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भदोही: प्रॉक्सी सिस्टम में कोटेदारों का खेल, दोषियों पर होगी कार्रवाई

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Published : Jul 1, 2019, 7:22 AM IST

राशन वितरण में घपले-घोटाले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं. ई-पॉस मशीन लगने के बाद अब दुकानदार प्रॉक्सी सिस्टम में फर्जीवाड़ा कर रहे हैं. दरअसल जिले के ग्रामीण अंचल में 120 दुकानदारों ने 10 फीसद से अधिक वितरण प्रॉक्सी सिस्टम के जरिये कर दिया है.

प्रॉक्सी सिस्टम में कोटेदार कर रहे खेल

भदोही: राशन वितरण में घोटाले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं, सारी सिस्टम ऑनलाइन कर दिया गया है. इलेक्ट्रॉनिक तरीके से राशन वितरण होने के बावजूद भी इस विभाग से भ्रष्टाचार दूर नहीं हो पा रहा है. जिले के ग्रामीण सुदूर इलाकों में 150 दुकानदारों ने वितरण 10 फ़ीसदी से अधिक कर दिया है. कोटेदारों के इस खेल से किस तरीके से निजात पाई जाए, इसका तरीका किसी को अभी तक नहीं सूझ रहा है.

प्रॉक्सी सिस्टम में दुकानदारों का फर्जीवाड़ा

प्रॉक्सी सिस्टम से अनाज वितरण

  • 120 से ज्यादा दुकानों में 10 फ़ीसदी से ज्यादा प्रॉक्सी सिस्टम से कोटेदार कार्ड धारकों को बैगर अंगूठा लगाए राशन वितरण कर रहे हैं
  • आपूर्ति विभाग प्रॉक्सी सिस्टम से अनाज वितरण करने वाले कोटेदारों पर लगाम लगाने में जुटा हुआ है.
  • जनपद भर के कोटे की दुकानों पर जिला पूर्ति अधिकारी निर्देश से निरीक्षण कर निगरानी में अनाज वितरण कराया जा रहा है.

प्रॉक्सी सिस्टम में कोटेदार कर रहे खेल

  • कोटे की दुकानों से की जा रही कालाबाजारी पर अंकुश लग नहीं पा रहा है.
  • ई-पॉस मशीन लगने के बाद दुकानदार प्रॉक्सी सिस्टम में फर्जीवाड़ा कर रहे हैं.
  • जून में डेढ़ सौ से अधिक दुकानदारों ने 10 फीसद से अधिक कार्डधारकों को बगैर अंगूठा लगाए राशन का वितरण कराया है.

क्या है वितरण की प्रक्रिया

कालाबाजारी को रोकने के लिए आपूर्ति विभाग नगरीय और ग्रामीण क्षेत्र में अनाज और तेल का वितरण कराया जाता है. पारदर्शिता बरतने के लिए विभाग द्वारा ई-पास मशीन पर अंगूठा लगवाकर याआंख की पुतली (आइरिश) से पहचान कर पात्र कार्डधारकों को अनाज का वितरण कराने की व्यवस्था है.

कोटेदारों ने फर्जी तरीके से अपने खास लोगों के नाम सूची में शामिल करा लिये हैं. प्रत्येक माह यह बहाना किया जाता है कि आयरिश और अंगूठा मैच नहीं कर रहा है. इसके कारण वितरण किया जाना संभव नहीं है. विभागीय तालमेल से प्रॉक्सी सिस्टम की अनुमति ले ली जाती है. फिर क्या कोटेदार ई-पास मशीन की बजाए कार्डधारकों को रजिस्टर पर दर्ज कर प्रॉक्सी माध्यम से अनाज का वितरण कर देते हैं. प्रॉक्सी सिस्टम से वितरण करने वाले कोटेदारों की जांच कराई जायेगी. जिले में शहरी क्षेत्रों की स्थिति ठीक है लेकिन ग्रामीण क्षत्रों में अब भी कोटेदार नहीं मान रहे हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी. अगर वह फिर भी नहीं सुधरते हैं, तो उनका कोटा भी निरस्त किया जा सकता है.

-अमित कुमार तिवारी, जिला पूर्ति अधिकारी

भदोही: राशन वितरण में घोटाले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं, सारी सिस्टम ऑनलाइन कर दिया गया है. इलेक्ट्रॉनिक तरीके से राशन वितरण होने के बावजूद भी इस विभाग से भ्रष्टाचार दूर नहीं हो पा रहा है. जिले के ग्रामीण सुदूर इलाकों में 150 दुकानदारों ने वितरण 10 फ़ीसदी से अधिक कर दिया है. कोटेदारों के इस खेल से किस तरीके से निजात पाई जाए, इसका तरीका किसी को अभी तक नहीं सूझ रहा है.

प्रॉक्सी सिस्टम में दुकानदारों का फर्जीवाड़ा

प्रॉक्सी सिस्टम से अनाज वितरण

  • 120 से ज्यादा दुकानों में 10 फ़ीसदी से ज्यादा प्रॉक्सी सिस्टम से कोटेदार कार्ड धारकों को बैगर अंगूठा लगाए राशन वितरण कर रहे हैं
  • आपूर्ति विभाग प्रॉक्सी सिस्टम से अनाज वितरण करने वाले कोटेदारों पर लगाम लगाने में जुटा हुआ है.
  • जनपद भर के कोटे की दुकानों पर जिला पूर्ति अधिकारी निर्देश से निरीक्षण कर निगरानी में अनाज वितरण कराया जा रहा है.

प्रॉक्सी सिस्टम में कोटेदार कर रहे खेल

  • कोटे की दुकानों से की जा रही कालाबाजारी पर अंकुश लग नहीं पा रहा है.
  • ई-पॉस मशीन लगने के बाद दुकानदार प्रॉक्सी सिस्टम में फर्जीवाड़ा कर रहे हैं.
  • जून में डेढ़ सौ से अधिक दुकानदारों ने 10 फीसद से अधिक कार्डधारकों को बगैर अंगूठा लगाए राशन का वितरण कराया है.

क्या है वितरण की प्रक्रिया

कालाबाजारी को रोकने के लिए आपूर्ति विभाग नगरीय और ग्रामीण क्षेत्र में अनाज और तेल का वितरण कराया जाता है. पारदर्शिता बरतने के लिए विभाग द्वारा ई-पास मशीन पर अंगूठा लगवाकर याआंख की पुतली (आइरिश) से पहचान कर पात्र कार्डधारकों को अनाज का वितरण कराने की व्यवस्था है.

कोटेदारों ने फर्जी तरीके से अपने खास लोगों के नाम सूची में शामिल करा लिये हैं. प्रत्येक माह यह बहाना किया जाता है कि आयरिश और अंगूठा मैच नहीं कर रहा है. इसके कारण वितरण किया जाना संभव नहीं है. विभागीय तालमेल से प्रॉक्सी सिस्टम की अनुमति ले ली जाती है. फिर क्या कोटेदार ई-पास मशीन की बजाए कार्डधारकों को रजिस्टर पर दर्ज कर प्रॉक्सी माध्यम से अनाज का वितरण कर देते हैं. प्रॉक्सी सिस्टम से वितरण करने वाले कोटेदारों की जांच कराई जायेगी. जिले में शहरी क्षेत्रों की स्थिति ठीक है लेकिन ग्रामीण क्षत्रों में अब भी कोटेदार नहीं मान रहे हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी. अगर वह फिर भी नहीं सुधरते हैं, तो उनका कोटा भी निरस्त किया जा सकता है.

-अमित कुमार तिवारी, जिला पूर्ति अधिकारी

Intro:राशन वितरण में घोटाले कम होने के नाम नहीं ले रहे हैं सारी चीजें ऑनलाइन कर दी गई इलेक्ट्रॉनिक तरीके से राशन वितरण होने लगा कि इसके बावजूद भी इस विभाग का करप्शन दूर नहीं हो पा रहा है ईपास मशीनें लगने के बाद अब दुकानदार प्राप्त कर रहे हैं जिले के ग्रामीण सुदूर इलाकों में 150 दुकानदारों में 10 फ़ीसदी से अधिक कर दिया है कोटेदारों से किस तरीके से निजात पाया जाए इसका तरीका किसी को अभी तक नहीं सूझ रहा है


Body:जिले में 150 से ज्यादा दुकानें ऐसी हैं जिन्होंने 10 फ़ीसदी से ज्यादा प्रॉक्सी सिस्टम से कोटेदार कार्ड धारकों को बैगर अंगूठा लगाए राशन वितरण कराया है आपूर्ति विभाग ने प्राची के तरीके से अनाज वितरण करने वाले कोटेदारों पर लगाम लगाने में जुटा हुआ है प्रार्थी अनाज वितरण करने वाले जनपद भर के कोटे की दुकानों पर जिला पूर्ति अधिकारी अमित कुमार तिवारी के निर्देश में टीमों ने निरीक्षण करते हुए निगरानी में अनाज वितरण करवाया है साथ ही हिदायत दी है कि जिन बुजुर्गों का अंगूठा या आयरिश किसी कारण से ईपास मशीन में नहीं मिल पा रहा है केवल उन्हीं को प्रार्थी से अनाज वितरण करें प्राची इसलिए लाया गया ताकि बुजुर्ग लोगों का और हाथ का अंगूठा इलेक्ट्रॉनिक स्कैनिंग में ना आए उनको सिस्टम के जरिए आसानी से अनाज वितरित कर दिया जाए


Conclusion:लेकिन जिला में अधिकतर कोटेदार इसका गलत फायदा उठा रहे हैं क्योंकि प्राप्ति सिस्टम में सिर्फ पहचान पत्र के चार अंक चाहिए होते हैं इसके बाद राशन दे दिया जाता है लेकिन सरकार ने सिर्फ इस का 10 परसेंट लिमिट रखा है लेकिन कोटेदार फर्जी तरीके से अपने खास के नाम सूची में शामिल करा लिए हैं और प्रत्येक में उन्हें प्राची तरीके से बिना अनाज दिए गबन कर जा रहे हैं प्राची सिस्टम से वितरण करने वाले कोटेदारों की जांच कराई गई है जिला पूर्ति अधिकारी अमित कुमार तिवारी ने बात करते हुए बताया कि जिसमें करीब 150 कोटेदार ऐसे हैं जिनके ऊपर कार्यवाही किया गया है ऐसे लोग खिलाफ जल्द ही प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी और उनके ऊपर मुकदमा किया जाएगा अगर वह चेतावनी के बाद भी नहीं सुधारते हैं तो उनका कोटा भी निरस्त किया जा सकता है
जिला पूर्ति अधिकारी अमित कुमार तिवारी की byte
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