बुलंदशहर: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हुई हिंसा के मामले में आरोपियों पर राजद्रोह की धारा लगेगी. योगी सरकार ने राजद्रोह की धारा लगाने की अनुमति दे दी है. बुलंदशहर के कोतवाली स्याना के गांव चिगरावठी में गोकशी के बाद हिंसा हुई थी, जिसमें युवक और इंस्पेक्टर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. स्याना थाना क्षेत्र की चिंगारी अभी तक भी पूरी तरह से शांत नहीं हुई है. इस मामले में जेल में बंद सभी आरोपों पर राजद्रोह की धारा लगाने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.
बुलंदशहर स्याना हिंसा में आरोपियों के खिलाफ लगेगी राजद्रोह की धारा:
- स्याना थाना क्षेत्र के चिंगरावठी इलाके में हुई इस हिंसा में सीओ समेत कुछ पुलिसकर्मी जख्मी भी हुए थे.
- यह हिंसा उस समय हुई थी, जब क्षेत्र में तीन दिन से चल रहे मुस्लिम समुदाय के इज्तिमा का समापन था.
- इस मामले में अब तक 44 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है.
- पुलिस के मुताबिक इलाके में गोकशी की अफवाह फैलने के बाद आस-पास के कई गांव से लोग चिंगरावठी चौकी पहुंच गए थे.
- इसके बाद थाने में जमकर तांडव मचाया था.
- इस दौरान पत्थरबाजी और फायरिंग की गई थी और साथ ही थाने को आग के हवाले कर दिया गया था.
- इस दौरान जब इंस्पेक्टर सुबोध कुमार भीड़ को समझाने का प्रयास कर रहे थे, तभी उनको गोली मार दी गई थी
- गोली लगने के बाद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की मौत हो गई थी.
बुलंदशहर हिंसा में 44 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट
पिछले साल 3 दिसंबर को बुलंदशहर के स्याना कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत महत्व गांव में गोवंशों के अवशेष मिलने के बाद स्थानीय चिंगरावठी पुलिस चौकी पर जो हिंसा का पूरा घटनाक्रम हुआ था ,उसकी गूंज देश भर में सुनी गई थी, इस बहुचर्चित घटनाक्रम में जहां एक इंस्पेक्टर की जान चली गई थी. वहीं एक नवयुवक की भी दर्दनाक मौत हुई थी, तो वहीं बलवाइयों ने पुलिस चौकी पर भी जबरजस्त तोड़फोड़ कर पुलिस चौकी समेत वहां खड़े वाहनों में भी आग लगा दी थी, इस मामले में पूर्व में एसआईटी ने राजद्रोह की धारा लगाते हुए हिंसा के आरोपियों के ख़िलाफ़ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी, लेकिन हिंसा के आरोप में पकड़े गए लोगों की तरफ से पैरवी करते हुए उनके अधिवक्ताओं ने तब हवाला दिया था कि बजना शासन की अनुमति के राजद्रोह की धारा 124-ए, न्यायोचित नहीं है,
इस हिंसा में पुलिस ने करीब 27 लोगों को नामजद और 50 से 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया था. अब तक पुलिस इस मामले में 44 आरोपियों को जेल की सलाखों के पीछे चुकी है. इन सभी पर अब राज्यों की धारा भी लगाने के लिए एसआईटी ने फाइल दाखिल कर दी है, जिस पर सुनवाई होनी है.पूर्व में एसआईटी ने राजद्रोह की धारा के संबंध में शासन से अनुमति प्राप्त नहीं की थी.
स्याना बवाल के आरोपितों पर राजद्रोह की धारा लगाने की शासन से अनुमति मिल गई है. कोर्ट में फाइल प्रस्तुत कर दी है. शुक्रवार को अदालत का निर्णय आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
- राघवेंद्र मिश्रा, सीओ स्याना