शालिनी को टिकट दिए जाने के बाद अचानक से उनका यह फैसला बदले जाने के पीछे सुरेंद्र सिंह पटेल की नाराजगी वजह मानी जा रही है. इसके बाद 2 दिन के अंदर ही अखिलेश को अपना फैसला बदलना पड़ गया.

Intro:वाराणसी: समाजवादी पार्टी की तरफ से वाराणसी में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कांग्रेस छोड़कर समाजवादी पार्टी में आई शालिनी यादव को टिकट दिए जाने के 2 दिन बाद नामांकन की आखिरी दिन उनकी जगह सेना से बर्खास्त तेज बहादुर यादव को टिकट दिए जाने के पीछे की बड़ी वजह सामने आई है ईटीवी भारत ने अचानक से शालिनी का टिकट काटे जाने की पड़ताल शुरू की तो पता चला की अखिलेश के काफी पुराने जिनको अखिलेश चाचा करते हैं और मुलायम छोटा भाई मानते हैं वह शालिनी यादव को टिकट दिए जाने के बाद नाराज हो गए थे बनारस में उनकी नाराजगी निश्चित तौर पर सपा को बड़ा नुकसान पहुंचा सकते थे जिसकी वजह से अखिलेश यादव ने समय रहते अपने फैसले को वापस लेकर शालिनी की जगह तेज बहादुर को बनारस से चुनाव लड़ने के लिए टिकट दे दिया यह सब समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और सपा सरकार में कई बार मंत्री रह चुके सुरेंद्र सिंह पटेल जिन की नाराजगी को दूर करते हुए अखिलेश यादव ने शालिनी का टिकट काटकर तेज बहादुर यादव को बनारस से पीएम मोदी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा है.


Body:वीओ-01 दरअसल मुलायम सरकार से लेकर अखिलेश के वक्त भी समाजवादी पार्टी की सरकारों में मंत्री पद पर रह चुके पूर्वांचल के पटेल वोट बैंक का बड़ा चेहरा कहे जाने वाले सुरेंद्र सिंह पटेल इस बात से नाराजगी थी कि शालिनी यादव जो हाल ही में कांग्रेस छोड़कर सपा में आई उनको टिकट क्यों दिया जा रहा है इस चीज का विरोध हो पहले दिन से कर रहे थे क्योंकि सुरेंद्र सिंह पटेल इस बात को लेकर काफी मुखर थे कि बनारस से गठबंधन के तौर पर संयुक्त या सशक्त प्रत्याशी उतारा जाए यदि पार्टी को यह दोनों नहीं मिलते तो फिर सुरेंद्र सिंह पटेल खुद के लिए टिकट मांग रहे हैं लेकिन जब पार्टी नहीं चीजों को नजरअंदाज कर शालिनी को टिकट दिया तो उन्होंने अखिलेश यादव के इस फैसले के खिलाफ बिगुल पटेल का कहना है की वाराणसी शालिनी यादव को टिकट मिलने के बाद मैंने यह साफ कर दिया कि मैं किसी भी हालत में शालिनी यादव के समर्थन में प्रचार नहीं करूंगा इसके लिए मैंने 28 अप्रैल को अखिलेश यादव से फोन पर बात की आज सुबह भी जब वाराणसी से सपा के सिंबल पर दो प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने की बात आई तो मैंने अखिलेश से आज भी बात की उन्होंने मुझे यह भरोसा दिया कि बनारस से शालिनी चुनाव नहीं रहेंगे इसके बाद में अब सपा के लिए प्रचार करूंगा.


Conclusion:वीओ-02 सपा के कद्दावर नेता सुरेंद्र सिंह पटेल ने ईटीवी से खास बातचीत में कहा कि शालिनी यादव बनारस में समाजवादी पार्टी की टमी कैंडिडेट हैं और मुख्य प्रत्याशी के तौर पर तेज बहादुर यादव ही हैं जिसके लिए सब एकजुट हैं और मैं सभी पार्टियों से अपील करता हूं कि अभी भी समय है अलग-अलग प्रत्याशी ना उतारकर सभी लोग तेज बहादुर का समर्थन करें ताकि पीएम मोदी को अच्छी टक्कर दे कर उन्हें बनारस से हराया जा सके फिलहाल अखिलेश यादव के शालिनी को टिकट दिए जाने के बाद अचानक से उनका यह फैसला बदले जाने के पीछे सुरेंद्र सिंह पटेल की या नाराजगी की वजह मानी जा रही है जिसके बाद 2 दिन के अंदर ही अखिलेश को अपना फैसला बदलना पड़ गया.

वन टू वन- गोपाल मिश्र, सुरेन्द्र सिंह पटेल के साथ

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