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कासगंज के इस वैज्ञानिक ने तेजस विमान को बनाने में दिया है अहम योगदान

यूं तो वैदिक काल से उत्तर प्रदेश का जनपद कासगंज अनेक महापुरुषों की जन्म भूमि रहा है. स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस सहित अनेक रक्षा उपकरणों को तैयार करने में इसी धरती पर जन्मे वैज्ञानिक रामकिशोर ने अहम भूमिका निभाई है.

वैज्ञानिक रामकिशोर
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Published : Mar 6, 2019, 11:36 PM IST

कासगंज: भारत में बने जिस प्रथम स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस के लिए बीती 21 फरवरी को फाइनल ऑपरेशन क्लियरेंस दिया जा चुका है, इसे बनाने वाली टीम में कासगंज जनपद के पटियाली के रहने वाले वैज्ञानिक राम किशोर मिश्रा भी शामिल हैं. तेजस के अलावा वैज्ञानिक रामकिशोर ने एंटी टैंक मिसाइल गाइडेंस प्रणाली और टोही विमान के एरोनॉटिकल डेवलपमेंट स्टेब्लिसमेन्ट के लिए भी कार्य किया है.

वैज्ञानिक रामकिशोर ने की ईटीवी भारत से खास बातचीत.

ईटीवी से खास बातचीत में वैज्ञानिक रामकिशोर मिश्रा ने बताया कि उन्होंने तेजस लड़ाकू विमान के कॉकपिट डिस्प्ले के डेपलेपमेंट पर कार्य किया है. वह 1995 से 2006 तक पूर्ण रूप से स्वदेशी तेजस लड़ाकू विमान बनाने वाली भारतीय एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी के शीर्ष पांच सदस्यीय वैज्ञानिक टीम का हिस्सा रहे हैं. उन्होंने बताया कि टोही विमान जो बिना पायलट के होता है उसके कैमरे में रात और दिन में फोटो लेने की जो क्षमता है उसे विकसित करने लिए हमने कार्य किया.

कासगंज: भारत में बने जिस प्रथम स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस के लिए बीती 21 फरवरी को फाइनल ऑपरेशन क्लियरेंस दिया जा चुका है, इसे बनाने वाली टीम में कासगंज जनपद के पटियाली के रहने वाले वैज्ञानिक राम किशोर मिश्रा भी शामिल हैं. तेजस के अलावा वैज्ञानिक रामकिशोर ने एंटी टैंक मिसाइल गाइडेंस प्रणाली और टोही विमान के एरोनॉटिकल डेवलपमेंट स्टेब्लिसमेन्ट के लिए भी कार्य किया है.

वैज्ञानिक रामकिशोर ने की ईटीवी भारत से खास बातचीत.

ईटीवी से खास बातचीत में वैज्ञानिक रामकिशोर मिश्रा ने बताया कि उन्होंने तेजस लड़ाकू विमान के कॉकपिट डिस्प्ले के डेपलेपमेंट पर कार्य किया है. वह 1995 से 2006 तक पूर्ण रूप से स्वदेशी तेजस लड़ाकू विमान बनाने वाली भारतीय एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी के शीर्ष पांच सदस्यीय वैज्ञानिक टीम का हिस्सा रहे हैं. उन्होंने बताया कि टोही विमान जो बिना पायलट के होता है उसके कैमरे में रात और दिन में फोटो लेने की जो क्षमता है उसे विकसित करने लिए हमने कार्य किया.

Intro:स्लग- कासगंज के इस वैज्ञानिक का तेजस विमान के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान रहा है


एंकर-यूं तो वैदिक काल से उत्तर प्रदेश का जनपद कासगंज अनेक महापुरुषों की जन्म भूमि रहा है। आज इसी कासगंज की पटियाली में जन्मे गौरवशाली व्यक्तित्व के धनी और देश की रक्षा के लिए तैयार स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस सहित अनेक रक्षा उपकरणों को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले वैज्ञानिक रामकिशोर मिश्रा से ईटीवी ने Exclusive बातचीत की।


Body:वीओ-1-आपको बता दें भारत मे ही बने जिस प्रथम स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस के लिए विगत 21 फरवरी को फाइनल ऑपरेशन क्लियरेंस दिया जा चुका है इसे बनाने वाली टीम में कासगंज जनपद की पटियाली के निवासी वैज्ञानिक राम किशोर मिश्रा भी शामिल रहे हैं।तेजस के अलावा वैज्ञानिक रामकिशोर ने एंटी टैंक मिसाइल गाइडेंस प्रणाली,और टोही विमान के एरोनॉटिकल डेवपलपमेंट स्टेब्लिसमेन्ट के लिए भी कार्य किया है।

वीओ-2- वैज्ञानिक रामकिशोर मिश्रा ने बताया कि उन्होंने तेजस लड़ाकू विमान के कॉकपिट डिस्प्ले के डेपलेपमेंट पर कार्य किया है।वह 1995 से 2006 तक पूर्ण रूप से स्वदेशी तेजस लड़ाकू विमान बनाने वाली भारतीय एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी के शीर्ष पांच सदस्यीय वैज्ञानिक टीम का हिस्सा रहे हैं।
वहीं टोही विमान जो बिना पायलट के होता है उसके कैमरे में रात और दिन में फोटो लेने की जो क्षमता है उसे विकसित करने लिए हमने कार्य किया।

वीओ-3-वन टू वन -राम किशोर मिश्रा (वैज्ञानिक)


Conclusion:प्रशांत शर्मा
रिपोर्टर-कासगंज
09760810106
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