सहारनपुर : सरकार ने 2011 में शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू किया था. इसके तहत गरीब परिवार के बच्चे प्राइवेट स्कूलों में दाखिला ले सकते हैं और उनका पूरा खर्च सरकार वहन करेगी. वहीं जहां अभी लोगों में जगरूकता की कमी के चलते आवेदन काफी कम आते थे, वहीं अब दिन-प्रतिदिन आवेदनों की संख्या बढ़ रही है.
प्रभारी बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय भारती ने बताया कि शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत एक मार्च से 31 मार्च तक आवेदन मंगवाए हैं. एक अप्रैल से शैक्षिक सत्र शुरू होने पर शिक्षा अधिकार अधिनियम के अंतर्गत लॉटरी से बच्चों का चयन किया जाता है. इसके लिए शहरी इलाकों में ऑनलाइन और ग्रामीण इलाकों में ऑफलाइन आवेदन किये जा रहे हैं. बाकायदा शासनादेश अनुसार वेबसाइट पर स्कूलों के नामों की लिस्ट भी डाली गई है, ताकि अभिभावक सुविधानुसार अपने बच्चे का दाखिला घर के निकटम स्कूल में करा सके.
जिले में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के 450 से ज्यादा स्कूलों की मैपिंग का ब्योरा वेबसाइट पर डाला गया है. पिछले साल करीब 1567 बच्चों ने उस योजना का लाभ उठाया था और सत्र 2019-2020 के लिए यह संख्या बढ़ने की संभावना है. उन्होंने बताया कि सरकार से बच्चों के लिए पांच हजार रुपये किताबों और स्कूल ड्रेस के लिए अभिभावकों को दिए जाते हैं, जबकि 450 रुपये सरकर ने निर्धारित स्कूल फीस के लिए सीधे स्कूलों में जमा कराई जाती है.