वाराणसी : पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में उनके संसदीय कार्यालय से पहले आचार्य रामचंद्र शुक्ल चौराहे पर आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले शिक्षामित्र भूख हड़ताल पर बैठे हैं. समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग को लेकर शिक्षामित्र का आंदोलन तीसरे दिन भी जारी रहा.
पीएम मोदी के वादे को याद दिलाते हुए शिक्षामित्रों ने जमकर नारेबाजी की. नारेबाजी में उन्होंने कहा "संकल्प है शिक्षामित्रों से मित्रता निभाएंगे, पूर्वांचल के शिक्षामित्रों को न्याय दिलाएंगे" इसी नारों के साथ सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता जनसंपर्क कार्यालय के पास भूख हड़ताल पर बैठे हैं. वहीं शिक्षामित्रों ने रविंद्रपुरी प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय के पास सिद्धि बुद्धि यज्ञ भी किया.
आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर असोशिएशन उत्तर प्रदेश प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र शाही ने बताया की 18 सितंबर 2015 को माननीय प्रधानमंत्री ने अपने संकल्प पत्र पर शिक्षामित्रों की बात कही थी. आज 4 साल पूरे होने जा रहे हैं. हम वाराणसी में जनसंपर्क कार्यालय के पास प्रधानमंत्री को इस बात को याद दिलाने आए हैं कि वह अपना वादा भूल गए इसके लिए हम लोग 3 दिन का भूख हड़ताल पर यहां प्रदर्शन कर रहे हैं.
समायोजन समेत पांच सूत्री मांगों को लेकर मंगलवार को शिक्षामित्रों ने बृहस्पतिवार से प्रधानमंत्री से रवीन्द्रपुरी स्थित जनसंपर्क कार्यालय पर भूख हड़ताल शुरू कर दी है. उनकी हड़ताल का आज तीसरा दिन है. आदर्श समायोजित शिक्षक (शिक्षामित्र) वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले जुटे सैकड़ों शिक्षामित्रों ने कहा कि अब आर-पार की लड़ाई होगी. समायोजन के संबंध में शिक्षामित्रों ने प्रधानमंत्री के किये वादों की याद दिलाई और तीन दिनों तक भूख हड़ताल पर रहने की बात कही.
शिक्षामित्रों की हड़ताल को देखते हुए पीएम के जनसंपर्क कार्यालय पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हैं.
शिक्षामित्र एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष जितेंद्र शाही ने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी में एक सभा के दौरान आश्वासन दिया था कि प्रदेश के 1.65 लाख शिक्षामित्रों की जिम्मेदारी मेरी है. प्रदेश सरकार से मिलकर इसका हल जल्द निकाला जाएगा. लेकिन इस दिशा में कुछ नहीं हुआ. सरकार अपने वादों पर अमल करे और शिक्षामित्रों को समायोजित करे.
शिक्षामित्रों ने कहा कि उनकी पांच सूत्री मांगे हैं. उन्हें समायोजित किया जाए, टीईटी में छूट मिले, समान कार्य के लिए समान वेतन, मृत समायोजित शिक्षामित्रों के परिवार को नौकरी और शिक्षामित्रों पर हुए फर्जी मुकदमे वापस लिए जाएं. भूख हड़ताल पर जितेंद्र शाही, अजयधर दूबे, दिलीप त्रिपाठी, राजेश दूबे, सजल यादव, राजकुमार सिंह, संतोष कुमार मिश्र, माला सिंह, अनिल कुमार पांडेय और जयप्रकाश दूबे बैठे हैं। वहीं उनके समर्थन में अनेक शिक्षामित्र मौके पर जुटे हुए हैं.