नई दिल्ली/ लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा ने 'एक देश-एक चुनाव' का विरोध कर रहे सपा-बसपा समेत विरोधी पार्टियों की कड़ी भर्त्सना की है. ईटीवी भारत को दिए साक्षात्कार में श्रीकांत शर्मा ने कहा कि इस व्यवस्था के लागू होने से देश के आर्थिक खर्च में काफी कमी आएगी और इसे विकास कार्यों में लगाया जा सकेगा. इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण में तीन तलाक और निकाह हलाला जैसी कुरीतियां को खत्म करने के लिए अध्यादेश का विरोध करने के लिए कांग्रेस को लताड़ लगाई.
राष्ट्रहित में जरूरी 'एक देश-एक चुनाव'
प्रदेश कैबिनेट मंत्री ने कहा कि देश में एक साथ चुनाव की पहल केंद्र सरकार ने की है मगर सपा-बसपा, टीएमसी और कांग्रेस जैसी पार्टियां इसका विरोध कर रही हैं. ये सभी पार्टियां देश के विकास में हमेशा से रोड़ा अटकाती रही हैं. दरअसल, ये पार्टियां 'एक देश-एक चुनाव' का नहीं बल्कि गरीबों के विकास में लगने वाले पैसे का विरोध कर रहे हैं. इससे पहले भी देश में एक साथ चुनाव होते रहे हैं. विकास विरोधी दलों की ओर से इस व्यवस्था को लागू करने का विरोध किया जा रहा है. जो दल जन्मजात नकारात्मक राजनीति करते आ रहे हैं उन्हें यह देशहित का फैसला भी नकारात्मक नजर आ रहा है.
विश्वविद्यालयों में राष्ट्रद्रोही गतिविधियों के मुद्दे पर दी प्रतिक्रिया
ईटीवी भारत संवाददाता अनामिका रत्ना से बातचीत में श्रीकांत शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश कैबिनेट में यूनिवर्सिटी कैंपस में राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के खिलाफ जो नियम लागू किया गया है उसमें विरोध की कोई गुंजाइश नहीं है. इस नियम में जितने भी बिंदु शामिल किए गए हैं वह पूरी जांच-पड़ताल और विशेषज्ञों की मदद से तैयार किए गए हैं. कुछ विश्वविद्यालय में देश के टुकड़े करने जैसे भाषण दिए गए और आतंकवादियों को शहीद बताया गया. इस तरह की गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए यह निर्णय लिया गया है. इस फैसले के बाद विश्वविद्यालयों में छात्रों को काफी सहूलियतें मिलेंगी.
राफेल मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर किया तंज
राफेल विमान सौदे पर पूछे गए सवाल पर ऊर्जा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद कांग्रेस की ओर से राफेल मामला उठाया जाना गैरजरूरी था. सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे पर पहले ही केंद्र सरकार को क्लीन चिट दे चुका है. इसके बावजूद कांग्रेस लोकसभा चुनाव के दौरान इस मुद्दे पर जनता को गुमराह करती रही और जनता ने उन्हें सिर के बल गिरा दिया. इसके बाद भी कांग्रेस को सद्बुद्धि नहीं आई. इसके अलावा राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मोबाइल पर पब्जी खेल रहे थे. इससे कांग्रेस के गैर-जिम्मेदाराना रवैये का अंदाजा लगाया जा सकता है.